भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। जहां एक ओर हमने पिछले तीन दिनों में थोड़ी बहुत रिकवरी देखी थी और बाजार हरे निशान में बंद हो रहा था, वहीं आज सुबह से बाजार में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। यह गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का कारण बन रही है।
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शेयर बाज़ार की साप्ताहिक विश्लेषण: उतार-चढ़ाव का दौर
इस हफ्ते का बाजार रेंज-बाउंड रहा है, जहां निफ्टी 23,000 से 23,400 के दायरे में बना रहा। अगर सोमवार के सत्र को छोड़ दें, तो उसके बाद के तीन दिनों में बाजार हायर साइड पर बंद हुआ। निफ्टी फ्यूचर के चार्ट पर एक सकारात्मक संकेत दिखा है। 14 जनवरी का कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश पैटर्न दिखा रहा है, जिसमें पिछले बड़े रेड कैंडल के अंदर एक छोटी ग्रीन कैंडल बनी है। आज भी बाजार ने उसी कैंडल के लो स्तर से रिकवरी की है।
यह दर्शाता है कि बाजार ने एक निचला स्तर बना लिया है। मौजूदा परिस्थितियों में निफ्टी फ्यूचर और निफ्टी स्पॉट का सबसे खराब मामला 22,800 तक का हो सकता है। 22,800 से 23,000 के बीच का जोन निवेश के लिए एक आकर्षक स्तर हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे एक साथ बड़ी मात्रा में खरीदारी न करें, बल्कि छोटे हिस्सों में निवेश करें।
ओवरसोल्ड जोन में शेयर बाजार
वर्तमान डेटा संकेत दे रहा है कि बाजार ओवरसोल्ड जोन में है, और यहां से एक बाउंस बैक की संभावना है। इस हफ्ते होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक में ब्याज दरों पर फैसला लिया जा सकता है, जिसका असर बाजार पर निश्चित रूप से दिखाई देगा।
बैंकिंग सेक्टर में गिरावट का प्रमुख कारण है संभावित ब्याज दर कटौती। जब भी ब्याज दर घटती है, तो बैंकिंग स्टॉक्स की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत, ऑटो सेक्टर में सुधार देखने को मिल रहा है। ब्याज दर में कटौती से ऑटो लोन सस्ते हो सकते हैं, जिससे ऑटो सेक्टर को फायदा होगा।
शेयर बाज़ार में क्या उम्मीद की जाए?
बाजार के अगले कदम का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि RBI की बैठक में क्या निर्णय लिए जाते हैं। अगर ब्याज दरों में कटौती होती है, तो बैंकिंग सेक्टर पर दबाव रहेगा, लेकिन अन्य सेक्टर जैसे ऑटो और रियल एस्टेट को फायदा हो सकता है।
निवेशकों के लिए यह सलाह दी जाती है कि बाजार के मौजूदा स्तरों पर सतर्क रहें। बाजार ओवरसोल्ड जोन में है, और आने वाले दिनों में एक तकनीकी सुधार (टेक्निकल बाउंस) संभव है। हालांकि, निवेश करते समय ध्यान रखें कि बाजार के निचले स्तरों को धीरे-धीरे जोड़ें और किसी भी जल्दबाजी से बचें।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, लेकिन मौजूदा गिरावट एक अच्छा निवेश अवसर भी प्रदान कर सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के मूड को समझें और अपने निवेश को लंबे समय के लिए प्लान करें। बाजार में तकनीकी संकेत और आगामी RBI बैठक के परिणाम बाजार की दिशा तय करेंगे।
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Disclaimer:- “sharemarketin.com पर हम यह स्पष्ट रूप से बता रहे हैं कि हम किसी भी खबर या लक्ष्य को सही होने का दावा नहीं कर रहे हैं। इस वेबसाइट पर दी जाने वाली जानकारियाँ हमारी शेयर मार्किट की लम्बे समय का अनुभव के आधार पर हैं। यदि आप किसी शेयर में निवेश करना चाहते हैं, तो कृपया उसे स्वयं विश्लेषण करें और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह प्राप्त करें, इसके बाद ही किसी निवेश के फैसले पर विचार करें।”