भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते समय अक्सर निवेशक यह मान लेते हैं कि जिस कंपनी का बिजनेस तेज़ी से बढ़ रहा है, उसके शेयर की कीमत भी उसी अनुपात में ऊपर जाएगी। लेकिन वास्तविकता में हमेशा ऐसा नहीं होता। कुछ कंपनियां शानदार बिजनेस ग्रोथ दिखाने के बावजूद अपने स्टॉक प्राइस में गिरावट देखती हैं। आज हम बात कर रहे हैं दो ऐसी कंपनियों की—Trent Limited और Varun Beverages—जिन्होंने हाल ही में जबरदस्त बिजनेस प्रदर्शन किया है, फिर भी उनके शेयर प्राइस अपने पीक से 25% से 30% नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

1. Trent Limited: फैशन और ग्रोसरी में दमदार पकड़
Trent Limited, टाटा ग्रुप की एक प्रमुख रिटेल कंपनी है, जो Westside और Zudio जैसे ब्रांड्स के तहत भारत के फैशन और ग्रोसरी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी है। कंपनी के पास फिलहाल 1443 स्टोर्स हैं, जिनमें Zudio के 765 स्टोर्स 235 शहरों में फैले हैं।
पिछले 5 सालों में Trent ने 38% CAGR के साथ रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है और मुनाफे में 70% से अधिक की वृद्धि की है। FY25 में कंपनी का रेवेन्यू ₹17,135 करोड़ रहा, जो 38% की YoY ग्रोथ है। वहीं, EBITDA 59% की बढ़त के साथ ₹3000 करोड़ के करीब पहुंच गया।
लेकिन Net Profit सिर्फ 3.86% ही बढ़ा। इसका कारण था पिछले साल की ₹576 करोड़ की Exceptional Income, जो इस साल नहीं थी। इसके अलावा, Depreciation में 33% की बढ़ोत्तरी ने भी प्रॉफिट पर असर डाला।
तो फिर शेयर क्यों गिरा?
Trent का ग्रोथ रेट पहले 50% से ज्यादा था, जो अब घटकर 35% के आसपास आ गया है। यानी कंपनी अभी भी ग्रो कर रही है, पर पुराने मुकाबले थोड़ी धीमी रफ्तार से। इसके अलावा, Reliance और Shein की साझेदारी से फैशन रिटेल में नया कॉम्पिटिशन खड़ा हो रहा है, जो निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर रहा है।
2. Varun Beverages: PepsiCo का भारतीय चेहरा
Varun Beverages, PepsiCo के साथ 1990 से जुड़ी हुई है और भारत में Pepsi, 7Up, Mirinda जैसे ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करती है। कंपनी के पास 130 से अधिक डिपो और 11 लाख से ज्यादा कूलर्स हैं, जिससे इसकी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बेहद मजबूत है।
FY25 में Varun Beverages का रेवेन्यू ₹0000 करोड़ तक पहुंच गया (सटीक आंकड़ा रिपोर्ट से अपेक्षित है), जिसमें 20% से अधिक की ग्रोथ और 23% वॉल्यूम ग्रोथ शामिल थी। EBITDA भी 35% बढ़कर ₹471 करोड़ तक पहुंचा और नेट प्रॉफिट 25.3% की ग्रोथ के साथ ₹2600 करोड़ को पार कर गया।
कंपनी Sting Energy Drink, Nimbu Pani और Dairy Products जैसे नए सेगमेंट में भी एग्रेसिव एंट्री कर रही है। साथ ही, जिंबाब्वे और जांबिया जैसे विदेशी बाजारों में भी विस्तार के प्रयास कर रही है।
फिर शेयर क्यों गिरा?
Trent की तरह ही, Varun Beverages के शेयर ने भी हाल ही में कुछ करेक्शन देखा है। निवेशकों की चिंता यह है कि क्या इतनी तेज ग्रोथ लंबे समय तक बनाए रखी जा सकती है? इसके अलावा, वैल्यूएशन भी काफी हाई हो चुका था, जिससे प्रॉफिट बुकिंग का दबाव बनता है।
निष्कर्ष:
दोनों कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र में बेमिसाल ग्रोथ कर रही हैं। लेकिन शेयर बाजार सिर्फ ग्रोथ ही नहीं, बल्कि ग्रोथ की सस्टेनेबिलिटी, कॉम्पिटिशन, वैल्यूएशन और इनकम क्वालिटी जैसे फैक्टर्स को भी ध्यान में रखता है। यही वजह है कि शानदार बिजनेस ग्रोथ के बावजूद इन कंपनियों के शेयर प्राइस में गिरावट आई है।
F.A.Q.
– अगर कंपनी को प्रॉफिट हो रहा है तो शेयर क्यों गिरता है?
शेयर की कीमत सिर्फ कंपनी के मुनाफे पर नहीं, बल्कि बाजार की उम्मीदों, भविष्य की ग्रोथ, सेक्टर ट्रेंड और निवेशकों की भावनाओं पर भी निर्भर करती है। अगर कंपनी का प्रॉफिट उम्मीद से कम हो या कोई निगेटिव खबर हो, तो शेयर गिर सकता है।
– क्या गिरते हुए शेयरों को खरीदना सही फैसला हो सकता है?
अगर शेयर की गिरावट अस्थायी है और कंपनी की फंडामेंटल मजबूत हैं, तो ये एक शानदार निवेश का मौका हो सकता है। लेकिन बिना रिसर्च के सिर्फ गिरावट देखकर खरीदना नुकसानदायक हो सकता है।
– क्यों बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर भी अचानक टूट जाते हैं?
बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट कई वजहों से हो सकती है — जैसे खराब गाइडेंस, मैनेजमेंट में बदलाव, सेक्टर में मंदी या ग्लोबल क्राइसिस। निवेशकों की भावनाएं तेजी से बदलती हैं।
– क्या FII और DII की बिकवाली शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह होती है?
हां, विदेशी निवेशक (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) जब भारी बिकवाली करते हैं, तो बाजार में दबाव बनता है। इससे शेयरों की कीमतें गिर सकती हैं, भले ही कंपनियों के नतीजे अच्छे हों।
– मुझे कैसे पता चले कि गिरा हुआ शेयर वाकई ‘मौका’ है या ‘जोखिम’?
इसके लिए कंपनी की बैलेंस शीट, फ्यूचर प्लान, सेक्टर एनालिसिस और मैनेजमेंट की विश्वसनीयता पर ध्यान देना चाहिए। टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस मिलाकर ही सही फैसला लें।
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