भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है। इस बार संकेत साफ हैं – मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में तूफानी तेजी की तैयारी कीजिए। विशेषज्ञों का मानना है कि हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां कॉस्ट ऑफ कैपिटल रैली का आगाज़ होने वाला है।

क्या है कॉस्ट ऑफ कैपिटल रैली?
इंटरस्ट रेट्स अब लगभग “नेक्स्ट टू नथिंग” स्तर पर आ गए हैं। बैंक FD में भी 6% से ज्यादा रिटर्न नहीं मिल रहा है, ऐसे में निवेशकों के पास पैसे लगाने के विकल्प सीमित हो गए हैं। रियल एस्टेट की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, और गोल्ड पहले ही ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर चुका है। ऐसे में बचता है एक ही विकल्प – इक्विटीज।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश का यह पैसा मिड और स्मॉल कैप शेयरों में अधिक फ्लो करेगा, क्योंकि लार्ज कैप स्टॉक्स पहले ही काफी हद तक प्राइस इन हो चुके हैं। म्यूचुअल फंड हाउसेज़ और रिटेल निवेशकों के पास कैश है, और उन्हें बेहतर रिटर्न के लिए जगह चाहिए – जो मिड और स्मॉल कैप्स ही दे सकते हैं।
अमेरिका भी दे सकता है सपोर्ट
अमेरिका भी रेट कट करने के लिए तैयार खड़ा है – बस समय का इंतज़ार है। अगर ऐसा होता है तो दुनियाभर में अल्ट्रा लो इंटरेस्ट रेट एनवायरमेंट बनेगा, जो इक्विटी मार्केट्स खासकर मिड और स्मॉल कैप्स के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
कौन से सेक्टर्स रहेंगे फोकस में?
जानकारों की राय में रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स जैसे:
- बैंकिंग
- NBFCs
- ऑटो
- रियल एस्टेट
…इनमें स्ट्रक्चरल तेजी देखने को मिल सकती है। खासकर NBFC सेक्टर के वे स्टॉक्स जो पिछले एक साल में काफी गिर चुके हैं, जैसे माइक्रो फाइनेंस कंपनियां – इनका जोखिम जरूर है, लेकिन अब इनमें बड़ा उछाल आने की संभावना भी बन रही है।
IT और Banks – साथ में रफ्तार?
अगर IT और बैंकिंग दोनों सेक्टर एक साथ चलने लगें, तो यह एक ऑल टाइम हाई की रैली को जन्म दे सकता है। जानकारों की मानें तो जुलाई से सितंबर के बीच निफ्टी में 1000 पॉइंट की तेजी कोई बहुत बड़ी बात नहीं होगी। यह लगभग 4% की रैली होगी, जिसकी प्रोबेबिलिटी 70% से भी अधिक मानी जा रही है।
निष्कर्ष: समय सही है, मौके को पहचानिए
इस समय बाजार में जो “फोमो” यानी “फियर ऑफ मिसिंग आउट” की भावना है, वह दिखाती है कि कई निवेशक अब भी फुली इन्वेस्टेड नहीं हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह सही समय है एक बोल्ड अप्रोच लेने का।
अगर आपने अब तक रैली मिस की है, तो यह मौका है खुद को फिर से पोजिशन करने का – क्योंकि मिड कैप और स्मॉल कैप में जो तेजी आने वाली है, वह सिर्फ भावनात्मक नहीं, फंडामेंटल्स से भी समर्थित है।
F.A.Q.
– मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स में तेजी क्यों आने की उम्मीद है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरें अब बेहद निचले स्तर पर हैं और निवेश के विकल्प सीमित हैं। ऐसे में मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेशकों का झुकाव बढ़ेगा। साथ ही, अमेरिका में भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन रही है, जो ग्लोबल लिक्विडिटी को बढ़ाएगी।
– क्या यह तेजी तुरंत शुरू होगी या थोड़ा इंतज़ार करना होगा?
यह तेजी धीरे-धीरे शुरू हो सकती है। यह जरूरी नहीं कि तुरंत ही स्टॉक्स चढ़ना शुरू करें, लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच एक मजबूत रैली की संभावना जताई जा रही है।
– किन सेक्टर्स पर निवेशकों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स जैसे बैंकिंग, NBFC, ऑटोमोबाइल्स, और रियल एस्टेट में स्ट्रक्चरल तेजी की उम्मीद है। इसके अलावा, माइक्रोफाइनेंस और कुछ आईटी स्टॉक्स भी फोकस में रह सकते हैं।
– क्या प्रमोटर सेलिंग और ब्लॉक डील्स बाजार के लिए खतरा हैं?
नहीं, यह बुल मार्केट का सामान्य हिस्सा है। अतीत में भी प्रमोटर सेलिंग के बावजूद स्टॉक्स ने अच्छी रैली की है। 1 जुलाई से ट्रेडिंग विंडो बंद होने के बाद ये ब्लॉक डील्स भी थम जाएंगी।
– क्या यह निवेश का सही समय है या रुकना चाहिए?
यदि आपका नजरिया मध्यम से लंबी अवधि का है, तो यह एक अच्छा समय माना जा सकता है। म्यूचुअल फंड्स और रिटेल निवेशकों के पास कैश है और बाजार में “फोमो” की भावना दिख रही है, जो बताती है कि तेजी की संभावनाएं मजबूत हैं।
Also read:-