डिफेंस सेक्टर के शेयरों में पिछले तीन दिनों से जो भारी गिरावट देखने को मिल रही थी, उसमें आज हल्की राहत दिखाई दी है। खासकर जीआरएस (Garden Reach Shipbuilders) जैसे काउंटर जो इस गिरावट के प्रमुख कारणों में थे, उनमें आज रिकवरी के संकेत नजर आए। हालांकि, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह रिकवरी पूरी तरह से सस्टेनेबल नहीं है, और अभी भी अधिकांश डिफेंस शेयर नीचे ही बंद हुए हैं।
दरअसल, नाटो की ओर से एक अहम सहमति बनी है कि सदस्य देश अब अपनी जीडीपी का 2% से 5% डिफेंस सेक्टर पर खर्च करेंगे। इस फैसले से भारतीय डिफेंस कंपनियों को उम्मीद जगी है कि उन्हें निर्यात से जुड़ी नई डील्स या ऑर्डर मिल सकते हैं। इसी उम्मीद ने आज शेयरों को कुछ हद तक सपोर्ट दिया।

किन डिफेंस शेयरों पर रखें नज़र?
बीईएल (BEL) और एचएएल (HAL) को लेकर बाजार के जानकारों की राय सकारात्मक है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, ये स्टॉक्स फिलहाल अपने सपोर्ट लेवल्स की ओर बढ़ रहे हैं और कुछ ही समय में वहां तक पहुंच सकते हैं।
विश्लेषक कहते हैं कि,
“अगर BEL 400 के नीचे, खासकर 390 के आसपास मिलता है, तो वह खरीदारी के लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है। वहीं, HAL में 4600 के स्तर के पास बाय करने की सलाह दी जाती है।”
जीआरएस का चार्ट स्ट्रक्चर भी मजबूत माना जा रहा है। अगर इसमें और गिरावट आती है और यह 2850–2900 के आसपास ट्रेंड करता है, तो उसमें भी खरीदारी का अवसर बन सकता है।
BDL भी बन सकता है एक अच्छा मौका
इन तीन प्रमुख डिफेंस कंपनियों के अलावा, बीडीएल (Bharat Dynamics Ltd) के चार्ट को भी मजबूत माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक,
“अगर BDL 1750 से 1780 की रेंज में मिलता है, तो यह एक अच्छा ‘बाय ऑन डिप्स’ कैंडिडेट हो सकता है क्योंकि यह इसका वीकली सपोर्ट जोन है।”
कौन है टॉप पिक?
बाजार विश्लेषक साफ कहते हैं कि इस गिरावट के बाद पहली प्राथमिकता एचएएल और बीईएल को दी जानी चाहिए। उसके बाद बीडीएल और अंत में जीआरएस को ट्रैक किया जाना चाहिए। यानी इस सेक्टर में निवेश की पैकिंग ऑर्डर कुछ इस प्रकार है:
- एचएएल (HAL)
- बीईएल (BEL)
- बीडीएल (BDL)
- जीआरएस (GRSE)
सावधानी जरूरी
हालांकि एक्सपर्ट्स ने इन शेयरों में गिरावट पर खरीदारी की सलाह दी है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी कि डिफेंस शेयर हाल ही में ओवरहीटेड हो चुके थे। यानी शॉर्ट टर्म में वॉलेटिलिटी बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सपोर्ट लेवल पर ही खरीदारी करनी चाहिए, ना कि किसी भी स्तर पर।
निवेशकों के लिए सलाह
शेयर बाजार में सफलता केवल मौके की पहचान से नहीं, बल्कि सही समय पर एक्शन लेने से भी मिलती है। इसलिए, यदि आपको इनमें से कोई स्टॉक अपने बताए गए सपोर्ट लेवल्स पर मिलता है, तो वहां एक सिस्टमैटिक अप्रोच से निवेश की सोच सकते हैं।
बिलकुल वैसे ही जैसे म्यूचुअल फंड की SIP — जिसमें हर महीने एक छोटी रकम निवेश करके लंबी अवधि में बड़ा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
F.A.Q.
– डिफेंस सेक्टर के शेयरों में हाल की गिरावट क्यों आई?
हाल के दिनों में डिफेंस स्टॉक्स जैसे बीईएल, एचएएल और जीआरएस में गिरावट इसलिए आई क्योंकि ये शेयर पहले से ही ओवरबॉट या ओवरहीटेड जोन में थे। तेज़ रैली के बाद मुनाफावसूली स्वाभाविक है।
– क्या नाटो के फैसले से भारतीय डिफेंस कंपनियों को फायदा होगा?
हां, नाटो देशों द्वारा जीडीपी का 2%–5% रक्षा खर्च में लगाने की सहमति से भारत की डिफेंस कंपनियों को निर्यात के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है, जिससे इनके फंडामेंटल मजबूत हो सकते हैं।
– शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म – डिफेंस शेयरों में किस नजरिए से निवेश करें?
शॉर्ट टर्म में वॉलेटिलिटी रह सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए ये शेयर अच्छे रिटर्न दे सकते हैं। इसलिए SIP जैसे डिसिप्लिन्ड अप्रोच से लॉन्ग टर्म निवेश बेहतर रहेगा।
– डिफेंस सेक्टर में इतना बुलिश सेंटिमेंट क्यों है?
भारत सरकार का मेक इन इंडिया फोकस, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति और वैश्विक स्तर पर रक्षा बजट में बढ़ोतरी जैसे फैक्टर्स डिफेंस सेक्टर को लॉन्ग टर्म के लिए आकर्षक बनाते हैं।
– क्या यह सही समय है डिफेंस शेयरों में SIP शुरू करने का?
अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं, तो करेक्शन के समय SIP या ग्रेडुअल बायिंग से शुरुआत करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। इससे एवरेज कॉस्टिंग में मदद मिलती है।
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