आज (9 जुलाई 2025) सुबह अमेरिकी शॉर्ट सेलर Viceroy Research ने Vedanta के UK‑मदर कंपनी – Vedanta Resources के खिलाफ शॉर्ट पोज़िशन लेने की खबर दी है। इस रिपोर्ट में Viceroy ने कहा कि कंपनी का वित्तीय ढांचा “पोंज़ी स्कीम जैसा” है, यानी मुनाफ़ा कमाकर प्रिंसिपल चुकता करने की क्षमता कमजोर, और मुख्य कंपनियों (जैसे Vedanta Ltd.) की संपत्ति से पैसा बाहर खींचा जा रहा है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद Vedanta के शेयरों में 4% से 8% तक की तेज गिरावट देखी गई और शेयर की कीमत ₹420–₹444 के बीच आ गई। निवेशकों में बेचैनी और डर का माहौल है।

Vedanta के ऊपर Viceroy की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
Viceroy Research ने अपनी रिपोर्ट में Vedanta Resources के ऊपर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कंपनी की ऋण चुकाने की क्षमता कमजोर है और उसके वित्तीय ढांचे में पारदर्शिता की कमी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि Vedanta Ltd. जैसी सहायक कंपनियों की संपत्ति से पैसा बाहर निकाला जा रहा है और इससे कंपनी की लंबी अवधि की वित्तीय स्थिरता पर खतरा पैदा हो सकता है।
ऐसे आरोपों के कारण निवेशकों के बीच यह चिंता बढ़ गई कि क्या कंपनी आने वाले समय में अपने कर्ज और दायित्वों को ठीक से निभा पाएगी।
कंपनी की हालिया गतिविधियाँ: क्या किए कदम?
हाल ही में Vedanta ने अपने वित्तीय हालात सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- 18 जून 2025 को कंपनी ने ₹7 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया, जिससे कुल ₹2,737 करोड़ निवेशकों को दिए गए।
- इसी महीने की शुरुआत में कंपनी ने Hindustan Zinc में 1.6% हिस्सेदारी बेचकर ₹3,028 करोड़ जुटाए। यह रकम कर्ज घटाने में मदद के लिए थी।
- जून के अंत में Vedanta Resources ने दुनिया भर के बैंकों से $600 मिलियन का ऋण पुनर्वित्तीय सुविधा प्राप्त की। इससे कंपनी का कुल कर्ज $11.8 बिलियन से घटकर लगभग $11.1 बिलियन रह गया और क्रेडिट एजेंसियों ने भी कंपनी की रेटिंग में सुधार की संभावना जताई।
इन गतिविधियों से कंपनी ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह अपने वित्तीय दबाव को कम करने के प्रयास कर रही है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब?
Viceroy की नकारात्मक रिपोर्ट और शेयरों में तेज गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। हालांकि कंपनी ने ऋण घटाने और लाभांश देने जैसे सकारात्मक कदम भी उठाए हैं, फिर भी बाजार में डर साफ दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जो भी निवेशक Vedanta के शेयर खरीदने या बनाए रखने का सोच रहे हैं, उन्हें पहले कंपनी की बैलेंस शीट, ऋण स्थिति और नियामक फाइलिंग का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए। साथ ही, Viceroy की रिपोर्ट को भी समझना और उसके आरोपों की सच्चाई का मूल्यांकन करना जरूरी है।
निष्कर्ष
वर्तमान में Vedanta Ltd. के शेयरों पर भारी दबाव बना हुआ है। Viceroy Research द्वारा लगाए गए आरोपों ने बाजार में हलचल मचा दी है। कंपनी ने हाल ही में कई बड़े कदम उठाए हैं ताकि वित्तीय स्थिति मजबूत की जा सके, लेकिन निवेशकों की चिंता अभी भी बनी हुई है।
अगर आप इस शेयर में निवेश करना चाहते हैं, तो सलाह है कि किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और सभी तथ्यों की पूरी जांच करें। ऐसी परिस्थितियों में जल्दबाजी से बचना ही समझदारी होगी।
F.A.Q.
– Viceroy Research ने Vedanta के खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं?
Viceroy Research ने अपनी रिपोर्ट में Vedanta के वित्तीय ढांचे को “पोंज़ी स्कीम जैसा” बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी की मुनाफ़ा कमाकर कर्ज चुकाने की क्षमता कमजोर है और सहायक कंपनियों की संपत्ति से पैसा बाहर निकाला जा रहा है।
– Vedanta के शेयरों में आज कितनी गिरावट आई?
Viceroy की रिपोर्ट के बाद Vedanta Ltd. के शेयरों में लगभग 4%–8% तक गिरावट आई और कीमत ₹420–₹444 के बीच पहुंच गई।
– कंपनी ने हाल ही में कौन-कौन से बड़े कदम उठाए हैं?
कंपनी ने ₹7 प्रति शेयर का लाभांश दिया, Hindustan Zinc में हिस्सेदारी बेचकर ₹3,028 करोड़ जुटाए और $600 मिलियन का ऋण पुनर्वित्त कर कर्ज घटाया।
– क्या Vedanta में निवेश करना अभी सुरक्षित है?
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। पहले कंपनी की बैलेंस शीट, ऋण स्थिति और Viceroy की रिपोर्ट को अच्छी तरह समझना जरूरी है।
– Vedanta Resources और Vedanta Ltd. में क्या अंतर है?
Vedanta Resources UK में रजिस्टर्ड मातृ कंपनी (Parent Company) है, जबकि Vedanta Ltd. भारत में उसकी प्रमुख सहायक कंपनी है, जिसका शेयर बाजार में कारोबार होता है।
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