BSE में भूचाल! 3 दिन में 15% गिरा शेयर, SEBI-Jane Street विवाद ने उड़ाए निवेशकों के होश

BSE Ltd. का स्टॉक आज यानि मंगलवार को करीब 7.5% तक टूटकर ₹2,437.70 प्रति शेयर पर आ गया, जो कि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है। SEBI द्वारा अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर इंडेक्स मैनिपुलेशन के आरोप के बाद निवेशकों में भारी बेचवाली देखी गई।

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BSE के शेयरों में तीन दिन में 15% तक की गिरावट

BSE के शेयरों में केवल तीन कारोबारी सत्रों में करीब 15% तक की गिरावट आ चुकी है। मंगलवार को शेयर का भाव ₹2,437.70 तक लुढ़क गया। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब पिछले एक साल में BSE का शेयर 208% तक चढ़ चुका था। Jane Street के खिलाफ SEBI की कार्रवाई ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला। इस मामले के बाद कई बड़े निवेशक मुनाफा वसूली की ओर बढ़े, जिससे शेयर पर दबाव बना।

इस बीच Goldman Sachs ने BSE का लक्ष्य मूल्य घटा दिया। पहले जहां उन्होंने ₹2,600–2,700 का अनुमान जताया था, अब इसे घटाकर ₹2,300–2,430 कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों तक शेयर में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं।

बाजार का समग्र हाल और सेक्टोरल प्रदर्शन

7 और 8 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार में कारोबार कमजोर रहा। वैश्विक व्यापारिक तनाव, अमेरिकी टैरिफ और विदेशी बाजारों से कमजोर संकेतों के चलते निवेशक सतर्क रहे। SENSEX 83,420–83,480 के दायरे में बंद हुआ जबकि Nifty50 ने 25,450 के आसपास कारोबार किया।

हालांकि, बैंकिंग और निजी बैंकिंग सेक्टर ने थोड़ी राहत दी। Kotak Mahindra Bank के शेयर में 4% तक की तेजी दर्ज हुई। अन्य बैंकों में भी हल्की मजबूती देखी गई, जिससे समग्र गिरावट कुछ हद तक थमी। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल बैंकिंग सेक्टर में मजबूत निवेशक रुचि बनी हुई है।

सरकारी और नियामक बदलावों का असर

SEBI ने 2 जुलाई से BSE और NSE के लिए ‘सिंगल कॉन्ट्रैक्ट नोट’ की नई व्यवस्था लागू की है। अब पूरे देश में एक ही परिपत्र से ट्रेडिंग की रिपोर्टिंग की जाएगी। इससे न केवल कॉम्प्लायंस लागत घटेगी बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

साथ ही 1 जुलाई से ट्रेड मेंबर्स के लिए नए निरीक्षण और निगरानी नियम भी लागू हो गए हैं। SEBI ने स्पष्ट किया है कि उल्लंघन की स्थिति में तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम लंबे समय में भारतीय शेयर बाजार की विश्वसनीयता को मजबूत करेंगे।

आगे की राह और संभावनाएं

9 जुलाई, 2025 को भारत बंद का आह्वान किया गया है, जिससे बैंकिंग और कुछ सार्वजनिक सेवाओं पर असर पड़ सकता है। हालांकि, शेयर बाजार सामान्य रूप से खुले रहेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ज्यादा व्यवधान नहीं हुआ तो बाजार पर इसका ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

BSE Ltd. के शेयर SEBI और Jane Street विवाद की वजह से दबाव में हैं। वैश्विक व्यापार तनाव और निवेशकों की सतर्कता से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। हालांकि, बैंकिंग सेक्टर ने थोड़ी राहत दी है और SEBI के नए नियम लंबे समय में पारदर्शिता और स्थिरता ला सकते हैं।

F.A.Q.

– क्या BSE का शेयर अब और गिरेगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों तक शेयर में उतार-चढ़ाव रह सकता है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए BSE अभी भी एक मजबूत कंपनी मानी जाती है।

– Goldman Sachs ने BSE का टार्गेट प्राइस क्यों घटाया?

Jane Street विवाद और बाजार में अस्थिरता के चलते Goldman Sachs ने BSE का लक्ष्य मूल्य ₹2,300–2,430 के बीच कर दिया। उनका मानना है कि निकट भविष्य में जोखिम बढ़ गए हैं।

– SEBI के नए नियमों का बाजार पर क्या असर होगा?

SEBI द्वारा लागू किए गए ‘सिंगल कॉन्ट्रैक्ट नोट’ और ट्रेड मेंबर निरीक्षण नियमों से पारदर्शिता बढ़ेगी, रिपोर्टिंग आसान होगी और दीर्घावधि में बाजार की स्थिरता बेहतर होगी।

– क्या भारत बंद से शेयर बाजार बंद रहेगा?

नहीं, 9 जुलाई को भारत बंद का असर बैंक और सार्वजनिक सेवाओं पर पड़ेगा, लेकिन शेयर बाजार खुले रहेंगे। हालांकि, कारोबार में थोड़ी अस्थिरता हो सकती है।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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