दोस्तों, जैसा कि हम सबने देखा है कि IPO मार्केट ने 2024 में बेहतरीन रिटर्न दिए हैं। इस साल ज्यादातर IPO में निवेश करने वालों को अच्छा मुनाफा हुआ। लेकिन एक आम चिंता हमेशा निवेशकों के मन में रहती है कि उनका IPO अलॉट होगा या नहीं।
यदि अलॉटमेंट हो भी जाता था, तो कई लोग इसे लॉटरी का टिकट मानने लगते थे और इस वजह से IPO के बाद शेयरों की कीमतों में एक बूम आ जाता था। इसी को ध्यान में रखते हुवे SEBI ने इस SME IPO के लिए कोई बदलाव किए है, आइए इसके बारे में बिस्तार से जानते है:-
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सेबी की नजर: SME IPO पर सख्त नियम
इस पूरे मामले पर सेबी (Securities and Exchange Board of India) की नजर भी गहरी रही है। अब, सेबी ने एसएमई (SME) आईपीओ के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। पहले SME IPO में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलता था, लेकिन अब सेबी ने इसे सामान्य मेनबोर्ड आईपीओ के समान कड़ा कर दिया है।
SME IPO उन कंपनियों के लिए होते हैं, जो छोटे स्तर पर होती हैं और उनका कारोबार बहुत बड़ा नहीं होता। इन कंपनियों के आईपीओ में पिछले कुछ समय से भारी सब्सक्रिप्शन आ रहा था, जिससे कई निवेशक लाभान्वित हो रहे थे।
नए नियम: SME IPO में कड़ी चुनौतियां
हालांकि, SME कंपनियों के लिए सेबी ने कई सख्त नियम लागू किए हैं। इनमें से एक प्रमुख नियम यह है कि अब इन कंपनियों को IPO लाने से पहले पिछले तीन सालों में से दो सालों का न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का एबिटा (Operating Profit) दिखाना होगा।
यह छोटे निवेशकों के लिए अच्छा कदम है, लेकिन कंपनियों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कई कंपनियां बिना ऑपरेटिंग प्रॉफिट के ही IPO लॉन्च करती थीं।
प्रमोटरों पर कड़े नियम
प्रमोटरों के लिए एक और नियम है कि वे अपनी दूसरी कंपनियों के कर्ज को आईपीओ से मिलने वाली रकम से नहीं चुका सकेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि IPO से प्राप्त पैसे का सही उपयोग कंपनी के विकास में किया जाए, न कि प्रमोटरों के व्यक्तिगत कर्ज चुकाने में।
IPO में फ्रेश इक्विटी में बदलाव
सेबी ने यह भी नियम लागू किया है कि आईपीओ के इशू साइज का केवल 20% ही ओएफएस (Offer for Sale) के रूप में हो सकता है। इसका मतलब यह है कि कंपनियों को फ्रेश इक्विटी लानी पड़ेगी, जिससे छोटे निवेशकों को फायदा होगा। इसके अलावा, प्रमोटर्स अब अपनी 50% से ज्यादा होल्डिंग नहीं बेच सकेंगे, जिससे कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बनी रहेगी।
SME IPO पर छोटे निवेशकों की सुरक्षा
SME IPO के लिए उठाए गए SEBI की यह सभी कदम छोटे निवेशकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं। सेबी के इन कदमों से सट्टा बाजार में कमी आएगी और आईपीओ मार्केट को एक सही दिशा मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, आईपीओ में निवेश करना अब ज्यादा सोच-समझकर और विवेकपूर्ण तरीके से किया जाएगा। उम्मीद है कि इन बदलावों से छोटे निवेशकों को सही लाभ मिलेगा और आईपीओ बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।
IPO मार्केट का बेहतरीन साल
2024 में करीब 225 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किए हैं, जिनसे लगभग 8200 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। यह पिछले साल 2023 में जुटाए गए 4686 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है। इस साल का आईपीओ मार्केट काफी बेहतर साबित हुआ है।
आनेवाला साल 2025 निवेशकों के लिए IPO मार्केट का और भी सुनहरा साल होने की उम्मीद है, SEBI की इस नियम के चलते आगे चलकर जरुर निवेशकों को अच्छी फ़ायदा होते नजर आनेवाला हैं।
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