जब बाजार में अस्थिरता होती है, तब निवेशक ऐसे विकल्प तलाशते हैं जो उन्हें संतुलन और सुरक्षा दे सकें। ऐसे समय में मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरे हैं। 2025 के शुरुआती दो तिमाहियों में इन फंड्स की परफॉर्मेंस ने निवेशकों और फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स दोनों का ध्यान खींचा है।
दरअसल, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो निवेशकों का पैसा एक साथ तीन या उससे अधिक एसेट क्लास में लगाते हैं — जैसे इक्विटी (शेयर मार्केट), डेट (बॉन्ड्स/एफडी जैसे विकल्प) और गोल्ड। कई फंड्स इसमें विदेशी इक्विटी, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) जैसे विकल्प भी जोड़ते हैं।
इनका मकसद है – रिस्क को बैलेंस करते हुए बेहतर और स्थिर रिटर्न देना। जहां इक्विटी ग्रोथ देती है, वहीं डेट स्थिरता लाता है और गोल्ड एक सुरक्षा कवच का काम करता है।

2025 में क्यों चर्चा में हैं ये फंड्स?
इस साल भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। बहुत से सेक्टर्स में वैल्यूएशन ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके हैं, जिससे निवेशक असमंजस में हैं। वहीं, डेट मार्केट में ब्याज दरें स्थिर हैं, जिससे वहां से रिटर्न की संभावनाएं सीमित हैं। ऐसे में गोल्ड ने निवेशकों को राहत दी है।
पिछले 1 साल में गोल्ड ने करीब 30% का रिटर्न दिया है — जो कि निफ्टी और सेंसेक्स जैसे बड़े इंडेक्स से भी ज्यादा है। जियोपॉलिटिकल तनाव, बढ़ती महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता के चलते गोल्ड फिर से निवेशकों की पसंद बना है।
विशेषज्ञों की राय
विज़ड्डम के रिसर्च हेड नीरव करकरे के अनुसार, “जब इक्विटी मार्केट गिरा, तब गोल्ड की तेजी ने मल्टी एसेट फंड्स को संभाल लिया।”
राइट्स रिसर्च की फाउंडर सोनम श्रीवास्तवा कहती हैं, “गोल्ड की 10–20% हिस्सेदारी ने इस साल इन फंड्स को ट्रेडिशनल बैलेंस्ड फंड्स से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की।”
कोड एडवाइजर्स के ऋषभ नहर चेतावनी देते हैं कि “पिछले रिटर्न देखकर निवेश करना गलत होगा। गोल्ड एलोकेशन एक रणनीति का हिस्सा होना चाहिए, ना कि सिर्फ एक ट्रेंड।”
किन निवेशकों के लिए सही हैं ये फंड्स?
अगर आप वो निवेशक हैं जो ना ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं और ना ही बहुत सेफ खेलना चाहते हैं, तो मल्टी एसेट फंड्स आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकते हैं। ये फंड्स आपको स्मूथ और बैलेंस्ड राइड देते हैं।
सबसे बड़ा फायदा इन फंड्स का टैक्स एफिशिएंसी है। जब आप अलग-अलग एसेट में मैनुअली पैसा लगाते हैं और स्विच करते हैं, तो हर बार टैक्स देना पड़ता है। लेकिन मल्टी एसेट फंड्स में फंड मैनेजर आपके लिए यह स्विचिंग करता है और टैक्स तब तक नहीं लगता जब तक आप पूरा फंड नहीं बेचते।
क्या हैं जोखिम?
हालांकि ये फंड्स स्टेबल होते हैं, लेकिन पूरी तरह रिस्क-फ्री नहीं हैं। फंड मैनेजर का गलत अनुमान, मार्केट ट्रेंड्स को ना समझ पाना या सीमित फ्लेक्सिबिलिटी इनकी परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, जब बाजार जबरदस्त तेजी में होता है, तब ये फंड्स थोड़े पीछे रह सकते हैं क्योंकि इनका पैसा गोल्ड और डेट में भी बंटा होता है।
निष्कर्ष
आज के समय में जब निवेशक 30% रिटर्न के पीछे भाग रहे हैं, वहीं मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स शांति, स्थिरता और भरोसे के साथ लंबी अवधि में बेहतर अनुभव देने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आप भी अपने निवेश पोर्टफोलियो में बैलेंस और टैक्स एफिशिएंसी चाहते हैं, तो 2025 में ये फंड्स आपके लिए एक स्मार्ट मूव साबित हो सकते हैं।
F.A.Q.
– मल्टी एसेट एलोकेशन फंड क्या होता है?
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड होता है जो आपके पैसे को एक साथ कई एसेट क्लासेज में निवेश करता है — जैसे इक्विटी (शेयर), डेट (बॉन्ड्स या एफडी जैसे सुरक्षित विकल्प) और गोल्ड। इसका उद्देश्य है रिस्क को बैलेंस करना और स्थिर रिटर्न देना।
– क्या ये फंड रिस्क फ्री होते हैं?
नहीं, ये फंड पूरी तरह रिस्क फ्री नहीं होते। हालांकि, इनमें रिस्क अन्य इक्विटी फंड्स की तुलना में कम होता है क्योंकि निवेश कई अलग-अलग एसेट्स में होता है। फिर भी, अगर फंड मैनेजर गलत निर्णय ले या मार्केट की स्थिति अचानक बदल जाए, तो नुकसान संभव है।
– क्या मल्टी एसेट फंड में टैक्स लगता है?
मल्टी एसेट फंड के भीतर किए गए एसेट स्विच पर टैक्स नहीं लगता क्योंकि वह फंड मैनेजर करता है। निवेशक को टैक्स तभी देना होता है जब वह पूरा फंड बेचते हैं। इसीलिए इन्हें Tax Efficient फंड माना जाता है।
– क्या 2025 में मल्टी एसेट फंड्स में निवेश करना सही रहेगा?
2025 में बाजार में उतार-चढ़ाव, गोल्ड की तेजी और डेट रिटर्न में स्थिरता को देखते हुए मल्टी एसेट फंड्स एक बैलेंस्ड और स्मार्ट विकल्प माने जा रहे हैं, खासकर उन निवेशकों के लिए जो न ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं और न ही बहुत कम।
– क्या यह फंड नए निवेशकों के लिए सही है?
हाँ, अगर आप एक नए निवेशक हैं और एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चाहते हैं बिना ज्यादा रिस्क उठाए, तो मल्टी एसेट फंड्स आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं। इसमें फंड मैनेजर आपके पैसे को स्मार्ट तरीके से अलग-अलग एसेट्स में बांटते हैं।
Also read:-