भारतीय शेयर बाजार में अप्रैल 2025 के बाद से जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। निफ्टी ने लगभग 14% और बैंक निफ्टी ने करीब 10% का रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 24% तक चढ़ चुका है। इस तेज़ी ने निवेशकों में जोश भर दिया है, लेकिन अब इस उत्साह पर ब्रेक लगाने वाली चेतावनी सामने आई है – वो भी एक ऐसे व्यक्ति से, जो भारत के इक्विटी मार्केट को लेकर हमेशा बुलिश रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं जेफरीज के दिग्गज रणनीतिकार क्रिस वुड की। वुड हमेशा से उभरते बाजारों, खासकर भारत, को लेकर सकारात्मक रुख रखते आए हैं। लेकिन अब वे कह रहे हैं कि वैल्यूएशंस बेहद महंगे हो चुके हैं और बाजार में इक्विटी की भारी सप्लाई इस रैली को खतरे में डाल सकती है।

वैल्यूएशंस पहुंची खतरे के स्तर पर
क्रिस वुड के मुताबिक, निफ्टी अब 12 महीने की फॉरवर्ड अर्निंग्स के 22 गुना पर ट्रेड कर रहा है, जो अप्रैल के मुकाबले 14.1% ज्यादा है। वहीं निफ्टी मिड 100 इंडेक्स 27.1 गुना फॉरवर्ड अर्निंग्स पर पहुंच चुका है, जो कि बेहद महंगा माना जाता है।
वुड ने मिड कैप शेयरों में बढ़ते वैल्यूएशन को विशेष रूप से चिंता का विषय बताया है। कंपनियों और प्रमोटरों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए जमकर शेयर बेचे हैं, जिससे बाजार में इक्विटी सप्लाई का दबाव बढ़ रहा है।
प्रमोटर कर रहे हैं बड़ी बिकवाली
मई में प्रमोटर्स, प्राइवेट इक्विटी फर्म्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स ने मिलकर लगभग 2 अरब डॉलर के शेयर बेचे। जून में तो यह गति और तेज़ हो गई है – सिर्फ पहले दो हफ्तों में ही करीब 1 अरब डॉलर की बिकवाली हो चुकी है।
कुछ बड़ी डील्स की बात करें:
- विशाल मेगा के प्रमोटर ने 10,220 करोड़ में 19.6% हिस्सेदारी बेची
- Bajaj Finserv के प्रमोटर ने 5,500 करोड़ के शेयर बेचे
- Reliance Industries ने Asian Paints में 9,580 करोड़ की हिस्सेदारी निकाली
- Vedanta ने Hindustan Zinc में 328 करोड़ के शेयर बेचे
इन सौदों से साफ है कि प्रमोटर उच्च वैल्यूएशन का लाभ उठाकर स्टॉक से बाहर निकल रहे हैं। इतिहास गवाह है कि जब भी प्रमोटरों ने इस तरह बड़ी सेलिंग की है, उसके बाद बाजार में करेक्शन जरूर आया है।
कुछ सेक्टरों में है भरोसा
हालांकि क्रिस वुड सतर्क हैं, लेकिन उन्होंने रियल एस्टेट और कंजम्पशन थीम में विश्वास जताया है। जेफरीज के इंडिया पोर्टफोलियो में 19% वेटेज रियल एस्टेट में है। उनके अनुसार FY25 में टॉप 7 डेवलपर्स की प्रीसेल्स ग्रोथ 22% तक पहुंच सकती है।
वुड ने हाल ही में अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करते हुए L&T, Thermax, Godrej Properties जैसे स्टॉक्स शामिल किए हैं। साथ ही, TVS Motor, Home First Finance, Manappuram Finance, PB Fintech और Bharti Airtel में हिस्सेदारी बढ़ाई है। यह दिखाता है कि अब उनका झुकाव कैपेक्स से हटकर कंजम्पशन आधारित शेयरों की ओर है।
RBI नीति से जुड़ी है रैली
वुड ने यह भी कहा कि बाजार की मौजूदा रैली का एक बड़ा कारण RBI का नरम रुख है। नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की नीति पहले की तुलना में ज्यादा डोविश है, जिससे कंज्यूमर फाइनेंस स्टॉक्स को फायदा हुआ है – उदाहरण के लिए Bajaj Finance इस साल 35% चढ़ चुका है।
निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत
जब क्रिस वुड जैसे बुलिश रणनीतिकार भी बाजार को लेकर सतर्क हो जाएं, तो आम निवेशकों के लिए यह एक संकेत है। अगर आप इस रैली में शामिल हैं, तो सप्लाई और डिमांड के संतुलन को समझना बेहद जरूरी है। प्रमोटर सेलिंग जैसे संकेतों को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है।
F.A.Q.
– क्रिस वुड कौन हैं और उनकी राय क्यों मायने रखती है?
क्रिस वुड जेफरीज के ग्लोबल इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट हैं और इमर्जिंग मार्केट्स, खासकर भारत के बाजारों को लेकर उनकी राय को बेहद गंभीरता से लिया जाता है। वह कई वर्षों से भारत में निवेश के बड़े समर्थक रहे हैं।
– क्या बाजार की मौजूदा रैली अब खत्म होने वाली है?
क्रिस वुड के अनुसार, शेयर बाजार में वैल्यूएशंस बहुत ऊंचे हो चुके हैं और प्रमोटरों की तरफ से हो रही भारी बिकवाली बाजार की रैली को कमजोर कर सकती है। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आ सकती है।
– प्रमोटर सेलिंग क्यों खतरे की घंटी मानी जाती है?
जब प्रमोटर अपने ही स्टॉक्स बेचने लगते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि वे मौजूदा कीमतों को बहुत ऊंचा मानते हैं। इससे निवेशकों में घबराहट फैल सकती है और बाजार में डिमांड-सप्लाई का संतुलन बिगड़ सकता है।
– क्या अभी निवेश करना सही है या इंतजार करना चाहिए?
यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो सही वैल्यूएशन पर अच्छे स्टॉक्स में SIP या चरणबद्ध निवेश जारी रखा जा सकता है। लेकिन शॉर्ट टर्म में सतर्क रहना जरूरी है। खासकर मिड और स्मॉल कैप शेयरों में।
– क्रिस वुड अब किन सेक्टर्स पर भरोसा कर रहे हैं?
हालांकि वे सतर्क हैं, लेकिन उन्होंने रियल एस्टेट और कंजम्पशन आधारित शेयरों जैसे TVS मोटर, Home First Finance, PB Fintech और Godrej Properties को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है। उनका फोकस अब कैपेक्स से हटकर खपत पर है।
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