NSDL (National Securities Depository Limited) का IPO हाल ही में बाजार में आया और निवेशकों के बीच इसकी अच्छी-खासी चर्चा रही। जिस तरह से इसका सब्सक्रिप्शन हुआ और फिर लिस्टिंग के दिन इसकी शुरुआत हुई, उससे साफ है कि निवेशकों को इस कंपनी से काफी उम्मीदें हैं। आइए जानते हैं कि इस IPO का सफर कैसा रहा, और अब आगे निवेशकों को क्या कदम उठाने चाहिए।

NSDL IPO का हलचल भरा सफर
NSDL का IPO 30 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक खुला था। इस दौरान इस ऑफर को कुल 41.02 गुना सब्सक्राइब किया गया, जो अपने आप में एक बड़ी बात है।
- QIB (Qualified Institutional Buyers) का सब्सक्रिप्शन 103.97× रहा,
- NII (Non-Institutional Investors) का 34.98×
- और रिटेल निवेशकों ने भी 7.73× तक हिस्सा लिया।
इससे ये साफ होता है कि संस्थागत से लेकर आम निवेशक तक, सभी ने NSDL में दिलचस्पी दिखाई। कंपनी ने इस IPO के ज़रिए ₹4,011.6 करोड़ जुटाए, जो पूरी तरह OFS (Offer for Sale) के तहत था। इसका मतलब ये है कि प्रमोटरों ने अपनी हिस्सेदारी बेची, जबकि कंपनी को सीधे तौर पर कोई फंड नहीं मिला।
NSDL Share लिस्टिंग: तारीख, समय और शुरुआती कीमत
NSDL के शेयर 6 अगस्त 2025, बुधवार को BSE और NSE दोनों पर लिस्ट हुए। ट्रेडिंग की शुरुआत सुबह 10 बजे (Special Pre-Open Session के बाद) हुई।
IPO के पहले, ग्रे मार्केट में इसका GMP (Grey Market Premium) करीब ₹127 तक पहुंच गया था। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि लिस्टिंग प्राइस ₹927 तक हो सकता है।
लेकिन असल में, शेयर ₹800 के इश्यू प्राइस पर लिस्ट हुआ और ओपन होते ही ₹880 तक चला गया। यानी लगभग 10% का प्रीमियम।
NSDL Share लिस्टिंग के बाद की शेयर मूवमेंट
लिस्टिंग के बाद NSDL का शेयर धीरे-धीरे ऊपर गया और दिन के भीतर ₹908 से ₹912 तक की ऊँचाई छू गया। यानी लिस्टिंग के दिन ही 3% से 4.5% तक की तेजी देखने को मिली।
इस तेजी के साथ NSDL की मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹17,600 से ₹18,000 करोड़ के बीच पहुँच गई। यह संकेत है कि निवेशकों का भरोसा कंपनी के बिज़नेस मॉडल और इसके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बना हुआ है।
एक्सपर्ट्स की सलाह: क्या करना चाहिए?
अब सवाल उठता है कि जिन निवेशकों को IPO में अलॉटमेंट मिला, उन्हें अब क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों की मानें तो:
- यदि आप अल्पकालिक मुनाफे के लिए IPO में गए थे, तो थोड़ा बहुत लाभ लेना गलत नहीं होगा।
- लेकिन अगर आपकी सोच दीर्घकालिक है, तो NSDL एक ऐसी कंपनी है जिसे होल्ड करना बेहतर हो सकता है।
NSDL का बिज़नेस मॉडल मजबूत है, इसका डिजिटल बुनियादी ढांचा अच्छा है, और बाजार में इसकी एक near-monopoly जैसी स्थिति है। ये सभी बातें इसे एक लंबी अवधि के लिए संभावनाशील स्टॉक बनाती हैं।
NSDL के शेयर का भविष्य
NSDL भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनियों में से एक है, और इसका संचालन पूरी तरह से डिजिटल है। इसकी तुलना अगर CDSL से करें, तो IPO के समय इसका वैल्यूएशन ज़्यादा महंगा नहीं था – ₹800 प्रति शेयर के हिसाब से इसका P/E रेशियो लगभग 47× FY25 earnings रहा।
शेयर की शुरुआती मूवमेंट, मजबूत संस्थागत दिलचस्पी और कंपनी का recurring revenue मॉडल इसे एक स्थिर निवेश विकल्प बनाते हैं।
अगर आप उन भाग्यशाली निवेशकों में हैं जिन्हें IPO अलॉटमेंट मिला, तो थोड़ा मुनाफा बुक कर लेना समझदारी होगी। लेकिन पूरी होल्डिंग बेचने की जल्दबाज़ी न करें। कंपनी की फाइनेंशियल मजबूती और बाजार में इसकी भूमिका इसे भविष्य के लिए एक अच्छा स्टॉक बनाती है।
F.A.Q.
– IPO का प्राइस बैंड क्या था और अलॉटमेंट किसे मिला?
IPO का प्राइस बैंड ₹760 से ₹800 प्रति शेयर था। अलॉटमेंट उन निवेशकों को मिला जिन्होंने सही समय पर आवेदन किया और जिनका नाम लॉटरी में आया।
– NSDL का शेयर किस प्राइस पर लिस्ट हुआ?
NSDL का शेयर ₹800 के इश्यू प्राइस पर लिस्ट हुआ और ₹880 तक खुलते ही चला गया। यानी लगभग 10% प्रीमियम मिला।
– क्या NSDL का शेयर अभी खरीदना चाहिए या बेचना?
अगर आपको IPO में अलॉटमेंट मिला है, तो आप कुछ हिस्से का मुनाफा ले सकते हैं। लेकिन लंबे समय के लिए होल्ड करना बेहतर माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी का बिज़नेस मॉडल मजबूत है।
– NSDL और CDSL में क्या अंतर है?
NSDL और CDSL दोनों ही भारत की प्रमुख डिपॉजिटरी कंपनियाँ हैं। लेकिन NSDL देश की पहली और बड़ी डिपॉजिटरी है, जिसका डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर अधिक पुराना और स्थापित है। CDSL का फोकस ज़्यादा रिटेल पर है, जबकि NSDL का झुकाव संस्थागत निवेशकों की तरफ ज़्यादा है।
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