भारतीय शेयर बाजार में निवेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है। जनवरी 2025 से लेकर मई 2025 तक, लार्ज कैप स्पेस में मनी फ्लो में लगभग 60% की गिरावट आई है। जनवरी में जहां 3,000 करोड़ रुपये का निवेश लार्ज कैप कंपनियों में हुआ था, वहीं मई में यह घटकर 1,250 करोड़ रुपये रह गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब किसी सेगमेंट में मनी सप्लाई घटती है, तो उस सेगमेंट के वैल्यूएशन अधिक आकर्षक लगने लगते हैं। ऐसे में निवेशकों की नजरें उन कंपनियों पर टिक जाती हैं जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हैं और भविष्य की ग्रोथ की संभावना बेहतर है।
इसी संदर्भ में तीन प्रमुख लार्ज कैप कंपनियों – Tata Motors, ABB India और REC Ltd – का विश्लेषण महत्वपूर्ण हो जाता है।

Tata Motors: तगड़े झटकों के बाद वापसी की तैयारी
2024 में 1,200 रुपये के स्तर तक पहुंचने वाला टाटा मोटर्स का शेयर अब चुनौतियों से जूझ रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू का 71% और प्रॉफिट का 79% हिस्सा JLR (जगुआर लैंड रोवर) से आता है। लेकिन FY25 की दूसरी तिमाही में JLR के रेवेन्यू में 10% की गिरावट आई और प्री-टैक्स प्रॉफिट में 42% की गिरावट दर्ज की गई।
अप्रैल 2025 में अमेरिका में 25% इंपोर्ट टैरिफ के कारण कंपनी को अमेरिका में शिपमेंट बंद करनी पड़ी, जिससे रेवेन्यू में भारी नुकसान हुआ। हालांकि, मई में टैरिफ 10% तक कम कर दिए गए, जिससे स्थिति कुछ सुधरी।
चीन में भी प्रीमियम ईवी सेगमेंट में गिरावट के चलते टाटा मोटर्स को दबाव का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भारतीय बाजार में कंपनी की ईवी मार्केट शेयर भी पिछले 3 साल में 87% से घटकर 55% रह गई है।
लेकिन कंपनी ने फ्यूचर ग्रोथ के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं — जैसे Range Rover Electric का लॉन्च, Defender Octa जैसे नए मॉडल, और “China Resilience Project” के जरिए चीन में लग्ज़री बाजार को फिर से कैप्चर करने की कोशिश। FY24 से FY28 के बीच कंपनी JLR में $18 बिलियन का निवेश करने जा रही है।
ABB India: ग्रोथ धीमी, लेकिन संभावनाएं बरकरार
ABB India Limited ने FY24 में ₹12,268 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री और ₹1,887 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया। बावजूद इसके, स्टॉक में गिरावट देखी गई। कारण? पिछले तीन साल में कंपनी की सेल्स ग्रोथ CAGR 21% रही, लेकिन पिछले 12 महीनों में यह घटकर 10% रह गई।
एबीबी इंडिया चार सेगमेंट में काम करती है – Electrification, Motion, Process Automation और Robotics। लेकिन हाल में देश में कैपेक्स गतिविधियों में सुस्ती के कारण इनके ऑर्डर फ्लो में गिरावट आई है। खासकर पावर, माइनिंग, सीमेंट जैसे लो-ग्रोथ सेगमेंट में जहां 45% ऑर्डर बेस है, वहां डिमांड कमजोर रही।
हालांकि कंपनी का मानना है कि जैसे ही कैपेक्स साइकिल दोबारा तेज़ होगी, ऑर्डर बुक में ग्रोथ दिखेगी। साथ ही, कंपनी अभी भी 60-65 के PE रेंज में ट्रेड कर रही है, जो इसके पूर्व के 100+ PE स्तर से काफी सस्ता है।
REC Ltd: रिकॉर्ड प्रॉफिट, लेकिन क्यों आई गिरावट?
REC Limited ने पिछले 12 महीनों में ₹56,000 करोड़ की बिक्री और ₹15,884 करोड़ का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। इसके बावजूद स्टॉक में करेक्शन आया। कारण है बाजार में बढ़ती ब्याज दरें और गवर्नमेंट सेक्टर से फंड फ्लो में अनिश्चितता।
आरईसी का बिजनेस मॉडल गवर्नमेंट कंपनियों को फाइनेंस उपलब्ध कराने पर आधारित है। हाल में सरकार की ओर से बिजली और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को मिलने वाले फंड में देरी के कारण कंपनी के नए लोन वितरण पर असर पड़ा है। हालांकि कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है और लंबी अवधि में यह फिर से मजबूत ग्रोथ दिखा सकती है।
निष्कर्ष: निवेश से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं
टाटा मोटर्स, एबीबी इंडिया और आरईसी लिमिटेड तीनों कंपनियां मजबूत फंडामेंटल्स के साथ आती हैं, लेकिन मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों में ये विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ऐसे में सिर्फ वैल्यूएशन के आधार पर निवेश करना समझदारी नहीं होगी।
निवेशकों को चाहिए कि वे कंपनी के हेडविंड्स, टेलविंड्स और भविष्य की रणनीतियों को अच्छी तरह समझें। साथ ही Q1 और Q2 के रिजल्ट्स और मैनेजमेंट के कॉमेंट्स का बारीकी से विश्लेषण करें।
F.A.Q.
– टाटा मोटर्स का शेयर आगे क्यों गिरा?
टाटा मोटर्स का शेयर हाल ही में विदेशी निवेशकों की बिकवाली और मनी फ्लो में कमी के कारण दबाव में रहा है। हालांकि, लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी अब भी मजबूत मानी जा रही है।
– ABB India में इतनी तेजी क्यों दिख रही है?
ABB India का शेयर अपने ऑर्डर बुक, टेक्नोलॉजी ड्रिवन प्रोजेक्ट्स और EV सेक्टर में बढ़ती मांग के चलते निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
– REC Limited को सरकार से कौन-कौन से सपोर्ट मिल रहे हैं?
REC को सरकार से लगातार रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग में मदद मिल रही है, जिससे इसका फ्यूचर पॉजिटिव दिख रहा है।
– क्या अभी इन तीनों स्टॉक्स में निवेश करना सही रहेगा?
अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और वॉल्यूम व फंडामेंटल को समझते हैं, तो करेक्शन के समय इन स्टॉक्स में SIP मोड से एंट्री ली जा सकती है।
– क्या FII की बिकवाली इन शेयरों को और नीचे ले जाएगी?
FII की बिकवाली का असर शॉर्ट टर्म में दिख सकता है, लेकिन डोमेस्टिक फंड्स और डीआईआई की खरीदारी लंबे समय में सपोर्ट दे सकती है।
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