ब्रोकरेज हाउस Macquarie की तरफ से शेयर बाज़ार पर बड़ी भविष्यवाणी निकलकर आ रही है, जिसमें अगले छह महीने बाज़ार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसके साथ साथ Macquarie ने बाज़ार की उतार – चढ़ाव को लेकर भी काफी सारे भविष्यवाणी करते हुवे नजर आया है, इसकी वजह से बाज़ार में निवेशक काफी ज्यादा डरे हुवे है। आइए जानते है Macquarie की सभी भविष्यवाणी को
Macquarie की चेतावनी: अगले छह महीने हो सकते हैं चुनौतीपूर्ण
Macquarie की हालिया रिपोर्ट में भारतीय बाजार के लिए अगले छह महीनों, यानी 2025 की पहली छमाही, को चुनौतीपूर्ण बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में 10% तक की गिरावट संभव है, जिसका मुख्य कारण विदेशी कारक हो सकते हैं।
हालांकि घरेलू कारकों से संबंधित चिंताएं कम हैं, लेकिन विदेशी प्रभावों का असर गंभीर हो सकता है। Macquarie के इंडिया इक्विटी हेड संदीप भाटिया और रिसर्च हेड आदित्य सुरेश का कहना है कि भारतीय बाजार में इस समय घरेलू निवेशकों का प्रवाह सहायक है, लेकिन हालिया गिरावट ने इस धारणा को चुनौती दी है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू निवेशकों की प्रतिक्रिया
पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों की बिकवाली में वृद्धि देखी गई, लेकिन भारतीय घरेलू निवेशक इस बिकवाली को रोकने में असमर्थ रहे। भाटिया का कहना है कि घरेलू फंड फ्लो इस गिरावट को रोकने में सक्षम नहीं हो सकता, हालांकि यह कंपनियों के खराब परिणामों से उत्पन्न निराशा को कम कर सकता है।
अमेरिकी चुनाव और भारतीय बाजार पर प्रभाव
Macquarie की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल का भारतीय बाजार पर असर हो सकता है। अगर ट्रंप की नीतियों से भारत सही तालमेल बैठाता है, तो यह भारतीय बाजार को मजबूती दे सकता है। साथ ही, यदि भारतीय जीडीपी की वृद्धि दर अपेक्षाकृत अधिक रहती है, तो यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती है।
IPO के माध्यम से प्रमोटरों की हिस्सेदारी बिक्री: एक चिंता का विषय
Macquarie ने यह भी संकेत दिया है कि वर्तमान में कंपनियों के प्रमोटर और प्राइवेट इक्विटी निवेशक आईपीओ के जरिए अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेच रहे हैं, जो एक चिंताजनक संकेत हो सकता है। आमतौर पर जब बुल मार्केट का अंत होता है, तो छोटे निवेशक नुकसान उठाते हैं, जबकि बड़े निवेशक इसका लाभ उठाते हैं।
कंजम्प्शन सेक्टर में सुधार की उम्मीद
कंजम्प्शन सेक्टर, जो भारतीय बाजार की वृद्धि में सहायक था, वर्तमान में कमजोर दिखाई दे रहा है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर का सबसे बुरा दौर शायद अब खत्म हो चुका है, और इसकी रिकवरी धीमी और असमान हो सकती है।
डिफेंसिव सेक्टर्स पर सकारात्मक दृष्टिकोण
Macquarie के अनुसार, इस समय आईटी, फार्मा और फाइनेंशियल्स जैसे डिफेंसिव सेक्टर्स के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है। बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना है, लेकिन निवेशकों को लंबी अवधि के लिए सावधानीपूर्वक निवेश करने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
मैक्वेरी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि भारतीय शेयर बाजार में आगामी समय में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। निवेशकों को सतर्क रहकर और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश करना चाहिए, ताकि वे संभावित बाजार उतार-चढ़ाव से बच सकें।
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