सबसे सस्ता मल्टीबैगर? Trident में बड़े निवेशकों की एंट्री!

आज की रिपोर्ट में हम बात कर रहे हैं Trident Ltd के शेयर की, जो टेक्सटाइल सेक्टर की एक प्रमुख कंपनी मानी जाती है। कभी ₹70 तक पहुंच चुका यह शेयर आज करीब 55% नीचे है। निवेशक पूछ रहे हैं, आखिर क्यों गिरा यह शेयर, और क्या अब इसमें निवेश का मौका बन रहा है?

trident share price target 2025 analysis

Trident शेयर में गिरावट क्यों आई?

जनवरी 2022 में Trident के शेयर ने ₹70 का स्तर छुआ था, लेकिन इसके बाद गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। इसकी एक बड़ी वजह रही FY22 में मिला असाधारण लाभ – कंपनी ने उस साल ₹834 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट कमाया था। लेकिन उसके बाद FY23 से FY25 तक का मुनाफा लगातार गिरा और अब यह ₹350 से ₹442 करोड़ के बीच रह गया है।

FY22 में मिले प्रॉफिट के पीछे कारण था टेक्सटाइल सेक्टर को मिला PLI स्कीम का सपोर्ट और कोविड के बाद भारत की तेज़ रिकवरी। लेकिन जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हुईं, लाभ घटता गया और शेयर में दबाव दिखने लगा।

Q4 FY25 के नतीजों ने दिखाई नई उम्मीद

हालांकि, हाल ही में आए Q4 FY25 के नतीजे निवेशकों के लिए राहत भरे रहे। कंपनी का रेवेन्यू 11% बढ़ा जबकि मुनाफे में 125% की उछाल दर्ज की गई। इसके साथ ही, प्रमोटर्स और FIIs ने भी Q4 में कंपनी के शेयर खरीदे – जो कि कंपनी के प्रति भरोसे का संकेत है।

वर्तमान में अमेरिका Trident की कुल आय में 38% योगदान देता है और कंपनी की कुल आय का 60–62% हिस्सा एक्सपोर्ट से आता है। ऐसे में अमेरिका-चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यही वजह है कि Trident को एक बार फिर से नए ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं, जो आगामी तिमाहियों में रेवेन्यू में झलक सकते हैं।

बिजनेस स्ट्रेंथ और डाइवर्सिफिकेशन

Trident की 85% आय टेक्सटाइल से और 15% पेपर बिजनेस से आती है। पेपर सेगमेंट में भी कंपनी ने पंजाब स्थित प्लांट के साथ अच्छी पकड़ बनाई है, जहां उसकी कैपेसिटी अब लगभग 92% तक यूटिलाइज हो रही है। बेडशीट्स और टॉवेल्स के सेगमेंट में Trident देश की दूसरी सबसे बड़ी होम टेक्सटाइल एक्सपोर्टर कंपनी है, और वेलस्पन लिविंग के बाद इसका नाम आता है।

कंपनी के प्रमुख क्लाइंट्स में Target, Walmart और Amazon जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं, जो इसकी बिजनेस विश्वसनीयता को दर्शाते हैं।

फाइनेंशियल्स और वैल्यूएशन

हालांकि कंपनी का वैल्यूएशन थोड़ा महंगा माना जा सकता है। FY25 में कंपनी की EPS केवल ₹0.73 रही और PE रेशियो 41.9 का है। बुक वैल्यू ₹9 है। कर्ज भी घटा है – ₹2126 करोड़ से घटकर ₹1635 करोड़ किया गया है।

तकनीकी विश्लेषण और Trident शेयर में संभावित टारगेट

टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक, शेयर ने ₹25–₹26 के स्तर पर सपोर्ट दिखाया है और वहां से अच्छा पलटाव हुआ है। अगर इसमें हल्की गिरावट आती है और यह फिर ₹27–₹28 के स्तर पर मिलता है, तो यह एक अच्छी एंट्री पॉइंट हो सकती है। शॉर्ट टर्म में ₹40–₹41 के टारगेट की उम्मीद की जा सकती है और अगर बिजनेस फंडामेंटल्स और ग्लोबल फैक्टर्स ने साथ दिया तो ₹68 का ऑल टाइम हाई भी फिर से टच किया जा सकता है।

निवेशक क्या करें?

फंडामेंटली कंपनी मजबूत है, डाइवर्सिफाइड है, और एक्सपोर्ट ओरिएंटेड बिजनेस को फायदा मिलने की संभावना है। शेयर ओवरसोल्ड जोन में है, ऐसे में ₹27–₹28 के स्तर पर निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह एक संभावित टर्नअराउंड स्टोरी बन सकती है।

F.A.Q.

– Trident शेयर में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?

FY22 में Trident ने ₹834 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट कमाया था, लेकिन उसके बाद प्रॉफिट घटकर ₹350–₹442 करोड़ की रेंज में आ गया। इस गिरावट ने निवेशकों का भरोसा हिलाया और शेयर में 55% तक की गिरावट देखने को मिली।

– क्या Trident अभी निवेश के लिए अच्छा स्टॉक है?

Q4 FY25 के नतीजे मजबूत रहे हैं, प्रमोटर और FIIs ने खरीदारी की है। कंपनी का टेक्सटाइल और पेपर बिजनेस भी मजबूत है। अगर शेयर ₹27–₹28 पर मिलता है, तो लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा मौका हो सकता है, लेकिन निवेश से पहले रिसर्च जरूर करें।

– Trident का प्रमुख बिजनेस क्या है?

Trident का 85% रेवेन्यू टेक्सटाइल (बेडशीट्स, टॉवेल्स, यार्न) से आता है और 15% पेपर और केमिकल्स से। कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी होम टेक्सटाइल एक्सपोर्टर है और Target, Walmart, Amazon जैसे बड़े क्लाइंट्स को सप्लाई करती है।

– Trident का टारगेट प्राइस क्या हो सकता है?

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के अनुसार, शॉर्ट टर्म में ₹40–₹41 तक का टारगेट संभव है। अगर बिजनेस ग्रोथ जारी रही और ग्लोबल फेवर मिला, तो ₹68 का ऑल टाइम हाई भी दोबारा देखा जा सकता है।

– क्या Trident में कोई रिस्क भी है?

हां, कंपनी की EPS कम (₹0.73) है और PE रेशियो थोड़ा हाई (41.9) है, जिससे वैल्यूएशन महंगा माना जा सकता है। साथ ही, ग्लोबल एक्सपोर्ट डिमांड और डॉलर-रुपया उतार-चढ़ाव भी जोखिम पैदा कर सकते हैं।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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