अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। हाल ही में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भारतीय होटल सेक्टर के तीन प्रमुख शेयरों – Indian Hotels, Lemon Tree Hotels और Chalet Hotels – में जमकर खरीदारी की है। इन कंपनियों के शेयरों में बीते कुछ महीनों में शानदार तेजी देखने को मिली है, और यही कारण है कि अब होटल सेक्टर निवेशकों की नजरों में एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है।

क्यों आकर्षित हो रहे हैं डीआईआई?
डीआईआई की दिलचस्पी के पीछे मुख्य वजह है भारत में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर की जबरदस्त रिकवरी। कोविड के बाद से लोग शादियों, छुट्टियों और कॉर्पोरेट इवेंट्स के लिए बड़ी संख्या में होटल बुक कर रहे हैं। नई होटल्स के निर्माण की रफ्तार बुकिंग की मांग के मुकाबले धीमी है, जिससे होटल्स की ऑक्यूपेंसी और प्रति कमरे की कमाई यानी रेवेन्यू पर अवेलेबल रूम (RevPAR) में बढ़त देखने को मिल रही है।
इसके अलावा, अब अधिकांश होटल कंपनियां एसेट लाइट मॉडल पर काम कर रही हैं, यानी खुद होटल न बनाकर उन्हें ऑपरेट और मैनेज कर रही हैं। इससे कंपनियों के खर्च घट रहे हैं और मुनाफा बढ़ रहा है।
Chalet Hotels – मजबूती के संकेत
Chalet Hotels के पास 11 होटल्स और 3314 कमरे हैं। FY25 की चारों तिमाहियों में इसकी बिक्री में क्रमशः 16.17% से 24.80% तक की वृद्धि हुई। ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में भी 6% की वृद्धि दर्ज हुई और कंपनी ने घाटे से उबरते हुए ₹124 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया।
इसके अलावा, कंपनी का दिल्ली एयरपोर्ट पर ताज होटल और मुंबई-गोवा जैसे लोकेशंस पर प्रोजेक्ट्स इसके भविष्य को और मजबूत बनाते हैं। यही वजह है कि SBI, HDFC और Nippon India जैसे बड़े फंड्स ने इसमें हिस्सेदारी बढ़ाई है।
Lemon Tree Hotels – मिड-प्राइस सेगमेंट का उभरता सितारा
Lemon Tree Hotels देश की सबसे बड़ी मिड-प्राइस होटल चेन है, जिसके पास 100 से अधिक होटल्स हैं और 60 और आने वाले हैं। FY25 में इसका नेट प्रॉफिट ₹20 करोड़ से बढ़कर ₹108 करोड़ हो गया, जबकि ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 43% से 54% तक पहुंचा।
प्रमुख डीआईआई जैसे फ्रैंकलिन इंडिया, HSBC और SBI स्मॉल कैप फंड ने इसमें हिस्सेदारी बढ़ाई है, जो कंपनी की फाइनेंसियल मजबूती और भरोसे का संकेत देता है।
Indian Hotels – लग्जरी में दमदार प्रदर्शन
Indian Hotels (ताज ग्रुप) एक प्रतिष्ठित नाम है, जिसके होटल्स 12 देशों और 100 शहरों में फैले हैं। FY25 की चौथी तिमाही में कंपनी की आय ₹1950 करोड़ से बढ़कर ₹2425 करोड़ हुई। भले ही नेट प्रॉफिट थोड़ा कम होकर ₹563 करोड़ रहा, लेकिन पूरे वर्ष में यह बेहद मजबूत रहा।
कंपनी ने 20 नए होटल साइन किए हैं और 8 नए होटल्स चालू किए हैं। इसका ROE अब 16% तक पहुंच गया है, जबकि पिछले 10 वर्षों का औसत केवल 6% था। HDFC, Nippon India और Axis Mutual Fund जैसे संस्थान इसमें भरोसा दिखा रहे हैं।
निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
होटल सेक्टर में मौजूदा तेजी और कंपनियों के मजबूत नतीजे इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं। हालांकि, यह एक सीजनल बिजनेस है और किसी भी मंदी का असर इसपर पड़ सकता है। इसलिए, निवेश करने से पहले अच्छी रिसर्च करें और लंबी अवधि की रणनीति के साथ ही कदम बढ़ाएं।
अगर आप स्थिरता के साथ ग्रोथ चाहते हैं और रिस्क को समझते हैं, तो होटल सेक्टर में निवेश आपके पोर्टफोलियो को मजबूती दे सकता है। DII की दिलचस्पी इस बात का संकेत है कि भविष्य में यह सेक्टर मल्टीबैगर रिटर्न दे सकता है।
F.A.Q.
– क्या होटल सेक्टर में निवेश करना अभी सही समय है?
जी हां, ट्रैवल और टूरिज्म की डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी, होटल कंपनियों की मजबूत कमाई और एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल के चलते होटल सेक्टर फिलहाल तेजी में है। DII और म्यूचुअल फंड्स की सक्रिय भागीदारी इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।
– क्या ये होटल शेयर मल्टीबैगर साबित हो सकते हैं?
इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति में निरंतर सुधार, तेजी से बढ़ती आमदनी, और उच्च ऑक्यूपेंसी रेट को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लंबी अवधि में ये शेयर मल्टीबैगर साबित हो सकते हैं – खासकर यदि ट्रैवल इंडस्ट्री की ग्रोथ ऐसे ही बनी रही।
– क्या होटल सेक्टर में निवेश में कोई रिस्क है?
हां, होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर सीजनल नेचर वाला बिजनेस है। टूरिज्म पर मंदी, मौसम, और वैश्विक आर्थिक हालात का प्रभाव सीधे इस सेक्टर की आमदनी पर पड़ता है। इसलिए निवेश करते समय लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन जरूरी है।
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