इन दिनों एक बड़ा सवाल निवेशकों के बीच छाया हुआ है: गोल्ड (सोना) और सेंसेक्स में से कौन पहले 1 लाख के आंकड़े को छूने में सफल होगा? दोनों ही तेजी से इस मील के पत्थर की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस सवाल का सही जवाब कौन देगा? आइए जानते हैं कि विशेषज्ञ इस बारे में क्या सोचते हैं।
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सोने के 1 लाख के आंकड़े तक पहुंचने की संभावना ज्यादा
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना ज्यादा है। इसका कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, भू-राजनीतिक घटनाक्रम और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का फिर से राष्ट्रपति बनना है। वैश्विक आर्थिक असंतुलन, ट्रेड वार्स और अन्य घटनाएं सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं, सेंसेक्स को लेकर यह अनुमान है कि वह 2025 तक 95,000 के स्तर तक पहुंच सकता है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सेंसेक्स, सोने को पीछे छोड़ते हुए इस लक्ष्य को पहले हासिल कर सकता है।
सोना या सेंसेक्स: पिछले 6 सालों का प्रदर्शन
अगर हम पिछले 6 वर्षों के प्रदर्शन की बात करें तो सोने ने औसतन 16.5% का रिटर्न दिया है, जबकि सेंसेक्स ने औसतन 14% का रिटर्न दर्ज किया है। 2024 में सोने ने 21% का रिटर्न दिया, जबकि सेंसेक्स में केवल 9% की वृद्धि हुई। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि सोना पिछले कुछ समय में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ब्रोकरेज हाउस के अनुमान के अनुसार, सोना पहले 1 लाख के आंकड़े तक पहुंच सकता है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और ट्रंप का प्रभाव इस दिशा में सहायक हो सकते हैं।
क्या सेंसेक्स भी सोने को पछाड़ सकता है?
एडीएसी सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 में यह कहना मुश्किल है कि सोना और सेंसेक्स दोनों 1 लाख तक पहुंच पाएंगे, लेकिन सोने की संभावना ज्यादा दिखाई दे रही है। एक्सेस सिक्योरिटीज के राजेश पाल्विया का कहना है कि सोना और सेंसेक्स दोनों को 2026 तक 1 लाख तक पहुंचने में समय लग सकता है, लेकिन सेंसेक्स में अधिक वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
बाजार के वर्तमान हालात और भविष्य की दिशा
पिछले तीन महीनों में डॉलर इंडेक्स में 7% की वृद्धि देखी गई है, जिससे सोने की कीमतों में 4% की गिरावट आई है। वहीं, सेंसेक्स में 9% की गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में सेंसेक्स के कुछ खास क्षेत्रों जैसे आईटी, हेल्थकेयर, बैंकिंग और रियल एस्टेट में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद शेयर बाजार में आमतौर पर तेजी देखने को मिलती है, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतियां भी असर डाल सकती हैं।
क्या निवेश के लिए यह सही समय है?
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकरेज के विशेषज्ञ मानते हैं कि शेयर बाजार में धीरे-धीरे बढ़त की संभावना है, खासकर आईटी, हेल्थकेयर, बैंकिंग, रियल एस्टेट और बड़ी कंपनियों में निवेश करने के लिए यह अच्छा समय हो सकता है। बजाज ब्रोकिंग ने भी भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रुख दिखाया है। पिछले 45 वर्षों में शेयर बाजार ने औसतन 17% से लेकर 37% तक का रिटर्न दिया है।
निष्कर्ष: सोना या सेंसेक्स?
अब यह सवाल रह जाता है कि गोल्ड या सेंसेक्स में से कौन पहले 1 लाख के आंकड़े को छूने वाला है। मार्केट एक्सपर्ट्स अभी इस पर उधेड़बुन में हैं, और निवेशकों के बीच भी यह उलझन बनी हुई है। आपको क्या लगता है? क्या सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचेगा, या सेंसेक्स पहले इस मील के पत्थर को छुएगा? कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर शेयर करें!
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