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1 लाख का सोना अब गिरेगा? सिटी बैंक की रिपोर्ट ने उड़ाए होश!

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। खासकर इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बाद से सोने की मांग में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है। शुक्रवार को सोना पहली बार वायदा बाजार में ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू गया, जिससे निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच हलचल मच गई।

सोने की यह ऐतिहासिक तेजी सिर्फ सामान्य निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि गोल्ड ट्रेडिंग करने वालों के लिए भी लाभदायक साबित हो रही है। जानकारों का मानना है कि जब तक वैश्विक हालात स्थिर नहीं होते, तब तक सोने में यह रैली जारी रह सकती है। कई विशेषज्ञ आने वाले दो से तीन महीनों में सोने की कीमत ₹1,55,000 से ₹1,56,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान जता रहे हैं। वहीं, मध्यम अवधि में ₹1,10,000 और दीर्घकाल में ₹1,15,000 तक के लक्ष्यों की भी बात हो रही है।

gold price rise or fall 2025

सोने की तेजी के पीछे के कारण:

सोने की कीमतों में आई इस तेज़ी के पीछे कई अहम वजहें हैं:

  • जियोपॉलिटिकल टेंशन: इजराइल-ईरान संघर्ष और मध्य पूर्व में अस्थिरता।
  • सेंट्रल बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं।
  • डॉलर की कमजोरी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं में मजबूती।
  • ETFs में खरीदारी: गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
  • मंदी और अनिश्चितता का डर: वैश्विक मंदी की आशंकाएं निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर खींच रही हैं।

सिटी ग्रुप की चौंकाने वाली रिपोर्ट:

जहां अधिकतर विश्लेषक सोने की कीमतों में और तेजी की बात कर रहे हैं, वहीं सिटी ग्रुप की ताजा रिपोर्ट ने बाजार को चौंका दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की तीसरी तिमाही से सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।

सिटी ग्रुप के सीनियर एनालिस्ट मैक्स लेटन ने अनुमान जताया है कि 2026 की दूसरी छमाही तक सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतें $2,500 से $2,700 प्रति औंस के बीच आ सकती हैं। रिपोर्ट में तीन संभावनाएं जताई गई हैं:

  • बेस केस: सोना $3,000 प्रति औंस से नीचे आ सकता है।
  • बुल केस: अगर तनाव जारी रहा, तो कीमतें $3,600 प्रति औंस तक जा सकती हैं।
  • बियर केस: वैश्विक आर्थिक स्थिरता की स्थिति में सोने की कीमतों में 20% तक की गिरावट संभव है।

यदि सिटी की यह भविष्यवाणी सच साबित होती है, तो भारत में सोने की कीमत ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,400 प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रहा है, जबकि भारतीय बाजार में आज 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,12,100 और 22 कैरेट सोना ₹92,800 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है।

क्या आम आदमी को राहत मिलेगी?

सामान्य उपभोक्ताओं के लिए यह रिपोर्ट राहत की खबर हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो आगामी महीनों में सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं – जैसे कि शादी-ब्याह या निवेश के लिहाज से। लेकिन जिन ट्रेडर्स ने ऊंची कीमत पर सोना खरीदा है, उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष:

बाजार की दिशा अभी भी अंतरराष्ट्रीय हालातों पर निर्भर करती है। अगर इजराइल और ईरान के बीच तनाव कम होता है और अमेरिका की मध्यस्थता काम करती है, तो सोने की कीमतों में गिरावट तय मानी जा रही है। लेकिन अगर हालात बिगड़ते हैं, तो बुल केस की स्थिति में सोना और ऊपर जा सकता है।

आपका इस बारे में क्या विचार है? क्या आप भी सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं या कीमतों के स्थिर होने का इंतजार करेंगे? अपनी राय कमेंट में जरूर दें और ऐसे ही ताज़ा आर्थिक अपडेट्स के लिए जुड़े रहें हमारे साथ।

F.A.Q.

– क्या वाकई में सोने की कीमत ₹1 लाख से ऊपर जा चुकी है?

हां, वायदा बाजार में सोने की कीमत पहली बार ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंची है, जिसका मुख्य कारण वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता है।

– क्या आने वाले समय में सोने की कीमत और बढ़ेगी?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर इजराइल-ईरान तनाव और मंदी की आशंका बनी रही, तो अगले कुछ महीनों में सोना ₹1,55,000 से ₹1,56,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।

– सोने की कीमतों को लेकर सिटी बैंक की रिपोर्ट क्या कहती है?

सिटी ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2025 की तीसरी तिमाही से सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है और 2026 में यह $2,500–$2,700 प्रति औंस तक आ सकता है।

– अगर सोने की कीमत गिरी तो भारत में क्या असर होगा?

अगर सिटी ग्रुप की भविष्यवाणी सच साबित होती है, तो भारत में सोना ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है, जिससे आम खरीदारों को राहत मिल सकती है।

– क्या अभी सोने में निवेश करना सही रहेगा?

यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो सोना अब भी एक सुरक्षित विकल्प है। लेकिन शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव की संभावना को देखते हुए सतर्क रहना ज़रूरी है।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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