पब्लिक सेक्टर की रिन्यूएबल एनर्जी फाइनेंस कंपनी IREDA एक बार फिर चर्चा में है। नवंबर 2023 में अपने शानदार आईपीओ के जरिए इसने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए थे, लेकिन फिलहाल यह स्टॉक अपने ऑल टाइम हाई से करीब 46% नीचे ट्रेड कर रहा है।
ऐसे में निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्या यह गिरावट एक खरीदारी का मौका है या फिर इससे दूरी बनाना ही समझदारी है। स्टॉक एक्सपर्ट अंशुल जी का मानना है कि कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं और मौजूदा स्तर पर इसमें लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है।

IPO से रॉकेट रिटर्न तक का सफर
IREDA का आईपीओ नवंबर 2023 में ₹32 के इश्यू प्राइस पर आया था। शुरुआत से ही इसे निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और लिस्टिंग के कुछ महीनों के भीतर ही इसका शेयर ₹310 तक पहुंच गया। यानी महज सात-आठ महीने में इसने करीब दस गुना रिटर्न दिया।
लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट का दौर शुरू हुआ और जुलाई 2024 के बाद से यह स्टॉक अपने उच्चतम स्तर से करीब 46% नीचे आ चुका है। यह गिरावट निवेशकों को चिंता में डाल रही है, लेकिन जानकारों के अनुसार इस गिरावट में भी मौके छिपे हुए हैं।
गिरावट की वजह और बाजार की प्रतिक्रिया
IREDA में गिरावट के दो प्रमुख कारण रहे। पहला, कंपनी के वित्तीय परिणामों में नेट एनपीए का स्तर बढ़कर 1.35% हो गया जो पहले 0.99% था। दूसरा, जसोल ईवी नामक कंपनी का डिफॉल्ट और उसका मामला NCLT तक पहुंचना।
इस घटना ने कंपनी की रिकवरी को लेकर बाजार में चिंता बढ़ा दी। हालांकि IREDA ने यह केस NCLT में ले जाकर राहत प्राप्त की है और अब मामला जसोल ईवी के पाले में है कि वह बकाया चुकाए या लिक्विडेशन का रास्ता चुने। इसके चलते कंपनी के एनपीए में दिखी बढ़ोतरी को भी विशेषज्ञ अस्थायी मान रहे हैं।
पॉजिटिव संकेत और ग्रोथ की नई संभावनाएं
IREDA को हाल ही में नवरत्न पीएसयू का दर्जा मिला है जिससे इसके परिचालन और फाइनेंसिंग की क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है। इसके अलावा, कंपनी ने विदेशी मुद्रा में फंडिंग के लिए एक नई सब्सिडियरी बनाई है और SBI टोक्यो से 2600 करोड़ रुपये की ईसीबी सुविधा हासिल की है। इससे कंपनी को सस्ते रेट पर पूंजी जुटाने में मदद मिल रही है।
साथ ही ₹165 के स्तर पर कंपनी ने QIP के ज़रिए 2000 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे एफआईआई और डीआईआई की हिस्सेदारी में स्पष्ट रूप से बढ़ोतरी हुई है। जून 2025 तक एफआईआई की होल्डिंग 3.26% और डीआईआई की होल्डिंग 3% तक पहुंच चुकी है।
निवेश की रणनीति: धीरे-धीरे आगे बढ़ने वाला स्टॉक
IREDA की लोन बुक फिलहाल ₹76,000 करोड़ के आसपास है जबकि कंपनी की कुल उधारी ₹65,000 करोड़ के करीब है। कंपनी की नेट इंटरेस्ट मार्जिन लगभग 5.5% है जो कि एक एनबीएफसी के लिए अच्छा संकेत है। FY25 में कंपनी का EPS ₹6.32 रहा और शेयर वर्तमान में लगभग 27 के PE पर ट्रेड कर रहा है। बुक वैल्यू ₹38 के आसपास है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह स्टॉक कोई तेज भागने वाली SUV नहीं बल्कि एक भरोसेमंद हैचबैक की तरह है जो धीरे-धीरे निवेशकों को उनके टारगेट तक पहुंचा सकता है। निवेशकों को इसमें ट्रेडिंग से बचते हुए SIP या नियमित निवेश के जरिए पोजीशन बनानी चाहिए। जब तक स्टॉक ₹140 के ऊपर ट्रेड कर रहा है तब तक चिंता की कोई बात नहीं है। लॉन्ग टर्म में यह ₹196, ₹234 और ₹310 जैसे टारगेट छू सकता है।
F.A.Q.
– IREDA क्या करती है और इसका मुख्य व्यवसाय क्या है?
IREDA (Indian Renewable Energy Development Agency) एक सरकारी NBFC (Non-Banking Financial Company) है, जो मुख्य रूप से रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स जैसे सोलर, विंड, बायोमास, हाइड्रो और इथेनॉल प्लांट्स के लिए फाइनेंसिंग मुहैया कराती है।
– क्या अभी IREDA के शेयर खरीदने का सही समय है?
फिलहाल IREDA का शेयर अपने ऑल टाइम हाई से लगभग 46% नीचे ट्रेड कर रहा है और कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक अच्छा एक्यूम्युलेशन ज़ोन हो सकता है।
– IREDA को नवरत्न पीएसयू का दर्जा मिलने का क्या फायदा होगा?
नवरत्न स्टेटस से कंपनी को संचालन में अधिक स्वायत्तता, उच्च कैपिटल एक्सपेंडिचर लिमिट और विदेशी निवेशकों के साथ बेहतर डीलिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे कंपनी का विस्तार और फंडिंग क्षमता बढ़ेगी।
– क्या IREDA का एनपीए (NPA) स्तर चिंताजनक है?
हाल ही में IREDA का नेट एनपीए बढ़कर 1.35% हुआ है, जो पहले 0.99% था। यह थोड़ा बढ़ा हुआ जरूर है, लेकिन यह स्तर अब भी नियंत्रित माना जा रहा है और जसोल ईवी केस के सुलझने के बाद इसमें सुधार की संभावना है।
– IREDA का भविष्य में शेयर टारगेट क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल ट्रिगर्स अनुकूल रहे तो IREDA आने वाले समय में ₹196, ₹234 और ₹310 जैसे टारगेट्स को छू सकता है। हालांकि यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला स्टॉक है, इसलिए धैर्य जरूरी है।
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