भारतीय शेयर बाजार में Elcid Investment का शेयर हाल ही में चर्चा का विषय बन गया था। यह शेयर रातों-रात इतना ऊपर चला गया कि उसने देश के सबसे महंगे शेयर एमआरएफ लिमिटेड को भी पीछे छोड़ दिया। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, और निवेशक भारी नुकसान झेल रहे हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह शेयर इतनी तेजी से कैसे बढ़ा और फिर अचानक इतनी गिरावट क्यों आई।

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Elcid Investment Share: तेजी से उछाल और गिरावट
बीते कुछ महीनों में Elcid Investment का शेयर निवेशकों के लिए सोने की खान साबित हुआ था। अक्टूबर 2024 में इसकी कीमत मात्र ₹3.53 थी, और इसमें ट्रेडिंग भी नहीं हो रही थी। लेकिन कुछ नियमों में बदलाव के कारण यह शेयर अचानक तेजी से उछला। नवंबर 2024 में यह ₹3.32 लाख के स्तर तक पहुंच गया, जिससे निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ। कई निवेशक रातों-रात करोड़पति बन गए। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिक सकी, क्योंकि इसके बाद इस शेयर में जबरदस्त गिरावट शुरू हो गई।
8 नवंबर 2024 के बाद से इस शेयर की कीमत गिरनी शुरू हुई, और यह 1 जनवरी 2025 तक ₹1.28 लाख पर आ गया। 9 दिसंबर 2024 को यह ₹22.15 लाख पर पहुंचा, लेकिन फिर इसमें लगातार गिरावट देखने को मिली। 28 जनवरी 2025 तक यह ₹17,800 तक लुढ़क गया।
शेयर की कीमत में उछाल के पीछे का कारण
Elcid Investment के शेयर की कीमत में अचानक उछाल आने का मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बनाए गए कुछ नए नियम थे। 2018 में IL&FS जैसी प्रमुख इन्वेस्टमेंट कंपनी के दिवालिया होने के बाद RBI ने 2021 में नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) के लिए कड़े नियम लागू किए। इन नियमों के तहत बड़े कारोबारी समूहों की होल्डिंग कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट करना जरूरी कर दिया गया।
इन कंपनियों के शेयरों में आमतौर पर कम ट्रेडिंग होती थी, जिससे उनकी सही वैल्यूएशन नहीं हो पाती थी। बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नया मैकेनिज्म विकसित किया, जिसे स्टॉक कॉल ऑप्शन कहा गया। इसी मैकेनिज्म के तहत Elcid Investment के शेयर को स्पेशल स्टॉक कॉल ऑक्शन में शामिल किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस शेयर की कीमत एक ही दिन में ₹67,000 बढ़ गई और यह ₹3 लाख के पार पहुंच गया।
Elcid Investment Share में गिरावट के कारण
जितनी तेजी से यह शेयर ऊपर गया, उतनी ही तेजी से यह गिर भी गया। इसके पीछे कई कारण थे:
- ओवरवैल्यूएशन (Overvaluation): अचानक से इतने अधिक रिटर्न के कारण कई निवेशकों ने भारी मात्रा में शेयर खरीद लिए थे, जिससे इसका मूल्य कृत्रिम रूप से बढ़ गया। जब निवेशकों को यह एहसास हुआ कि यह कीमत टिकने वाली नहीं है, तो उन्होंने इसे बेचना शुरू कर दिया, जिससे इसका भाव गिरने लगा।
- मार्केट करेक्शन (Market Correction): जब कोई शेयर असामान्य रूप से ज्यादा बढ़ता है, तो बाजार स्वाभाविक रूप से उसे सही स्तर पर लाने की कोशिश करता है। Elcid Investment के साथ भी यही हुआ।
- निवेशक घबराहट (Panic Selling): जब शेयर की कीमत गिरनी शुरू हुई, तो निवेशकों में घबराहट फैल गई। उन्होंने तेजी से अपने शेयर बेचना शुरू कर दिए, जिससे इसकी कीमत और नीचे चली गई।
- कम ट्रेडिंग वॉल्यूम: Elcid Investment जैसे शेयरों में ज्यादा ट्रेडिंग नहीं होती है। जब कीमत बढ़ी तो निवेशकों की रुचि बढ़ी, लेकिन जैसे ही गिरावट आई, खरीदारी बंद हो गई, जिससे गिरावट तेज हो गई।
निवेशकों के लिए सबक
Elcid Investment के इस उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को कई महत्वपूर्ण सबक दिए हैं:
- बाजार की चाल को समझें: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी की बैकग्राउंड और उसके फंडामेंटल्स को समझना बहुत जरूरी है।
- जल्दबाजी में निवेश न करें: किसी भी शेयर में अचानक उछाल आने पर बिना रिसर्च किए उसमें निवेश करने से बचें।
- जोखिम का आकलन करें: हर निवेश में जोखिम होता है। इसलिए निवेश करने से पहले उसके संभावित नुकसान को ध्यान में रखना चाहिए।
- लंबी अवधि की योजना बनाएं: शेयर बाजार में शॉर्ट-टर्म निवेश में ज्यादा जोखिम होता है। बेहतर है कि लंबी अवधि की योजना बनाकर निवेश किया जाए।
निष्कर्ष
Elcid Investment का यह उतार-चढ़ाव दर्शाता है कि शेयर बाजार में हर अवसर के साथ जोखिम भी जुड़ा होता है। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक नियम बदलाव के कारण कोई शेयर अचानक आसमान छू सकता है और फिर उसी तेजी से गिर भी सकता है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की चाल को समझकर ही निवेश करना चाहिए।
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