दोस्तों शेयर बाज़ार में किसी भी शेयर का स्टॉप लॉस (Stop Loss) सेट करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और इसे तय करने के लिए कई कारकों पर ध्यान दिया जाता है। स्टॉप लॉस उस मूल्य स्तर को दर्शाता है जिस पर आप शेयर को बेचकर नुकसान को सीमित करना चाहते हैं। Stop Loss को सेट करने के लिए बहुत सारे बातों का ध्यान रखना पड़ता है। आइए जानते है Stop Loss लगाने के इन नियमों के बारे में:-
Stop Loss क्या है?
Stop Loss वह मूल्य है जिस पर आप अपने शेयर को बेचने का निर्णय लेते हैं ताकि बड़ा नुकसान होने से बचा जा सके। यह आपको आपकी भावनाओं से मुक्त करता है और निवेश में अनुशासन लाता है, जिससे आपका किसी भी शेयर में बड़ी नुकशान होने से बचता हैं।
उदाहरण:
मान लें, आपने एक शेयर ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा। आप तय करते हैं कि यदि शेयर का मूल्य ₹95 तक गिर जाता है, तो आप इसे बेच देंगे। यहाँ ₹95 आपका स्टॉप लॉस होगा।
Stop Loss सेट करने के तरीके
स्टॉप लॉस (Stop Loss) सेट करना ट्रेडिंग और निवेश में जोखिम प्रबंधन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे बेहतर समझाने के लिए इसे सरल उदाहरण, तकनीकी पहलू, और रणनीतियों के आधार पर विस्तार से समझते हैं।
1. Fixed Price पर आधारित Stop Loss
किसी भी स्टॉक में Fixed Price पर आधारित Stop Loss लगाना सबसे सरल तरीका है। आप अपने शेयर के मूल्य से एक निश्चित प्रतिशत नीचे स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं।
कैसे सेट करें: अगर आपका शेयर की मूल्य ₹100 का है और आप 5% का जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपका स्टॉप लॉस होगा ₹95।
Fixed Price पर Stop Loss लगाने के फायदे:
- सरल और समझने में आसान।
- शुरुआती निवेशकों के लिए उपयुक्त।
Fixed Price पर Stop Loss लगाने के नुकसान:
- यह शेयर के वोलाटिलिटी (उतार-चढ़ाव) का ध्यान नहीं रखता।
2. Technical Analysis के आधारित Stop Loss
कोई भी शेयर पर Technical Analysis और संकेतकों का उपयोग करके स्टॉप लॉस सेट करना अधिक सटीक तरीका है। आइए जानते है Technical Analysis के आधारित Stop Loss लगाने के तीन बेहतरीन तरीका:-
- सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल:
- सपोर्ट वह स्तर होता है जहाँ स्टॉक पहले रुका हो। स्टॉप लॉस सपोर्ट स्तर के थोड़ा नीचे सेट करें।
- उदाहरण: यदि किसी स्टॉक का सपोर्ट ₹98 है, तो स्टॉप लॉस ₹96-₹97 के बीच रखें।
- मूविंग एवरेज:
- स्टॉप लॉस को महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज (जैसे 50-डे EMA या 200-डे EMA) के नीचे सेट करें।
- अगर स्टॉक ₹200 का है और 50-डे EMA ₹195 पर है, तो स्टॉप लॉस ₹192-₹193 पर रखें।
- Average to Range (ATR):
- ATR स्टॉक की वोलाटिलिटी को मापता है।
- स्टॉप लॉस = एंट्री प्राइस – (ATR × 2)
- अगर शेयर ₹100 का है और ATR ₹3 है, तो स्टॉप लॉस ₹94 पर सेट करें।
3. Trailing Stop Loss
किसी भी स्टॉक में Trailing Stop Loss लगाना निवेशकों के लिए सबसे बेहतरीन तरीकों में एक है। यह स्टॉक की कीमत के बढ़ने पर स्टॉप लॉस को ऊपर ले जाता है। इस Stop Loss के जरिए आप मुनाफा को लॉक करने की सुविधा होती है।
उदाहरण:-
मान लीजिये अगर आपने ₹100 का शेयर खरीदा और स्टॉप लॉस ₹95 पर रखा। अब शेयर ₹110 तक पहुँच गया, तो आप स्टॉप लॉस को ₹105 तक ले जा सकते हैं।
4. Risk-Reward Ratio:
किसी भी शेयर में Stop Loss सेट करते समय ध्यान रखें कि आपका संभावित इनाम (मुनाफा) आपके जोखिम से अधिक हो, उसी अनुसार आपका Stop Loss होना चाहिए।
उदहरण:-
यदि आप ₹100 पर शेयर खरीदते हैं और आपका टारगेट ₹120 है, तो स्टॉप लॉस ₹95 पर रखें। यहाँ जोखिम ₹5 और इनाम ₹20 है, जो 1:4 का अनुपात है।
कैसे तय करें कि Stop Loss कितना होना चाहिए?
- अपने निवेश की राशि और जोखिम को समझें: सबसे पहले तय करें कि आप अपने कुल पोर्टफोलियो का कितना प्रतिशत जोखिम में डाल सकते हैं। यदि पोर्टफोलियो ₹1,00,000 का है और आप 2% जोखिम लेना चाहते हैं, तो आप ₹2,000 से अधिक का नुकसान सहन नहीं करेंगे।
- शेयर की वोलाटिलिटी पर ध्यान दें: वोलाटाइल शेयरों के लिए थोड़ा अधिक स्टॉप लॉस रखें, ताकि कीमत के छोटे उतार-चढ़ाव में यह ट्रिगर न हो। ठीक उसी अनुसार कम वोलाटाइल शेयरों के लिए स्टॉप लॉस को थोड़ा टाइट रखें।
समयावधि: शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग शेयरों में आपको स्टॉप लॉस टाइट रखें जिसमें लगभग (1-3%) के आसपास होना चाहिए। वही लॉन्ग-टर्म निवेश शेयरों में स्टॉप लॉस को थोड़ा बड़ा रखें जोकि (5-10%) के आसपास होना बेहतर माना जाता हैं।