दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है भारतीय शेयर बाजार में लगातर गिरावट के पीछे का कारण क्या है। बहुत सारे ऐसे ग्लोबल फैक्टर है जिसके चलते मार्किट में गिरावट लगातर जारी हैं, इस गिरावट में खासकर रिटेल निवेशकों क्या करना चाहिए और उन सभी गिरावट के कारणों के बारे में आइए बिस्तार से बात करते है:-
महंगाई और RBI का प्रभाव
महंगाई दर के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। शहरी महंगाई दर 6.68% से बढ़कर 9% पर पहुंच गई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी महंगाई का स्तर ऊपर गया है। हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन कुल मिलाकर महंगाई के ये आंकड़े निवेशकों को चिंतित कर रहे हैं।
महंगाई के इन बढ़ते आंकड़ों का सीधा असर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीतियों पर पड़ सकता है। फरवरी 2024 में होने वाली RBI की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होती दिख रही है। इसका मतलब यह है कि रियल एस्टेट और PSU बैंक जैसे ब्याज दर-आधारित सेक्टर्स पर दबाव बढ़ेगा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का भारतीय बाजार पर भी गहरा असर पड़ता है। साल 2025 तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही, डॉलर इंडेक्स 107 के पार चला गया है, जिससे भारतीय रुपये पर दबाव बना हुआ है।
कमजोर रुपये की वजह से आयातित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिसे “imported inflation” कहा जाता है। रुपये की कमजोरी न केवल महंगाई बढ़ा रही है, बल्कि यह बाजार में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भी कम कर सकती है। इससे बाजार में गिरावट का रुख और तेज हो सकता है।
चीन का आर्थिक प्रभाव
चीन-अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर और चीन की अस्पष्ट आर्थिक नीतियां भी भारतीय बाजार पर दबाव डाल रही हैं। विशेष रूप से मेटल सेक्टर में इसका असर देखने को मिल रहा है। टाटा स्टील और जिंदल स्टील जैसे बड़े स्टॉक्स में पिछले कुछ समय से अच्छी गिरावट दर्ज की गई है।
चीन दुनिया का सबसे बड़ा मेटल कंज्यूमर है, और वहां की कमजोर डिमांड मेटल सेक्टर के लिए चुनौती बनी हुई है। इससे भारतीय कंपनियों पर भी दबाव बढ़ रहा है, जो अपने प्रोडक्ट्स के लिए वैश्विक बाजार पर निर्भर हैं।
क्या करें निवेशक?
वर्तमान समय में इस गिरावट के माहौल में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके साथ साथ ब्याज दरों और वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखना जरूरी है। रियल एस्टेट और मेटल जैसे सेक्टर्स में फिलहाल निवेश करने से बचें। लॉन्ग-टर्म वाले निवेशक अच्छे क्वालिटी वाले स्टॉक्स पर ध्यान दें, जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिरता बनाए रख सकते हैं।
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