RSI Indicator in Hindi | RSI Indicator क्या है?

ज्यादातर देखा गया है की बहुत सारे बड़े बड़े ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस अपने निवेश को बेहतर बनाने के लिए शेयर में बहुत सारे इंडिकेटर का प्रयोग करते हुवे देखने को मिलता है, उनमे से एक ज्यादातर प्रयोग होनेवाली इंडिकेटर है RSI (Relative Strength Index)।

आज हम इस आर्टिकल की मदद से RSI इंडिकेटर के बारे में बिस्तार से बात करेंगे, इससे आपको मदद मिलेगा किसी भी तरह की ट्रेडिंग में इस इंडिकेटर का बेहतर तरीके से प्रयोग कर पाएंगे।

RSI Indicator in Hindi

RSI Indicator क्या है?

RSI (Relative Strength Index) एक पॉपुलर टेक्निकल इंडिकेटर है, जिसका उपयोग स्टॉक मार्केट, फॉरेक्स, क्रिप्टो और अन्य फाइनेंशियल मार्किट में किया जाता है। यह इंडिकेटर यह बताने में मदद करता है कि कोई स्टॉक या एसेट ओवरबॉट (अधिक खरीदा हुआ) या ओवरसोल्ड (अधिक बेचा हुआ) स्थिति में है।

RSI एक ऑस्सीलेटर (oscillator)  है, जिसकी वैल्यू 0 से 100 के बीच होती है। यह इंडिकेटर किसी भी एसेट की कीमत की गति (momentum) और बदलाव (change) को मापता है। इसे J. Welles Wilder ने 1978 में विकसित किया था।

RSI फॉर्मूला:

RSI को निम्नलिखित फॉर्मूले से कैलकुलेट किया जाता है:

RSI=100−(100 / 1+RS) 

जहां:

RS =Average Loss / Average Gain

Average Gain और Average Loss पिछले n समयावधि (आमतौर पर 14 दिन) के दौरान कीमतों के लाभ और हानि का औसत होता है।

RSI Indicator कैसे उपयोग करें?

RSI Indicator को किसी भी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (जैसे TradingView, Zerodha, Upstox या अन्य) पर लगाया जा सकता है। यह Indicator एक अलग विंडो में एक लाइन के रूप में दिखाई देता है, जो 0 से 100 के बीच ऑस्सीलेट करता है।

इस RSI Indicator में अगर कीमत ऊपर जा रही है, लेकिन RSI नीचे जा रहा है (बियरिश डाइवरजेंस), तो यह एक गिरावट का संकेत हो सकता है। अगर कीमत नीचे जा रही है, लेकिन RSI ऊपर जा रहा है (बुलिश डाइवरजेंस), तो यह एक बढ़त का संकेत हो सकता है।

RSI Indicator में 0 से 100 के बीज तीन ऐसे लेवल है जिसकी मदद से हम अंदाजा लगा सकते है शेयर की प्राइस किस ट्रेंड में हैं. आइए जानते है:-

  • 0 से 30 (ओवरसोल्ड ज़ोन):-  RSI अगर 0 से 30 के बीज है तो  इस स्तर पर माना जाता है कि कीमतों में अत्यधिक गिरावट हुई है। यह संभावना होती है कि अब कीमतें बढ़ सकती हैं। ट्रेडर्स इस स्तर पर खरीदने (Buy) का निर्णय ले सकते हैं।
  • 30 से 70 (नॉर्मल ज़ोन): अगर RSI 30 से 70 के रेंज में कीमतें स्थिर रहती हैं। इस स्तर पर कोई विशेष खरीद या बिक्री संकेत नहीं होता। RSI 50 के आसपास होने पर इसे न्यूट्रल मार्क माना जाता है, तब आपको कोई भी खरीदारी याँ बेचने की गलती नहीं करना चाहिए।
  • 70 से 100 (ओवरबॉट ज़ोन): अगर RSI की रेंज 70 से 100 के बीज है तो  इसका मतलब कीमतों में अत्यधिक बढ़त हो चुकी है। यह बहुत ही ज्यादा संभावना होती है कि अब कीमतें गिर सकती हैं। ट्रेडर्स इस स्तर पर बेचने (Sell) का निर्णय ले सकते हैं।

RSI Indicator के फायदे और नुकसान

हर इंडिकेटर के अच्छा और बुरा दोनों ही देखने को मिलता है, RSI Indicator के भी काफी सारे फायदे और नुकसान है। आइए जानते फायदे और नुकसान के बारे में बिस्तार से:-

RSI Indicator के फायदे:-

  • RSI Indicator हमेशा ही शेयर की सठिक जानकारी देता हैं, जिसके जरिए आप आसानी के साथ किसी भी शेयर का खरीदारी और बेचने का लेवल पता कर सकते हैं।
  • RSI Indicator दिखाता है कि मौजूदा ट्रेंड कितना मजबूत या कमजोर है, जिससे आप सही ट्रेंड को पता करके निवेश कर सकते हैं।
  • RSI डाइवर्जेंस से भविष्य के संभावित शेयर में होनेवाली रिवर्सल का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है।

RSI Indicator के नुकसान:-

  • कभी-कभी देखा गया है की  RSI Indicator गलत संकेत दे सकता है, खासकर जब बाजार में साइडवे मूवमेंट (range-bound) हो।
  • अगर बाजार में तेज रैली या गिरावट हो रही है, तो RSI Indicator लंबे समय तक ओवरबॉट या ओवरसोल्ड रह सकता है।
  • RSI को अकेले उपयोग करना हमेशा प्रभावी नहीं होता, इसके साथ दुसरे Indicator (MACD, Bollinger Bands, Moving Average) का प्रयोग करके ही अच्छा रिजल्ट पा सकते हैं।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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