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बस कुछ दिन बाकी हैं! HDB Financial का IPO खुलने वाला है – जानिए सारी डिटेल्स

हर साल जब कोई नया IPO आता है, तो बाजार में एक अलग ही हलचल देखने को मिलती है। निवेशकों के लिए ये पैसा कमाने का मौका होता है और ब्रांड प्रेमियों के लिए अपने पसंदीदा ब्रांड में हिस्सेदार बनने का सुनहरा अवसर। लेकिन जब बात देश के सबसे भरोसेमंद बैंक HDFC बैंक की हो और उसकी किसी सब्सिडियरी की, तो बाजार खुद-ब-खुद सतर्क हो जाता है।

अब एक बार फिर से ऐसी ही हलचल देखने को मिल रही है HDB Financial Services को लेकर। यह कंपनी अब IPO के जरिए शेयर बाजार में एंट्री लेने जा रही है और इसकी चर्चा ज़ोरों पर है।

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HDB Financial Services है क्या?

यह कंपनी HDFC बैंक की सब्सिडियरी है और इसकी स्थापना 2007 में हुई थी। आज यह देश की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) में से एक मानी जाती है। कंपनी का मुख्य काम है पर्सनल लोन, बिजनेस लोन, गोल्ड लोन और ऑटो लोन जैसे कर्ज देना। यानी बैंकिंग से जुड़ा हुआ लेकिन स्वतंत्र बिजनेस मॉडल।

देशभर में कंपनी की 1600 से ज्यादा ब्रांच हैं और लाखों लोग इसके साथ सीधे या इनडायरेक्ट तरीके से जुड़े हुए हैं।

HDB Financial Services IPO का स्ट्रक्चर क्या है?

HDB का IPO दो हिस्सों में बंटा होगा:

  1. Fresh Issue – ₹2,500 करोड़: इसमें कंपनी नए शेयर जारी करेगी और इससे मिलने वाला पैसा बिजनेस विस्तार में, नई ब्रांच खोलने, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और डिजिटल सर्विसेज सुधारने में खर्च करेगी।
  2. Offer For Sale (OFS) – ₹10,000 करोड़: इसमें HDFC बैंक अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचकर कैश जुटाएगा जिससे उसकी बैलेंस शीट और मजबूत होगी।

IPO की तारीख और नियमों का दबाव

यह IPO आम निवेशकों के लिए 25 जून से 27 जून 2025 तक खुला रहेगा, जबकि 24 जून को एंकर इनवेस्टर्स के लिए यह पहले ही ओपन हो जाएगा।

IPO लाने की एक अहम वजह है RBI का 2023 का नियम, जिसमें कहा गया था कि बड़ी NBFCs को तीन साल के भीतर स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना जरूरी है। HDB को “Significant NBFC” माना गया है, इसलिए सितंबर 2025 तक लिस्टिंग अनिवार्य है।

वैल्यूएशन और परफॉर्मेंस

IPO के बाद HDB का वैल्यूएशन करीब ₹62,000 करोड़ यानी $7.2 बिलियन तक होने का अनुमान है। प्राइवेट मार्केट में इसके शेयर फिलहाल ₹1275 के आसपास ट्रेड हो रहे हैं।

मार्च 2025 की तिमाही में कंपनी ने ₹531 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो सालाना आधार पर 19% कम जरूर है, लेकिन तिमाही दर तिमाही इसमें 12% की ग्रोथ देखी गई है। कुल आय ₹4266 करोड़ रही, जिसमें से ₹3623 करोड़ सिर्फ लोन से ब्याज आय थी।

HDFC बैंक पर क्या असर पड़ेगा?

IPO के बाद HDFC बैंक की हिस्सेदारी कम जरूर होगी, लेकिन कंपनी उसी के नियंत्रण में रहेगी। हालांकि RBI के एक और नियम के मुताबिक, अगर बैंक और उसकी NBFC एक जैसे प्रोडक्ट बेच रही हों, तो या तो बैंक को अपनी हिस्सेदारी 20% से कम करनी होगी या फिर दोनों कंपनियों का मर्जर करना होगा। यानी आने वाले समय में HDFC बैंक को बड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं।

IPO की खबर के बाद HDFC बैंक का शेयर करीब 1% तक चढ़ गया। नामी ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने इसे ‘Buy’ की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹380 रखा है।

निष्कर्ष

HDB Financial Services का IPO केवल एक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन नहीं बल्कि भारत के फाइनेंशियल सिस्टम में चल रहे नीतिगत बदलावों का भी प्रतीक है।

अगर आप निवेशक हैं, तो यह जरूरी है कि आप केवल कंपनी के ब्रांड नाम पर भरोसा न करें, बल्कि उसके बिजनेस मॉडल, ग्रोथ प्लान और रेगुलेटरी स्थिति को समझकर ही निवेश का निर्णय लें। IPO में पैसा लगाना आसान है, लेकिन समझदारी से लगाना ही असली सफलता है।

F.A.Q.

– HDB Financial Services क्या करती है और यह किसकी कंपनी है?

HDB Financial Services, HDFC बैंक की एक सब्सिडियरी है जो 2007 में शुरू हुई थी। यह एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है जो पर्सनल लोन, बिजनेस लोन, गोल्ड लोन और ऑटो लोन जैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देती है।

– HDB Financial Services का IPO कब खुलेगा?

यह IPO 25 जून से 27 जून 2025 तक आम निवेशकों के लिए खुलेगा। 24 जून 2025 को एंकर इनवेस्टर्स के लिए यह पहले ही खुल जाएगा।

– इस IPO का साइज कितना बड़ा है और इसका स्ट्रक्चर क्या है?

IPO का कुल साइज करीब ₹12,500 करोड़ है। इसमें ₹2,500 करोड़ का Fresh Issue और ₹10,000 करोड़ का Offer for Sale (OFS) शामिल है।

– क्या इस IPO में निवेश करना फायदेमंद रहेगा?

कंपनी मुनाफे में है, ग्रोथ स्टेबल है और मार्केट में इसकी वैल्यू करीब ₹62,000 करोड़ आंकी जा रही है। साथ ही HDFC बैंक जैसी भरोसेमंद पेरेंट कंपनी इसका बैकअप है। हालांकि, निवेश से पहले बिजनेस मॉडल और वैल्यूएशन की पूरी जांच जरूरी है।

– HDFC बैंक पर इसका क्या असर पड़ेगा?

IPO से HDFC बैंक को बड़ा कैश मिलेगा जिससे उसकी बैलेंस शीट मजबूत होगी। लेकिन RBI के नियमों के चलते भविष्य में बैंक को या तो HDB में हिस्सेदारी घटानी होगी या दोनों कंपनियों का मर्जर करना पड़ सकता है।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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