सोमवार, 04 अगस्त 2025 को शेयर बाजार खुलते ही Shakti Pumps India Ltd. के शेयरों में एकाएक गिरावट दर्ज की गई। NSE और BSE दोनों पर स्टॉक करीब 7.6% से 8% तक फिसलकर ₹822–₹865 के आसपास पहुँच गया। यह पिछले तीन महीनों का सबसे निचला स्तर है।
निवेशक इस गिरावट से थोड़ा चौंक गए क्योंकि बीते कुछ तिमाहियों में कंपनी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन इस बार कंपनी के Q1-FY26 के नतीजों और आगामी निवेश योजनाओं ने बाजार में हलचल मचा दी।

Shakti Pumps India के नतीजे: उम्मीद से कम प्रदर्शन
Shakti Pumps ने जून तिमाही (Q1-FY26) में ₹96.8 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। ये आंकड़ा पिछले साल की इसी तिमाही से 4.5% ज़्यादा है, लेकिन अगर इसे पिछली तिमाही यानी Q4-FY25 के ₹110.2 करोड़ से तुलना करें, तो करीब 12.2% की गिरावट दिखती है।
राजस्व की बात करें तो कंपनी ने ₹622.5 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया, जो साल-दर-साल 9.7% अधिक है। लेकिन Q4-FY25 में हुए ₹665.3 करोड़ की तुलना में यह 6.4% की गिरावट है।
EBITDA यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट ₹143.6 करोड़ रहा, जिसमें सालाना आधार पर मामूली 5.7% की बढ़त देखी गई। लेकिन EBITDA मार्जिन घटकर 23.1% रह गया, जबकि Q1-FY25 में यह 23.9% था।
Shakti Pumps India शेयर के निवेशकों की चिंताएं
इन नतीजों ने निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर दिया है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि बीते कुछ महीनों में इस स्टॉक से बहुत ऊँची उम्मीदें बन गई थीं।
- Sequential गिरावट: तिमाही-दर-तिमाही नेट प्रॉफिट में गिरावट ने निवेशकों का भरोसा थोड़ा कमजोर किया है।
- बड़े निवेश की योजना: कंपनी ने Shakti EV Mobility में ₹5 करोड़ और एक नया सोलर मॉड्यूल प्लांट स्थापित करने के लिए ₹12,000 करोड़ की योजना बनाई है, जिसमें अब तक ₹120 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। इससे Capex (Capital Expenditure) और कर्ज बढ़ने की आशंका बनी है।
- अत्यधिक वैल्यूएशन: पिछले 5 वर्षों में यह स्टॉक 2,700% से अधिक चढ़ चुका है, जिससे बाजार में अपेक्षाएं बहुत बढ़ गई थीं। अब जब परिणाम थोड़े नरम आए हैं, तो मुनाफावसूली दिख रही है।
कंपनी की रणनीतियाँ और भविष्य की योजना
हालांकि तात्कालिक गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, लेकिन कंपनी की दीर्घकालिक योजनाएं अभी भी मजबूत दिख रही हैं।
- मजबूत ऑर्डर-बुक: कंपनी के पास अगस्त 2025 तक ₹1,350 करोड़ की ऑर्डर बुक है। इसमें सरकारी योजनाओं जैसे PM-KUSUM और निर्यात ऑर्डर्स का बड़ा योगदान है।
- विस्तार योजनाएं: कंपनी अगले 3–4 वर्षों में हर साल 25–30% की ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रही है। सोलर पंप और EV सेगमेंट में विस्तार के साथ-साथ यूरोपीय, मध्य पूर्व और अफ्रीकी बाजारों में भी कंपनी की पकड़ मजबूत हो रही है।
निष्कर्ष: निवेशकों को क्या करना चाहिए?
Shakti Pumps ने इस तिमाही में साल-दर-साल राजस्व और EBITDA में ग्रोथ दिखाई है। लेकिन तिमाही-दर-तिमाही आधार पर गिरते मुनाफे और बढ़ते निवेश खर्चों के चलते बाजार में बेचैनी देखी जा रही है।
- लंबी अवधि के निवेशक: अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो कंपनी की ऑर्डर बुक, निर्यात विस्तार और EV सेगमेंट में बढ़त को देखते हुए इस शेयर पर नजर बनाए रखना समझदारी होगी।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर: अभी यह स्टॉक दबाव में है और तकनीकी रूप से oversold है। ऐसे में जल्दबाज़ी न करके, किसी मजबूत संकेत या रिवर्सल ट्रेंड का इंतजार करना बेहतर रहेगा।
आगामी तिमाही नतीजों तक यह शेयर उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। निवेश से पहले कंपनी की Capex रणनीतियों और नकदी प्रवाह की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है।
F.A.Q.
– Shakti Pumps के शेयर में अचानक इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?
गिरावट की मुख्य वजह Q1-FY26 के तिमाही नतीजे रहे, जिसमें नेट प्रॉफिट और राजस्व पिछली तिमाही की तुलना में घटे हैं। साथ ही, कंपनी की बड़ी Capex योजनाओं और निवेश खर्चों को लेकर भी निवेशकों में चिंता देखी गई।
– क्या कंपनी को अब घाटा हो रहा है?
नहीं, कंपनी घाटे में नहीं है। साल-दर-साल आधार पर प्रॉफिट और रेवेन्यू में बढ़त हुई है, लेकिन पिछली तिमाही के मुकाबले गिरावट आई है। इस गिरावट ने निवेशकों की उम्मीदों को थोड़ा झटका दिया है।
– क्या यह शेयर लंबे समय के लिए अच्छा है?
दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत है और सोलर व EV सेगमेंट में विस्तार जारी है। यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो कंपनी की योजनाओं और प्रदर्शन पर नजर रखते हुए इस शेयर को पोर्टफोलियो में शामिल रखा जा सकता है।
– क्या अभी शेयर खरीदना सही रहेगा?
फिलहाल स्टॉक oversold स्थिति में है और short term में इसमें और उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। यदि आप शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं, तो खरीदने से पहले तकनीकी संकेतकों और अगली तिमाही के नतीजों का इंतजार करना बेहतर रहेगा।
– कंपनी किन क्षेत्रों में विस्तार कर रही है?
Shakti Pumps सोलर पंप, EV Mobility और सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में विस्तार कर रही है। साथ ही, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी इसकी पकड़ लगातार बढ़ रही है।
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