मां-बाप की सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे हमेशा खुश रहें, उन्हें किसी चीज़ की कमी न हो। इसीलिए वो दिन-रात मेहनत करते हैं, बचत करते हैं और भविष्य की योजनाएं बनाते हैं। पहले के समय में लोग अपने बच्चों के लिए थोड़ी-बहुत जमीन-जायदाद, सोना-चांदी इकट्ठा कर लेते थे और मान लेते थे कि बस इतना काफी है। लेकिन आज के समय में इतना ही काफी नहीं है।
आज की दुनिया में बच्चों की पढ़ाई, उनकी जरूरतें और उनके सपनों को पूरा करना बहुत महंगा हो गया है। सिर्फ बचत से काम नहीं चलता, बल्कि सही जगह और सही तरीके से निवेश करना भी जरूरी हो गया है।
तो सवाल ये उठता है कि बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कब शुरू करनी चाहिए? कैसे करें? और किन बातों का ध्यान रखें? आइए, इन सवालों के जवाब जानते हैं।

कब शुरू करें बच्चों की फाइनेंशियल प्लानिंग?
कई लोग सोचते हैं कि बच्चे के पैदा होने के बाद ही उसके लिए पैसे जमा करने शुरू करेंगे। लेकिन आज के दौर में ऐसा करना थोड़ी देर हो जाती है। जैसे ही शादी होती है या परिवार बढ़ाने का प्लान बनता है, तभी से इसके बारे में सोचना चाहिए।
असल में, बच्चे के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई और शादी तक हर कदम पर पैसे की जरूरत होती है। और अगर पहले से तैयारी नहीं होगी तो बाद में ये बोझ बन सकता है।
बच्चे के जन्म से पहले की प्लानिंग
बच्चा कंसीव होने से लेकर जन्म तक भी काफी खर्च होता है। अस्पताल का बिल, मां की छुट्टियां, घर का खर्च — ये सब मिलाकर डेढ़ से दो लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। इसके लिए पहले से थोड़ा-थोड़ा पैसा अलग रखना अच्छा होता है।
बच्चे के बड़े होने पर आने वाले खर्चे:
अब बात करते हैं बच्चे के बड़े होने पर आने वाले बड़े-बड़े खर्चों की।
- प्री-स्कूल और स्कूलिंग: आजकल अच्छे स्कूलों में एडमिशन फीस और सालाना खर्च बहुत ज्यादा हो गया है। अगर आज प्री-स्कूल की फीस 1 लाख रुपये सालाना है, तो 3-4 साल बाद ये करीब 2 लाख हो सकती है।
- हायर एजुकेशन: बच्चे की ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए अगर भारत में ही पढ़ाना है तो भी 30-50 लाख तक की जरूरत हो सकती है। विदेश भेजना है तो ये खर्च 1-2 करोड़ तक पहुंच सकता है।
- शादी: हमारे समाज में अब भी बच्चे की शादी को माता-पिता की जिम्मेदारी माना जाता है। इसके लिए भी अच्छा-खासा फंड चाहिए।
कितना पैसा बचाएं?
ये सवाल हर माता-पिता के मन में रहता है कि आखिर कितना पैसा अलग रखना चाहिए। अगर मोटे तौर पर देखें तो आज के हिसाब से बच्चे के जन्म से लेकर उसकी शादी तक करीब 3-4 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ सकती है।
लेकिन घबराने की बात नहीं है। अगर आप शुरुआत जल्दी करते हैं तो छोटी-छोटी रकम से भी बड़ा फंड बन सकता है।
सही पोर्टफोलियो कैसा हो?
बच्चों के लिए फंड बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- छोटे खर्चों के लिए थोड़ी रकम सेविंग अकाउंट या एफडी में रखें ताकि जरूरत पर तुरंत निकाल सकें।
- लंबे समय के गोल्स के लिए म्यूचुअल फंड्स में SIP शुरू करें। इससे छोटे-छोटे निवेश से बड़ा फंड बन सकता है।
- अगर बहुत लंबा समय है (10-15 साल) तो शेयर बाजार या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का फायदा उठाएं।
- बच्चों के नाम पर टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस भी जरूर लें ताकि कोई अनहोनी होने पर उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
बच्चों के साथ-साथ खुद के लिए भी प्लान करें
बच्चों की प्लानिंग करते समय अपनी रिटायरमेंट को न भूलें। अगर आप अपनी सैलरी का 20% निवेश करते हैं तो उसमें से आधा बच्चों के लिए और आधा अपने रिटायरमेंट के लिए रखें। क्योंकि बच्चे भले ही आपके लिए सबकुछ हों, लेकिन आपका बुढ़ापा भी उतना ही जरूरी है।
आखिर में…
बच्चों की खुशी के लिए माता-पिता सब कुछ करना चाहते हैं। लेकिन ये तभी संभव है जब सही समय पर सही प्लानिंग की जाए। जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, उतनी ही आसानी से और कम बोझ में आप अपने गोल्स पूरे कर पाएंगे।
तो आज ही बैठकर अपनी आमदनी और खर्चों का हिसाब लगाइए, बच्चों के हर स्टेज के लिए गोल सेट कीजिए और छोटे-छोटे कदमों से बड़ी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कीजिए।
F.A.Q.
– बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कब से शुरू करनी चाहिए?
जैसे ही आप शादी करते हैं और बच्चे के बारे में सोचते हैं, उसी समय से बचत और निवेश की प्लानिंग शुरू कर देना बेहतर होता है। जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना आसान होगा लक्ष्य तक पहुँचना।
– बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए कितना पैसा चाहिए?
ये आपके बच्चों के सपनों और आपकी क्षमताओं पर निर्भर करता है। आमतौर पर मानकर चलें तो पढ़ाई, शादी और अन्य ज़रूरतों के लिए 3–4 करोड़ रुपये तक की तैयारी करनी चाहिए, वह भी महंगाई को ध्यान में रखते हुए।
– बच्चों के लिए कौन-कौन से निवेश विकल्प सही रहते हैं?
आप म्यूचुअल फंड्स (SIP के ज़रिए), बच्चों के नाम पर PPF, सुकन्या समृद्धि योजना (अगर बेटी है), गोल्ड और टर्म इंश्योरेंस जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– बच्चों के साथ-साथ खुद के रिटायरमेंट की प्लानिंग भी ज़रूरी है?
जी हाँ। बच्चों के लिए तो ज़रूरी है ही, लेकिन अपने रिटायरमेंट की तैयारी भी उतनी ही अहम है। सलाह दी जाती है कि अपनी बचत का कम से कम 50% हिस्सा खुद के भविष्य के लिए भी रखें।
– बच्चों के लिए निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
निवेश से पहले लक्ष्य तय करें — जैसे प्राइमरी स्कूलिंग, हायर एजुकेशन, शादी, विदेश भेजना आदि। इसके बाद समय सीमा और महंगाई को ध्यान में रखते हुए सही निवेश साधन चुनें। साथ ही हर साल अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें।
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