ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को ही बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह भी लगातार तीन दिन बाजार लाल निशान में बंद हुआ था। इस जंग में अब अमेरिका की एंट्री ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या निवेशकों को घबराकर बाजार से बाहर निकल जाना चाहिए या ये गिरावट निवेश का सुनहरा मौका है?

क्या करें, क्या न करें?
अंशुल जैन का कहना है, “बाजार को टाइम करने की कोशिश ना करें। गिरावट के समय पूरा पोर्टफोलियो बेच देना और फिर सस्ते दामों पर वापस खरीदने की सोच रखना अक्सर नुकसानदायक होता है। इतिहास गवाह है कि जब-जब बाजार गिरा है, वहां से शानदार रिकवरी भी देखने को मिली है।”
एक्सपर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में अगर आपके पास IT, ऑटो और मेटल सेक्टर की लार्ज कैप कंपनियों के शेयर हैं तो उन्हें होल्ड करें या एवरेज करें। अगर नहीं हैं तो इन सेक्टर्स में निवेश का यह सही समय हो सकता है।
क्यों IT, ऑटो और मेटल?
एक्सपर्ट का मानना है कि इन तीन सेक्टर्स में अगले एक साल में बड़ा पैसा बन सकता है। आईटी सेक्टर में मजबूत विदेशी निवेश दिखाई दे रहा है, ऑटो सेक्टर में लगातार डिमांड बनी हुई है और मेटल सेक्टर ने पहले ही एक बड़ी रैली दिखाई है – अब दूसरी रैली के संकेत मिल रहे हैं।
इन सेक्टर्स में टेक्निकल चार्ट्स पर भी मजबूती देखी जा रही है, और रिटेल तथा संस्थागत निवेशक दोनों की दिलचस्पी बनी हुई है।
क्या वर्ल्ड वॉर-3 जैसी स्थिति संभव है?
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव में अमेरिका की सक्रियता से अब इस जंग के वर्ल्ड वॉर-3 की ओर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन अंशुल जैन इससे सहमत नहीं हैं।
उनका कहना है कि, “रशिया पहले से यूक्रेन युद्ध में उलझा है, और चीन खुलकर किसी का पक्ष नहीं लेगा क्योंकि उसका फोकस व्यापार पर है। इसीलिए इस टकराव के और ज्यादा बढ़ने की संभावना बहुत कम है।”
क्रूड ऑयल और स्ट्रेट ऑफ हॉर्मोस
एक बड़ा मुद्दा क्रूड ऑयल की कीमतों को लेकर है। स्ट्रेट ऑफ हॉर्मोस के बंद होने की सिफारिश ईरानी संसद की ओर से आई है, जिससे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। हालांकि एक्सपर्ट मानते हैं कि ईरान ऐसा कदम नहीं उठाएगा क्योंकि इससे वैश्विक नाराजगी का खतरा बढ़ जाएगा और खुद ईरान को भी नुकसान होगा।
इसके अलावा, क्रूड के दामों में अस्थायी उछाल देखने को मिला है, लेकिन $77.17 का रेजिस्टेंस नहीं टूट पाया है। अगर ये लेवल टूटता नहीं है तो क्रूड फिर से $62-$67 तक फिसल सकता है।
तेल-गैस सेक्टर में कहां निवेश करें?
ONGC और ऑयल इंडिया जैसी कंपनियों के चार्ट फिलहाल कमजोर दिख रहे हैं। वहीं IOC, BPCL और HPCL में मजबूती बनी हुई है। अंशुल जैन की राय है कि IOC सबसे मजबूत विकल्प है, जो डिविडेंड और कैपिटल ग्रोथ दोनों देता है।
उनका मानना है कि IOC का स्टॉक 183-184 तक जा सकता है, और SIP के ज़रिए इसमें निवेश करने से बेहतर रिटर्न्स मिल सकते हैं।
निष्कर्ष:
बाजार में जब अनिश्चितता हो, तब सही रणनीति ही आपको मुनाफे तक पहुंचा सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ये गिरावट डरने की नहीं, बल्कि सोच-समझकर निवेश करने की घड़ी है। IT, ऑटो, मेटल और OMC सेक्टर में मजबूत स्टॉक्स पर नजर रखें – और पैनिक में आकर जल्दबाज़ी से बचें।
F.A.Q.
– ईरान-इजराइल युद्ध से शेयर बाजार पर क्या असर पड़ा है?
ईरान-इजराइल संघर्ष के चलते बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई है।
– क्या जंग के समय शेयर मार्केट में निवेश करना सही होता है?
जंग जैसे हालात में बाजार में गिरावट आम है, लेकिन समझदारी से चुनकर निवेश करने पर लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। एक्सपर्ट्स इसे “Buying Opportunity” भी मानते हैं।
– क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने से किन सेक्टरों पर असर पड़ेगा?
क्रूड ऑयल महंगा होने से एविएशन, पेंट्स, और ऑटो सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जबकि OMCs (Oil Marketing Companies) और कुछ एनर्जी कंपनियों को फायदा हो सकता है।
– ऐसे कौनसे स्टॉक्स हैं जो जंग के समय अच्छा परफॉर्म करते हैं?
जंग के समय डिफेंस, एनर्जी, FMCG और गोल्ड से जुड़े स्टॉक्स आमतौर पर बेहतर परफॉर्म करते हैं क्योंकि ये सुरक्षित निवेश माने जाते हैं।
– क्या अभी शेयर बाजार से निकल जाना चाहिए या इंतजार करें?
अगर आपने अच्छे और मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश किया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लॉन्ग टर्म निवेशकों को ऐसे समय धैर्य रखने की सलाह दी जाती है।
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