अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया पॉलिसी मीटिंग के बाद ग्लोबल और भारतीय शेयर बाजारों में हल्की कमजोरी देखने को मिली है। यूएस फेड ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन महंगाई के दबाव और धीमी होती आर्थिक ग्रोथ को लेकर चिंता जताई। इसके असर से सबसे ज्यादा दबाव भारतीय आईटी सेक्टर पर दिखा।
हालांकि, यह बात भी अहम है कि साल 2025 की शुरुआत से अब तक आईटी शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली है। अप्रैल के बाद से निफ्टी आईटी इंडेक्स में एकतरफा चढ़ाव रहा है और अब तक यह इंडेक्स 4% से अधिक ऊपर जा चुका है। लेकिन अब वैश्विक हालातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म्स सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं।

IT सेक्टर पर ब्रोकरेज फर्म्स की राय में अंतर
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म CLSA और मॉर्गन स्टैनली दोनों की राय आईटी सेक्टर को लेकर थोड़ी भिन्न जरूर है, लेकिन दोनों ही आने वाले समय में सतर्कता बरतने की बात कर रहे हैं।
CLSA के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर डिस्कशनरी खर्च यानी गैर-जरूरी खर्चों में कटौती हो रही है। खासकर रिटेल और ऑटो सेक्टर में मांग कमजोर है। हालांकि, BFSI (बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज) सेक्टर में आईटी खर्च स्थिर बना हुआ है और CLSA को उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में वी-शेप रिकवरी देखने को मिल सकती है।
CLSA ने Infosys, Tech Mahindra और Persistent Systems पर “खरीदारी” की राय दी है, जबकि LTI Mindtree को “होल्ड” की सलाह दी है। CLSA का मानना है कि करंट वैल्यूएशन आकर्षक हैं और निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से इन शेयरों में बने रहना चाहिए।
मॉर्गन स्टैनली की सतर्कता
वहीं मॉर्गन स्टैनली ने थोड़ा कंजर्वेटिव स्टैंड लिया है। फर्म का कहना है कि आईटी सेक्टर की डील पाइपलाइन अब भी कमजोर है और वेंडर कंसोलिडेशन की संभावनाएं भी सीमित हैं। फर्म ने सुझाव दिया है कि मौजूदा रैली का इस्तेमाल मुनाफावसूली के लिए किया जाना चाहिए।
मॉर्गन स्टैनली ने TCS, Infosys और Wipro को पसंदीदा स्टॉक्स की सूची में रखा है, जबकि HCL Tech, LTI Mindtree और Tech Mahindra को कम पसंदीदा माना है। मिडकैप आईटी स्टॉक्स में Coforge और Mphasis को उन्होंने वरीयता दी है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
आईटी सेक्टर इस समय दोराहे पर खड़ा है। एक तरफ मजबूत फंडामेंटल्स और BFSI सेक्टर से अच्छी डिमांड की वजह से उम्मीदें हैं, वहीं दूसरी तरफ वैश्विक अनिश्चितताएं और खर्च में कटौती की वजह से रुकावटें भी हैं।
ऐसे में रिटेल निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति साफ रखनी होगी। अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो Infosys, TCS या Persistent जैसे बड़े स्टॉक्स में SIP या ग्रेजुअल इन्वेस्टमेंट जारी रख सकते हैं। वहीं अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो हर तेजी का इस्तेमाल ट्रिमिंग या एग्जिट के मौके के रूप में कर सकते हैं।
इस वक्त जल्दबाजी नहीं, समझदारी जरूरी है। आईटी सेक्टर धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है, लेकिन किसी भी समय वैश्विक कारक इसकी रफ्तार रोक सकते हैं।
F.A.Q.
– US फेड के ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का भारतीय आईटी शेयरों पर क्या असर पड़ा है?
US फेड ने ब्याज दरों को यथावत रखा है, लेकिन महंगाई और स्लो ग्रोथ को लेकर चिंता जताई है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा, खासतौर पर आईटी शेयरों में हल्की कमजोरी देखने को मिली।
– क्या अभी आईटी सेक्टर में निवेश करना सुरक्षित है?
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए Infosys, TCS जैसे मजबूत कंपनियों में SIP के ज़रिए निवेश सही विकल्प हो सकता है। लेकिन शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
– CLSA और मॉर्गन स्टैनली की राय में क्या फर्क है?
CLSA आईटी सेक्टर में आने वाले महीनों में रिकवरी की उम्मीद कर रही है और Infosys, Tech Mahindra जैसे शेयरों में खरीदारी की सलाह दे रही है। वहीं मॉर्गन स्टैनली सतर्क है और मौजूदा तेजी को मुनाफावसूली का मौका मानता है।
– आईटी सेक्टर के कौन-कौन से स्टॉक्स अभी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं?
Infosys, TCS, Tech Mahindra, Persistent Systems और Wipro जैसे स्टॉक्स इस समय चर्चा में हैं। CLSA और मॉर्गन स्टैनली दोनों ने इन पर राय दी है, हालांकि नजरिया थोड़ा अलग है।
– क्या बीएफएसआई सेक्टर आईटी कंपनियों के लिए ग्रोथ का नया इंजन बन सकता है?
हाँ, CLSA के अनुसार BFSI सेक्टर से आईटी डिमांड बनी हुई है और आने वाले समय में यह सेक्टर आईटी इंडस्ट्री के लिए रिकवरी का प्रमुख स्रोत बन सकता है।
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