बीते कुछ दिनों से स्मॉल और मिड कैप शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। जहां एक ओर सेंसेक्स और निफ्टी जैसे लार्ज कैप इंडेक्स थोड़ी सुस्ती में दिखे, वहीं दूसरी ओर BSE स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए निवेशकों का ध्यान खींचा है।
विश्लेषकों के मुताबिक, यह कोई एक-दो दिन का उबाल नहीं, बल्कि पिछले 7 दिनों से लगातार ये इंडेक्स ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। सोमवार को भी जब लार्ज कैप शेयरों में गिरावट रही, तब मिड और स्मॉल कैप इंडेक्स में 1% तक की मजबूती देखी गई। आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक सप्ताह में बीएसई मिड कैप इंडेक्स में लगभग 1800 अंकों की तेजी आई है, जबकि स्मॉल कैप इंडेक्स ने 2600 अंक से ज्यादा की छलांग लगाई है। दोनों इंडेक्स मिलाकर लगभग ₹6 लाख करोड़ की मार्केट कैप का इज़ाफा हुआ है।

स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स आकर्षण का कारण: वेल्यूएशन और संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी अचानक नहीं आई है। इसकी जड़ें मार्च तिमाही की गिरावट में छिपी हैं। उस दौरान मिड कैप इंडेक्स में करीब 22% और स्मॉल कैप इंडेक्स में 28% तक की गिरावट आई थी। इस करेक्शन के बाद इन शेयरों के वैल्यूएशन अधिक वाजिब हो गए।
वर्तमान में बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स का PE (Price to Earnings Ratio) लगभग 32 के नीचे है, जबकि मिड कैप इंडेक्स का PE 36 के नीचे है। ये आंकड़े इनके मीडियन PE के आसपास ही हैं, जिसका मतलब है कि यह अभी भी ओवरवैल्यूड नहीं हैं। निवेशकों को इनमें अब भी अपसाइड की गुंजाइश नजर आ रही है, खासतौर पर तब जब लार्ज कैप शेयर पहले ही अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं।
क्या केवल तकनीकी कारण हैं? नहीं, फंडामेंटल भी मजबूत
कुछ लोगों का मानना है कि ये तेजी केवल तकनीकी लेवल्स के कारण आई है। लेकिन जानकारों की राय इससे अलग है। उनका कहना है कि स्मॉल और मिड कैप शेयरों की यह रैली केवल तकनीकी नहीं, बल्कि मजबूत फंडामेंटल्स पर आधारित है।
- GST कलेक्शन में लगातार इज़ाफा हो रहा है, जो कि देश की आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत देता है।
- क्रेडिट ग्रोथ भी डबल डिजिट में है, यानी कंपनियां अपने विस्तार के लिए बैंकों से ज्यादा लोन ले रही हैं।
- सरकार और निजी क्षेत्र दोनों की तरफ से कैपेक्स (Capital Expenditure) में वृद्धि देखी गई है।
इन सभी आर्थिक संकेतकों का सीधा असर छोटे और मझोले उद्योगों पर पड़ता है, क्योंकि ये कंपनियां देश की घरेलू अर्थव्यवस्था और खपत से गहराई से जुड़ी होती हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू कंपनियों की भूमिका
रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में करीब 180-200 अलाइड सेक्टर काम करते हैं — जैसे तार बनाने वाली कंपनियां, पंखे के बॉक्स, सरिया, सीमेंट, रेत, पत्थर आदि से जुड़ी कंपनियां। ये सभी ज्यादातर स्मॉल या मिड कैप कैटेगरी में आती हैं। जैसे-जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में तेजी आती है, वैसे-वैसे इन कंपनियों की डिमांड बढ़ती है और निवेशकों को इसमें मल्टीबैगर बनने की उम्मीदें नजर आने लगती हैं।
निवेशक क्यों खिंच रहे हैं स्मॉल और मिड कैप की ओर?
- कम टिकट साइज – छोटे निवेश से शुरुआत संभव।
- मल्टीबैगर बनने की संभावना – बड़े शेयर जैसे Reliance या HDFC Bank का मार्केट कैप दोगुना होने में सालों लग सकते हैं, लेकिन छोटी कंपनियां जल्दी दोगुनी-तीगुनी हो सकती हैं।
- उच्च वोलैटिलिटी – डे ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म ट्रेड के लिए बेहतर अवसर।
निष्कर्ष: जोखिम के साथ मौका भी बड़ा
हालांकि स्मॉल और मिड कैप शेयरों में तेजी और संभावनाएं साफ नजर आ रही हैं, लेकिन इसमें जोखिम भी कम नहीं। ये शेयर तेजी से भागते हैं तो गिरते भी उसी रफ्तार से हैं। इसलिए निवेशकों को ठोस रिसर्च और विवेक के साथ कदम बढ़ाना चाहिए।
यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो वाजिब वैल्यूएशन और मजबूत फंडामेंटल वाली स्मॉल या मिड कैप कंपनियों को पोर्टफोलियो में शामिल किया जा सकता है। पर याद रखें, “हर भागता शेयर मल्टीबैगर नहीं होता।
F.A.Q.
– स्मॉल कैप और मिड कैप शेयर क्या होते हैं?
स्मॉल कैप वे कंपनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण ₹500 करोड़ से ₹5,000 करोड़ के बीच होता है, जबकि मिड कैप कंपनियों का मार्केट कैप ₹5,000 करोड़ से ₹20,000 करोड़ तक होता है। ये कंपनियाँ तेजी से बढ़ने की क्षमता रखती हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक होता है।
– हाल ही में स्मॉल और मिड कैप शेयरों में इतनी तेजी क्यों देखी गई?
हालिया बाजार गिरावट के बाद निवेशकों का रुझान वैल्यू स्टॉक्स की ओर बढ़ा है। स्मॉल और मिड कैप कंपनियाँ आकर्षक वैल्यूएशन पर मिल रही हैं और फंडामेंटल्स मजबूत होने के कारण इनमें बड़ी मात्रा में निवेश देखने को मिल रहा है।
– क्या स्मॉल और मिड कैप शेयरों में निवेश सुरक्षित है?
स्मॉल और मिड कैप शेयरों में जोखिम लार्ज कैप शेयरों की तुलना में ज्यादा होता है। हालांकि, अगर अच्छी रिसर्च और लॉन्ग टर्म नजरिए से निवेश किया जाए, तो ये शेयर मल्टीबैगर रिटर्न दे सकते हैं।
– क्या ये तेजी आने वाले समय में भी जारी रह सकती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर फंडामेंटल्स और इकोनॉमी का सपोर्ट मिलता रहा तो स्मॉल और मिड कैप शेयरों की तेजी आगे भी बरकरार रह सकती है। हालांकि, मुनाफावसूली के समय सतर्क रहना जरूरी है।
– कौन-कौन से सेक्टर मिड-स्मॉल कैप में सबसे ज्यादा चमके हैं?
हालिया तेजी में ऑटो, कैपिटल गुड्स, पीएसयू बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर सेक्टर के मिड और स्मॉल कैप शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया है।
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