ITC लिमिटेड की डी-मर्जर की कहानी पिछले डेढ़ साल से चर्चा में है। पिछले तीन सालों में इसका शेयर प्राइस लगभग दोगुना हो चुका है। अगस्त 2023 में, ITC ने अपने होटल बिजनेस को एफएमसीजी बिजनेस से अलग करने की घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य होटल व्यवसाय को एक स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाई बनाना है, जिसकी लिस्टिंग फरवरी 2025 तक संभव है।

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ITC के डी-मर्जर की कहानी
डी-मर्जर की प्रक्रिया में, ITC ने यह तय किया कि नई होटल कंपनी में ITC 40% हिस्सेदारी रखेगी, जबकि बाकी 60% शेयरहोल्डर्स को उनके हिस्से के अनुसार आवंटित किए जाएंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक के पास रिकॉर्ड डेट से पहले 10 ITC के शेयर हैं, तो उसे नई होटल कंपनी का एक शेयर मिलेगा।
डी-मर्जर के बाद, ITC के शेयर प्राइस में लगभग 26-27 रुपये की कमी देखी गई। हालांकि, यह निवेशकों के लिए चिंता का विषय नहीं है क्योंकि यह बदलाव होटल व्यवसाय के अलग होने के कारण हुआ है।
ITC होटल व्यवसाय: वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं
ITC का होटल बिजनेस कंपनी के कुल राजस्व में लगभग 4% का योगदान देता है। वर्तमान में, कंपनी के पास लगभग 140 होटल हैं, जिनकी औसत ऑक्युपेंसी दर 2024 में 69% थी।
ITC ने 2030 तक अपने होटल्स की संख्या 200+ तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। होटल व्यवसाय का रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है। फर्स्ट हाफ ऑफ 2025 में ही इसका रेवेन्यू लगभग 1470 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है, और इसका ऑपरेटिंग मार्जिन लगभग 28% है।
डी-मर्जर का उद्देश्य और रणनीति
ITC ने होटल व्यवसाय को अलग करने का निर्णय इसलिए लिया ताकि यह एक स्वतंत्र होटल कंपनी के रूप में विकसित हो सके। इस कदम से कंपनी अपने अन्य व्यवसायों, जैसे एफएमसीजी, पेपरबोर्ड, और कृषि क्षेत्र में अधिक संसाधन और ध्यान केंद्रित कर सकेगी।
डी-मर्जर के बाद, ITC होटल्स को ब्रांड का लाभ मिलेगा, जिससे यह अपने लिए अलग से डेट और इक्विटी अट्रैक्ट कर सकेगा। इसका सीधा लाभ यह होगा कि होटल व्यवसाय एक स्वतंत्र, स्वायत्त इकाई के रूप में तेजी से विकास कर सकेगा।
ट्रैवल इंडस्ट्री और होटल व्यवसाय का भविष्य
ट्रैवल इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते होटल व्यवसाय में भी मांग बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बूम का फायदा ITC होटल्स को जरूर मिलेगा।
यदि हम प्रतिस्पर्धी कंपनियों के वैल्यूएशन की बात करें, तो इंडियन होटल्स लगभग 37 गुना, चार्लेट होटल्स 27 गुना और अन्य कंपनियां इसी तरह उच्च वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, ITC होटल्स का वैल्यूएशन 26-28 गुना हो सकता है, जिससे इसका मार्केट कैप लगभग 37,000 से 38,000 करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।
शेयरहोल्डर्स और ITC के लिए फायदे
डी-मर्जर से शेयरहोल्डर्स को बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें होटल व्यवसाय में सीधे हिस्सेदारी मिलेगी। इसके अलावा, स्वतंत्र होटल कंपनी के रूप में ITC होटल्स का विकास अधिक फोकस्ड और तेज़ हो सकेगा।
ITC के इस कदम से कंपनी अपने अन्य क्षेत्रों में अधिक निवेश कर सकेगी और अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी को और बेहतर बना सकेगी।
निष्कर्ष
ITC का डी-मर्जर न केवल कंपनी के लिए बल्कि इसके शेयरहोल्डर्स के लिए भी एक रणनीतिक कदम है। यह कदम होटल व्यवसाय को स्वतंत्र इकाई के रूप में विकसित करने और कंपनी के अन्य व्यवसायों को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ट्रैवल इंडस्ट्री में बढ़ती मांग और होटल व्यवसाय के भविष्य को देखते हुए, यह कदम लंबे समय में निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ITC और ITC होटल्स दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों के तहत बेहतर प्रदर्शन करने की ओर अग्रसर हैं।
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