देश के जाने-माने निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) रामदेव अग्रवाल ने एक बार फिर शेयर बाजार को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस बार उन्होंने सिर्फ निवेशकों के लिए कुछ खास टिप्स ही नहीं दिए, बल्कि सेंसेक्स के भविष्य को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी भी की है। रामदेव अग्रवाल का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारतीय शेयर बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है।

सेंसेक्स की ऐतिहासिक छलांग: 2030 तक 1.5 लाख और 2035 तक 3 लाख
रामदेव अग्रवाल का कहना है कि यदि भारतीय बाजार मौजूदा कंपाउंडिंग ट्रेंड के अनुसार ही चलता रहा, तो 2030 तक सेंसेक्स 1.5 लाख के स्तर को पार कर जाएगा और 2035 तक यह आंकड़ा 3 लाख तक पहुंच सकता है। उनका कहना है कि पिछले 45 वर्षों में सेंसेक्स ने औसतन 15-16% की सालाना ग्रोथ दी है। ऐसे में उनका यह अनुमान पूरी तरह से संभावित है।
शेयर बाजार में वेल्थ बनाने का ‘नो सीक्रेट’ फार्मूला
रामदेव अग्रवाल का मानना है कि शेयर बाजार से पैसा बनाने का कोई जादुई फॉर्मूला नहीं है। लेकिन कुछ मूलभूत सिद्धांतों का पालन कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। उनका दो-स्टेप मल्टीबैगर स्ट्रेटजी मॉडल काफी प्रसिद्ध है।
- पहला स्टेप – ऐसी कंपनी की तलाश करें जो विकास के शुरुआती चरण में हो और जिसके फंडामेंटल मजबूत हों। इसके साथ ही कंपनी का मैनेजमेंट भी भरोसेमंद और पेशेवर हो।
- दूसरा स्टेप – कंपाउंडिंग की ताकत को समझना और उस पर भरोसा रखना बेहद जरूरी है। रामदेव के अनुसार, यदि किसी निवेश को 25% की वार्षिक कंपाउंडिंग ग्रोथ मिलती है तो वह 10 साल में 10 गुना तक बढ़ सकता है। इसी तरह, 35% ग्रोथ पर वह 20 गुना और 45% पर 40 गुना तक बढ़ सकता है।
स्मॉल कैप स्टॉक्स को लेकर चेतावनी
रामदेव अग्रवाल ने स्मॉल कैप सेगमेंट को लेकर भी निवेशकों को चेताया है। उन्होंने कहा कि कई स्मॉल कैप स्टॉक्स 100 के पीई (प्राइस टू अर्निंग) पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि ओवरवैल्यूएशन का संकेत हो सकता है। हालांकि, अगर कोई कंपनी वाकई तेजी से ग्रो कर रही है और उसका भविष्य उज्ज्वल है, तो ऐसे हाई पीई को भी सही ठहराया जा सकता है।
रामदेव अग्रवाल के अनुसार, भारत में 20 करोड़ से अधिक डीमैट अकाउंट्स हैं, लेकिन इनमें से केवल एक करोड़ इन्वेस्टर्स ही ऐसे हैं जो सीरियसली निवेश करते हैं और बाजार की 90% संपत्ति को नियंत्रित करते हैं।
आने वाले 10 साल: किन सेक्टर्स पर रखें नजर?
रामदेव अग्रवाल ने कुछ प्रमुख सेक्टर्स को भविष्य में जबरदस्त ग्रोथ के लिए चिन्हित किया है:
- क्विक कॉमर्स: डिजिटल युग में यह सेक्टर ट्रिलियन डॉलर की संभावना रखता है।
- फाइनेंस कंपनियां: कैपिटल मार्केट में बूम के चलते इस सेक्टर को फायदा हो सकता है।
- सोलर और विंड एनर्जी: ग्रीन एनर्जी में भारत की तेजी से बढ़ती दिलचस्पी इसे भविष्य का सेक्टर बना सकती है।
- मैन्युफैक्चरिंग: PLI स्कीम और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी नीतियों से इस सेक्टर को भी मजबूती मिल रही है।
निवेश से पहले क्या सावधानियां बरतें?
रामदेव अग्रवाल हमेशा कहते हैं कि हर कंपनी की स्थिति अलग होती है। इसलिए किसी भी सेक्टर में निवेश करने से पहले कंपनी के फंडामेंटल, वैल्यूएशन और ग्रोथ पोटेंशियल का गहराई से विश्लेषण करना जरूरी है।
F.A.Q.
– क्या वाकई सेंसेक्स 2035 तक 3 लाख तक पहुंच सकता है?
रामदेव अग्रवाल का मानना है कि सेंसेक्स ने बीते 45 वर्षों में 15-16% की कंपाउंडिंग रिटर्न दी है। अगर यही ग्रोथ जारी रही, तो 2035 तक सेंसेक्स के 3 लाख तक पहुंचने की संभावना वास्तविक है।
– क्या सभी स्मॉल कैप स्टॉक्स से दूर रहना चाहिए?
नहीं, लेकिन रामदेव अग्रवाल ने चेताया है कि हाई वैल्यूएशन वाले स्मॉल कैप स्टॉक्स (जैसे 100 PE) से सावधानी बरतनी चाहिए। मजबूत ग्रोथ और अच्छे फंडामेंटल वाले स्टॉक्स को ही प्राथमिकता दें।
– क्या शेयर बाजार में निवेश करना अब भी सुरक्षित है?
रामदेव अग्रवाल का मानना है कि लॉन्ग टर्म में बाजार हमेशा ग्रो करता है। शॉर्ट टर्म वोलैटिलिटी होती है, लेकिन मजबूत कंपनियों में लंबी अवधि का निवेश अच्छा रिटर्न दे सकता है। जोखिम को समझकर निवेश करें।
– क्या सिर्फ 1 करोड़ इन्वेस्टर्स ही बाजार को चला रहे हैं?
जी हां। भारत में भले ही 20 करोड़ डीमैट अकाउंट्स हों, लेकिन रामदेव अग्रवाल के अनुसार, केवल 1 करोड़ गंभीर निवेशक ही बाजार की 90% संपत्ति कंट्रोल करते हैं।
– क्या हाई PE रेशियो वाली कंपनियां हमेशा खराब निवेश होती हैं?
नहीं। अगर कोई कंपनी तेज़ ग्रोथ कर रही है और भविष्य में उसका प्रॉफिट तेजी से बढ़ने वाला है, तो हाई PE भी उचित हो सकता है। लेकिन बिना ग्रोथ वाली कंपनी के लिए हाई PE खतरनाक संकेत हो सकता है।
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