कभी आपने सोचा है कि सिर्फ ₹10,000 की SIP (Systematic Investment Plan) से करोड़ों की संपत्ति बनाई जा सकती है? सुनने में असंभव जैसा लगता है, लेकिन हकीकत में कुछ ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं जिन्होंने बीते 25-30 सालों में निवेशकों के लिए वाकई में जबरदस्त वेल्थ क्रिएट किया है। इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे तीन ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स की जिन्होंने बिना किसी स्टेप-अप SIP के भी निवेशकों को करोड़पति बना दिया।

HDFC Flexi Cap Fund — 30 साल, 20 करोड़!
अगर किसी निवेशक ने 30 साल पहले HDFC Flexi Cap Fund में ₹10,000 की SIP शुरू की होती, तो आज उसका कॉर्पस लगभग ₹20 करोड़ होता। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह फंड लगातार 21% का CAGR देता रहा।
पर अब गौर कीजिए — अगर वही SIP सिर्फ 25 साल तक की होती, तो कॉर्पस सिर्फ ₹6.5 करोड़ होता। मतलब सिर्फ 5 साल और निवेश करने से कॉर्पस तीन गुना बढ़कर 20 करोड़ हो गया! यही है कंपाउंडिंग का जादू, जो शुरुआत में धीमा दिखता है, पर अंत के सालों में असली चमत्कार करता है।
Nippon India Growth Fund (Mid Cap)
यह मिड कैप फंड भी कमाल का प्रदर्शन कर चुका है। ₹10,000 की SIP अगर 30 साल तक इसमें की जाती, तो निवेशक का कुल फंड लगभग ₹26.5 करोड़ होता।
वहीं अगर किसी ने 25 साल बाद ही निवेश बंद कर दिया होता, तो उसे सिर्फ ₹10 करोड़ मिलते। मतलब फिर से वही कहानी — अंत के 5 सालों में ही हुआ असली वेल्थ क्रिएशन।
इसलिए एक्सपर्ट्स की यही सलाह रहती है कि जब तक पैसे निकालने की मजबूरी न हो, निवेश जारी रखें। कंपाउंडिंग अपना असली असर आखिरी सालों में ही दिखाती है।
ICICI Multi Cap Fund
तीसरी स्कीम है ICICI Multi Cap Fund, जिसमें लार्ज, मिड और स्मॉल कैप तीनों का बैलेंस्ड एक्सपोजर मिलता है। इस फंड ने करीब 17% का CAGR दिया है। 30 साल की ₹10,000 की SIP इसमें भी ₹10 करोड़ तक का कॉर्पस बना सकती थी।
हालांकि इस फंड की कैटेगराइजेशन थोड़ी नई है, लेकिन इसका लॉन्ग टर्म प्रदर्शन सशक्त रहा है।
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते समय ध्यान रखे
कंपाउंडिंग की ताकत: असली ग्रोथ आखिरी 5-7 सालों में होती है। धैर्य रखें।
न निकालें बिना जरूरत के: अगर फंड अच्छा परफॉर्म कर रहा है और कोई गोल सामने नहीं है, तो पैसे न निकालें।
पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन रखें: केवल एक या दो स्कीम पर निर्भर न रहें। Large Cap, Mid Cap, Small Cap और Multi Cap में संतुलन जरूरी है।
SIP स्टॉप न करें: खासकर मार्केट गिरावट के समय। यही समय होता है जब यूनिट्स सस्ते मिलते हैं और लॉन्ग टर्म में वेल्थ ज्यादा बनती है।
निष्कर्ष:
₹10,000 की SIP से ₹10 करोड़ की वेल्थ बन सकती है — यह कोई सपना नहीं, हकीकत है। लेकिन इसकी शर्त है समय, सही फंड, डिसिप्लिन और धैर्य। अगर आज की पीढ़ी यह समझ जाती है और 25-30 साल का नजरिया रखती है, तो अगली पीढ़ी फाइनेंशियली फ्री हो सकती है।
याद रखें — वक्त को वक्त दीजिए, और निवेश को वक्त दीजिए। नतीजे चमत्कारी होंगे।
F.A.Q.
– क्या वास्तव में SIP से करोड़ों की संपत्ति बनाई जा सकती है?
हाँ, अगर लंबी अवधि (25–30 साल) तक लगातार SIP (Systematic Investment Plan) की जाए, तो अच्छे फंड्स में निवेश करके करोड़ों की संपत्ति बनाना संभव है। कंपाउंडिंग का असर समय के साथ तेजी से बढ़ता है।
– SIP में कितनी रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए?
आमतौर पर इक्विटी फंड्स में 12%–13% का अनुमानित रिटर्न मानकर चलना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ स्कीम्स ने 20% से ज्यादा का CAGR भी दिया है, लेकिन भविष्य की गारंटी नहीं मानी जा सकती।
– क्या SIP में स्टेप-अप करना ज़रूरी है?
स्टेप-अप SIP से निवेश हर साल थोड़ा बढ़ता है, जिससे लक्ष्य जल्दी पूरे हो सकते हैं। हालांकि, अगर स्टेप-अप न भी करें और केवल ₹10,000 प्रति माह निवेश करें, तब भी लंबे समय में बड़ा कॉर्पस बन सकता है।
– कितने साल तक SIP करनी चाहिए?
कम से कम 25–30 साल तक SIP करना फायदेमंद होता है। कंपाउंडिंग का असली असर अंतिम 5 सालों में देखने को मिलता है, इसलिए धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
– SIP से पैसे कब निकालने चाहिए?
SIP से पैसे केवल तभी निकालने चाहिए जब आपके गोल पूरे हो रहे हों, जैसे घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट। बाजार के उतार-चढ़ाव से डरकर पैसे निकालना नुकसानदायक हो सकता है।
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