15 जुलाई को Tejas Networks ने वित्त वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे जारी किए। नतीजे उम्मीद से काफी कमजोर रहे और कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा। पिछले साल की इसी तिमाही में मुनाफ़ा कमाने वाली कंपनी इस बार घाटे में चली गई।
इसके बाद बाजार में निवेशकों ने तेज़ी से शेयर बेच दिए और इसका असर शेयर की कीमत पर साफ़ दिखाई दिया। आइए विस्तार से समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ और आगे क्या उम्मीद की जा सकती है।

Tejas Networks के राजस्व और मुनाफ़े में भारी गिरावट
Q1 FY26 में Tejas Networks को ₹194 करोड़ का शुद्ध नुकसान हुआ, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने ₹77 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। यही नहीं, कंपनी का राजस्व भी करीब 87% घटकर ₹202 करोड़ रह गया। पिछले साल इसी तिमाही में राजस्व ₹1,563 करोड़ था। कंपनी ने बताया कि बीएसएनएल के ऑर्डर में देरी और कुछ पुराने ऑर्डर्स पर काम न हो पाने के कारण ये नतीजे कमजोर रहे।
EBITDA यानी परिचालन लाभ भी नकारात्मक हो गया। सूत्रों के अनुसार, इस तिमाही में EBITDA –₹126 से –₹136 करोड़ के बीच रहा, जबकि पिछले साल यह ₹231 करोड़ तक था।
Tejas Networks शेयर पर असर, 26 महीनों का निचला स्तर
कमजोर नतीजों के बाद निवेशकों का भरोसा डगमगाया और बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। बीएसई पर शेयर 10% गिरकर ₹629.65 तक पहुंच गया, जो इसका 52‑सप्ताह का सबसे निचला स्तर है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक शेयर 11% गिरकर ₹627.45 तक भी गया।
दिन के दौरान हालांकि शेयर में थोड़ी रिकवरी भी दिखी और यह ₹654.45 तक सुधर गया, लेकिन कुल मिलाकर बाज़ार की धारणा नकारात्मक ही रही। पिछले एक साल में शेयर करीब 54–56% गिर चुका है, और अपने पिछले उच्चतम स्तर ₹1,495 से अब तक करीब 56% नीचे ट्रेड कर रहा है।
भविष्य की रणनीति और ऑर्डर बुक
कमजोर तिमाही के बावजूद कंपनी की ऑर्डर बुक मज़बूत बनी हुई है। तिमाही के अंत तक कंपनी के पास ₹1,241 करोड़ के ऑर्डर थे, जो पिछली तिमाही से 22% ज्यादा है।
कंपनी के COO अर्नोब रॉय ने बताया कि बीएसएनएल की 18,685 साइट्स के लिए करीब ₹1,526 करोड़ का ऑर्डर आने की संभावना है। इसके अलावा कंपनी ने Rakuten Symphony, Intel और अन्य साझेदारों के साथ O‑RAN और D2M चिपसेट प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरू किया है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
अल्पकाल में कंपनी के नतीजे कमजोर दिख रहे हैं और शेयर पर दबाव बना रह सकता है। लेकिन अगर बीएसएनएल के ऑर्डर समय पर आते हैं और नए प्रोजेक्ट्स से राजस्व में सुधार होता है, तो दीर्घकाल में स्थिति बेहतर हो सकती है।
निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। यदि आप पहले से निवेशित हैं, तो अगली तिमाहियों के नतीजों और ऑर्डर बुक की प्रगति पर नज़र रखें।
F.A.Q.
– Tejas Networks को इस तिमाही में घाटा क्यों हुआ?
कंपनी को घाटा मुख्य रूप से दो वजहों से हुआ — बीएसएनएल के बड़े ऑर्डर में देरी और कुछ गैर‑चालू ऑर्डर्स पर काम न हो पाना। इससे राजस्व में करीब 87% की गिरावट आ गई, जिससे लाभप्रदता पर दबाव आया।
– कंपनी का राजस्व कितना गिरा?
पिछले साल Q1 में राजस्व ₹1,563 करोड़ था, जो इस बार घटकर ₹202 करोड़ रह गया। यानी लगभग 87% की गिरावट दर्ज की गई।
– शेयर कितने तक गिरा और इसका निचला स्तर क्या रहा?
नतीजों के बाद शेयर 10–11% तक गिरकर ₹627–₹630 के आसपास पहुँच गया। यह 52‑सप्ताह और करीब 26 महीनों का सबसे निचला स्तर है।
– क्या कंपनी के पास आगे के लिए ऑर्डर हैं?
हाँ, तिमाही के अंत तक कंपनी के पास ₹1,241 करोड़ की ऑर्डर बुक थी, जो पिछली तिमाही से 22% ज्यादा है। साथ ही, बीएसएनएल से ₹1,526 करोड़ के ऑर्डर की उम्मीद जताई गई है।
– क्या शेयर में निवेश करना अभी ठीक रहेगा?
अल्पकाल में शेयर पर दबाव रह सकता है, लेकिन दीर्घकालीन निवेशक कंपनी की ऑर्डर बुक और आगामी तिमाहियों के नतीजों पर नज़र रख सकते हैं। फैसला लेने से पहले अपनी जोखिम क्षमता और विशेषज्ञ सलाह ज़रूर लें।
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