कभी भारी कर्ज और डूबते व्यापार की वजह से चर्चाओं में रहने वाला अनिल अंबानी का Reliance ग्रुप अब एक नई उड़ान भरने की तैयारी में है। वर्षों तक कर्ज के बोझ तले दबे इस ग्रुप की छवि अब बदल रही है। हाल ही में आई एक खबर ने बाजार और निवेशकों का ध्यान दोबारा Reliance Infra की ओर खींचा है।

₹273 करोड़ का कर्ज चुकाया, खत्म हुआ NPA का टैग
Reliance Infrastructure की एक सब्सिडियरी कंपनी JR टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (JRTR) ने Yes बैंक से लिया गया ₹273 करोड़ का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया है। यह वही कर्ज है जिसे कभी बैंक ने NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर दिया था। इस कर्ज की गारंटी Reliance Infrastructure ने दी थी, इसलिए उस पर भी कानूनी और वित्तीय दबाव बना हुआ था।
JRTR कंपनी ने राजस्थान के जयपुर से रिंगस के बीच 52 किलोमीटर लंबा हाइवे प्रोजेक्ट 2013 में पूरा किया था। लेकिन टोल वसूली से कमाई अपेक्षा के अनुसार नहीं हो पाई, जिससे कर्ज चुकाने में देरी हुई। बात इतनी बिगड़ गई कि कंपनी ने NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के खिलाफ मुकदमा भी दायर कर दिया था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
23 जून 2025 को Reliance Infra ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी कि JRTR और Yes बैंक के बीच सेटलमेंट एग्रीमेंट हुआ है और पूरा कर्ज चुका दिया गया है। इससे Reliance Infra पर से गारंटी की जिम्मेदारी भी खत्म हो गई।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
इस खबर के बाद Reliance Infra के शेयरों में करीब 2% की बढ़त दर्ज की गई और शेयर ₹380 के आसपास बंद हुए। वहीं Yes बैंक के शेयर भी हल्के उछाल के साथ ₹19.95 तक पहुंचे। इससे संकेत मिला कि बाजार इस घटनाक्रम को सकारात्मक दृष्टि से देख रहा है।
बिजनेस जेट निर्माण में नई साझेदारी
यह अकेली बड़ी खबर नहीं थी। Reliance Infra की ही एक और सब्सिडियरी Reliance Aerostructure Ltd. (RAL) ने फ्रांस की प्रतिष्ठित विमान निर्माता कंपनी Dassault Aviation के साथ साझेदारी की घोषणा की है। यह वही कंपनी है जिसने भारत को Rafale फाइटर जेट दिए हैं।
अब Dassault और Reliance मिलकर Falcon 2000 बिजनेस जेट को नागपुर में असेम्बल करेंगे। यह प्रोजेक्ट भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर देगा जो खुद बिजनेस जेट बनाते हैं। अभी तक अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील ही इस श्रेणी में थे।
इस प्रोजेक्ट के तहत नागपुर में बनने वाला प्लांट आगे चलकर Falcon 6X और 8X जैसे एडवांस्ड मॉडल्स के लिए भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन सकता है। पहला मेड इन इंडिया Falcon 2000 जेट के 2028 तक उड़ान भरने की उम्मीद है।
अनिल अंबानी की वापसी की दस्तक?
एक समय था जब अनिल अंबानी की कंपनियां दिवालिया घोषित की जा रही थीं। उन्होंने खुद कोर्ट में ‘शून्य संपत्ति’ होने की बात कही थी। Reliance Communications (RCom) जैसी कंपनियों का पतन उद्योग जगत में विफलता की मिसाल बन चुका था। लेकिन अब वही ग्रुप धीरे-धीरे पुराने कर्ज चुका रहा है और नए क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है।
Dassault के साथ यह साझेदारी महज PR नहीं बल्कि एक इंडस्ट्रियल टर्नअराउंड की संभावनाओं का संकेत देती है। कर्ज चुकाना केवल अकाउंटिंग नहीं, बल्कि भरोसा वापस जीतने की दिशा में एक ठोस कदम है।
निष्कर्ष
अनिल अंबानी की वापसी की चर्चा अब हवा में नहीं है। Reliance Infra की हालिया गतिविधियां यह साबित कर रही हैं कि कंपनी न केवल पुराने ज़ख्म भर रही है, बल्कि नई उड़ान की तैयारी में है। Dassault के साथ साझेदारी और कर्ज का भुगतान—दोनों मिलकर एक नई शुरुआत का संकेत देते हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या यह बदलाव स्थायी साबित होता है या फिर यह एक अस्थायी छलावा मात्र है। लेकिन फिलहाल, बर्बादी की नहीं, वापसी की बात हो रही है।
F.A.Q.
– क्या Reliance Infrastructure वाकई कर्जमुक्त हो गई है?
Reliance Infrastructure की सब्सिडियरी JR टोल रोड प्रा. लि. ने Yes Bank से लिया ₹273 करोड़ का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया है। इसके साथ ही Reliance Infra पर बतौर गारंटर कोई बकाया नहीं बचा, जिससे इसे एक बड़ी राहत मिली है।
– Dassault और Reliance की साझेदारी में क्या खास है?
फ्रांस की कंपनी Dassault Aviation और Reliance Aerostructure मिलकर भारत में Falcon 2000 बिजनेस जेट का निर्माण करेंगे। यह प्रोजेक्ट नागपुर में होगा और भारत को बिजनेस जेट बनाने वाले चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल करेगा।
– क्या यह डील सिर्फ PR स्टंट है या वाकई में गेम चेंजर साबित हो सकती है?
यह साझेदारी सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं है। यह एक गंभीर औद्योगिक योजना है, जिसमें भारत में असेंबली लाइन स्थापित की जाएगी और आने वाले वर्षों में कई एडवांस जेट बनाए जाएंगे। यह अनिल अंबानी के ग्रुप के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
– क्या Reliance ग्रुप की अन्य कंपनियां भी अब सुधर रही हैं?
हां, Reliance Infra और इसकी अन्य सब्सिडियरी कंपनियां पुराने कर्ज चुका रही हैं और नए बिजनेस क्षेत्रों में प्रवेश कर रही हैं। यह समूह दोबारा खड़ा होने की कोशिश में सक्रिय रूप से लगा हुआ है।
– क्या यह संकेत है कि अनिल अंबानी की वापसी शुरू हो गई है?
पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता, लेकिन हालिया घटनाक्रम – कर्ज चुकाना और Dassault जैसी बड़ी कंपनी से साझेदारी – यह संकेत जरूर देते हैं कि अनिल अंबानी 2.0 की शुरुआत हो सकती है।
Also read:-