Vodafone Idea ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। नतीजों को देखें तो तस्वीर मिलीजुली है। एक तरफ कंपनी का नेट लॉस कम हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कर्ज और फंडिंग की समस्या जस की तस बनी हुई है।
रेवेन्यू और ARPU जैसे संकेतक कुछ सुधार दिखा रहे हैं लेकिन कंपनी को जिन भारी देनदारियों का सामना करना है, वे निवेशकों के मन में चिंता भी पैदा कर रहे हैं। आइए इन नतीजों को चार हिस्सों में समझते हैं।

Vodafone Idea के नेट लॉस और रेवेन्यू का हाल
कंपनी को इस तिमाही में ₹668 करोड़ का नेट लॉस हुआ। पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले यह नुकसान ज्यादा है, लेकिन अगर पिछली तिमाही (Q4 FY25) से तुलना करें तो यह 7.8% कम है क्योंकि तब घाटा ₹7166 करोड़ तक पहुंच गया था।
ऑपरेशनल रेवेन्यू भी थोड़ा बढ़कर ₹11,22 करोड़ पर पहुंचा, जो पिछली तिमाही में ₹11,13 करोड़ था। यानी 0.1% की मामूली बढ़त। हालांकि EBITDA 4612 करोड़ पर रहा जो 1% गिरा है और EBITDA मार्जिन भी 42.3% से घटकर 41.8% पर आ गया। यह बताता है कि कंपनी की लागत का दबाव अभी भी ऊंचा है।
ARPU और सब्सक्राइबर बेस
टेलीकॉम सेक्टर की सेहत को मापने का सबसे बड़ा पैमाना है ARPU (Average Revenue Per User)। Vodafone Idea का ARPU इस तिमाही में ₹177 रहा, जबकि पिछली तिमाही में यह ₹175 था। यानी 1.1% की बढ़त। यह सुधार टैरिफ हाइक और प्रीमियम प्लान्स के बढ़ते इस्तेमाल से आया है।
सब्सक्राइबर बेस इस समय 197.7 मिलियन पर है। इसमें से 4G और 5G यूजर्स 127.4 मिलियन तक पहुंच गए हैं। सब्सक्राइबर लॉस में भी सुधार दिखा और इस तिमाही में केवल 0.5 मिलियन की गिरावट रही, जबकि पहले यह काफी ज्यादा था।
नेटवर्क एक्सपेंशन की बात करें तो कंपनी ने ₹2440 करोड़ का कैपेक्स किया और 4800 नए 4G टावर लगाए। 4G डेटा क्षमता में 36% का इजाफा हुआ है, जिससे स्पीड में 24% सुधार दर्ज हुआ। वहीं 5G सर्विस अभी 22 शहरों में चालू है।
कर्ज और फंडिंग की सबसे बड़ी चुनौती
कंपनी के ऊपर लगभग ₹1.3 लाख करोड़ का कर्ज है। कैश बैलेंस सिर्फ ₹6830 करोड़ है, जो आने वाली जिम्मेदारियों के मुकाबले काफी कम है।
सितंबर 2025 से Vodafone Idea को AGR और स्पेक्ट्रम ड्यूज का भुगतान शुरू करना होगा। FY26 में ही कंपनी को करीब ₹18,967 करोड़ चुकाने हैं। इसमें AGR के ₹1428 करोड़ और स्पेक्ट्रम के ₹2539 करोड़ शामिल हैं।
यही वजह है कि बैंक फंडिंग का सवाल सबसे अहम है। बैंक दो कारणों से लोन देने में हिचकिचा रहे हैं। पहला, AGR ड्यूज पर स्पष्टता की कमी। दूसरा, वाटरफॉल मैकेनिज्म यानी भुगतान का क्रम। बैंक चाहते हैं कि उनके लोन की किस्तें सरकार के ड्यूज से पहले चुकाई जाएं। जब तक इस पर साफ तस्वीर नहीं बनती, बैंक दूरी बनाए रख सकते हैं।
Vodafone Idea स्टॉक प्राइस और आगे का रास्ता
नतीजों का असर शेयर बाजार पर भी पड़ा। 14 अगस्त को Vodafone Idea का स्टॉक 3% गिरकर ₹6.17 पर बंद हुआ। यह दिखाता है कि निवेशक अभी भी कंपनी की स्थिति को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
कंपनी का लक्ष्य है कि 4G और 5G नेटवर्क एक्सपेंशन जारी रहे ताकि कस्टमर चर्न कम हो और ARPU धीरे-धीरे और बढ़ सके। इसके लिए कंपनी 50,000-55,000 करोड़ तक की फंडिंग जुटाना चाहती है। नवंबर तक फंडिंग सुरक्षित करने की योजना है, लेकिन इसमें सरकार और बैंकों का सहयोग जरूरी है।
अगर फंडिंग मिल जाती है और सरकार AGR भुगतान पर राहत देती है तो Vodafone Idea के लिए स्थिति सुधर सकती है। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी मार्च 2026 तक गंभीर कैश क्रंच में पहुंच सकती है।
निष्कर्ष
Vodafone Idea के Q1 FY26 नतीजे यह बताते हैं कि कंपनी अभी भी दोहरी स्थिति में है। घाटा घटा है, ARPU बढ़ा है और नेटवर्क इंप्रूव हुआ है। लेकिन कर्ज का बोझ और फंडिंग की अनिश्चितता आगे का रास्ता कठिन बना रहे हैं।
टेलीकॉम सेक्टर में VI की स्थिति सिर्फ कंपनी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए अहम है। अगर यह कंपनी टिकती है तो प्रतिस्पर्धा और ग्राहक दोनों को फायदा होगा, लेकिन अगर यह कमजोर पड़ती है तो भारतीय टेलीकॉम बाजार का संतुलन बदल सकता है।
F.A.Q.
– Vodafone Idea को Q1 FY26 में कितना घाटा हुआ?
कंपनी को पहली तिमाही में ₹668 करोड़ का नेट लॉस हुआ है। यह पिछली तिमाही के मुकाबले 7.8% कम है, लेकिन घाटा अभी भी जारी है।
– क्या Vodafone Idea का रेवेन्यू बढ़ा है?
हाँ, ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹11,22 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही के ₹11,13 करोड़ से थोड़ा ज्यादा है। हालांकि EBITDA और मार्जिन में गिरावट आई है।
– ARPU (Average Revenue Per User) कितना रहा?
Vodafone Idea का ARPU इस तिमाही में ₹177 रहा, जो पिछली तिमाही के ₹175 से 1.1% ज्यादा है।
– Vodafone Idea पर कितना कर्ज है?
कंपनी पर कुल कर्ज करीब ₹1.3 लाख करोड़ है। साथ ही FY26 में ही लगभग ₹18,967 करोड़ चुकाने का दबाव रहेगा।
– Vodafone Idea का स्टॉक प्राइस कहाँ तक गिरा?
14 अगस्त 2025 को कंपनी का स्टॉक 3% टूटकर ₹6.17 पर बंद हुआ। नतीजों और फंडिंग की अनिश्चितता के चलते निवेशक फिलहाल सतर्क हैं।
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