Tata Motors का शेयर इन दिनों लगातार दबाव में है। अगस्त 2024 में इसने ₹1179 का उच्चतम स्तर छुआ था, लेकिन उसके बाद से इसमें गिरावट का सिलसिला थमा नहीं है। हाल के महीनों में यह ₹740 के पास जाकर रुक जाता है और अब तो ₹700 के ऊपर टिके रहना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। निवेशक यह जानना चाहते हैं कि इस कमजोरी के पीछे क्या कारण हैं और क्या भविष्य में इसमें रिकवरी की संभावना है।

Tata Motors Share में गिरावट के पीछे क्या हैं मुख्य कारण?
Tata Motors के कमजोर प्रदर्शन के पीछे कई वैश्विक और कंपनी विशेष कारण हैं। सबसे बड़ा कारण अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए आयात शुल्क हैं, जिनका सीधा असर Tata Motors पर पड़ा है। कंपनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका, चीन, यूरोप और भारत जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फैला हुआ है, और अमेरिकी टैरिफ ने उसकी बिक्री और मार्जिन पर दबाव डाला है।
इसके अलावा Jaguar Land Rover (JLR) की मार्जिन गाइडेंस में भी गिरावट आई है। पहले जहां कंपनी 10% मार्जिन का अनुमान दे रही थी, अब इसे घटाकर 5-7% कर दिया गया है। इससे Q1 और Q2 के नतीजों पर असर पड़ सकता है। साथ ही, कंपनी ने FY25 के लिए फ्री कैश फ्लो को शून्य बताया है, जबकि पहले इसका अनुमान £180 करोड़ था। यह दर्शाता है कि नकदी प्रवाह पर भी दबाव बना हुआ है।
चीन में ऑटो सेक्टर की भारी मंदी ने भी Tata Motors की स्थिति को प्रभावित किया है। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 50% ऑटो डीलर्स ने चीन में अपना व्यवसाय बंद कर दिया है, जिससे कंपनी के लिए यह एक बड़ा झटका है। वहीं, यूरोप में सख्त पर्यावरणीय नियमों के चलते Tata Motors को R&D और प्लांट मॉडर्नाइजेशन पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। डॉलर के मुकाबले पाउंड की कमजोरी ने भी कंपनी की विदेशी कमाई पर असर डाला है।
आगे सुधार की क्या है संभावना?
हालांकि मौजूदा तिमाहियों में दबाव बना हुआ है, लेकिन आने वाले समय में Tata Motors के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद की जा रही है। कंपनी ने लागत में कटौती की एक बड़ी योजना बनाई है जिसके तहत हर साल £140 करोड़ बचाने का लक्ष्य है। यदि यह योजना सफल होती है तो Q3 और Q4 में JLR की मार्जिन दोबारा 10% तक पहुंच सकती है।
इसके साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन के बीच संभावित व्यापार समझौते से Tata Motors को यूरोपीय बाजार में राहत मिल सकती है। FY26 और FY27 के लिए कंपनी का अनुमानित EPS क्रमशः ₹46 और ₹52 रहने की उम्मीद है, जो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
निवेशकों के लिए क्या होनी चाहिए रणनीति?
मोतीलाल ओसवाल जैसी प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म ने फिलहाल Tata Motors पर “न्यूट्रल” रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस ₹690 तय किया है। हालांकि बाजार के कई विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर में ज्यादातर नकारात्मक कारक पहले ही डिस्काउंट हो चुके हैं। तकनीकी दृष्टिकोण से देखा जाए तो ₹668 से ₹670 के बीच मजबूत सपोर्ट मौजूद है। अगर गिरावट और तेज होती है, तो यह ₹630 तक भी जा सकता है।
लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए ₹630 से ₹670 का दायरा एक अच्छा एक्यूमुलेशन ज़ोन माना जा रहा है। अगर सबकुछ अनुकूल रहता है, तो मध्यम अवधि में यह शेयर ₹810 तक जा सकता है, जबकि दीर्घकालिक नजरिए से ₹1000 से ऊपर की संभावनाएं भी बनती हैं।
निष्कर्ष
Tata Motors फिलहाल दबाव में है, लेकिन इसकी दीर्घकालिक रणनीति और वैश्विक सुधार की संभावनाएं इसे दोबारा मजबूती दे सकती हैं। जो निवेशक धैर्य और विवेक के साथ सोचते हैं, उनके लिए यह गिरावट एक अवसर बन सकती है।
F.A.Q.
– Tata Motors के शेयर में इतनी गिरावट क्यों आई है?
Tata Motors के शेयर में गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जैसे अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, JLR के मार्जिन में कमी, चीन और यूरोप में डिमांड में गिरावट, और FY25 के लिए फ्री कैश फ्लो का शून्य अनुमान। इन सभी कारणों ने मिलकर निवेशकों का भरोसा कम किया है।
– क्या Tata Motors का शेयर और नीचे जा सकता है?
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, शेयर का अगला मजबूत सपोर्ट ₹668–₹670 के पास है। अगर हालात और बिगड़ते हैं तो यह ₹630 तक भी गिर सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ज़्यादातर नकारात्मक फैक्टर्स पहले ही डिस्काउंट हो चुके हैं।
– क्या अभी Tata Motors के शेयर में निवेश करना सही रहेगा?
दीर्घकालिक निवेशकों के लिए ₹630–₹670 का ज़ोन अच्छा एक्यूमुलेशन स्तर माना जा रहा है। अगर कंपनी की कॉस्ट कटिंग और मार्जिन सुधार की योजनाएं सफल रहती हैं, तो आने वाले महीनों में शेयर में रिकवरी संभव है।
– Tata Motors का लॉन्ग टर्म टारगेट प्राइस क्या हो सकता है?
मध्यम अवधि में Tata Motors का टारगेट ₹810 तक हो सकता है, जबकि दीर्घकालिक नजरिए से ₹1000+ के स्तर तक पहुंचने की संभावना है, खासकर अगर JLR की मार्जिन और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक हालात में सुधार होता है।
– क्या JLR का प्रदर्शन Tata Motors के शेयर को प्रभावित करता है?
हाँ, Tata Motors के राजस्व और लाभ में JLR की बड़ी हिस्सेदारी है। JLR की मार्जिन गाइडेंस, बिक्री प्रदर्शन और विदेशी मुद्रा प्रभाव सीधे Tata Motors के शेयर पर असर डालते हैं।
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