बाजार में जो तेजी नजर आ रही है, उसके पीछे सिर्फ उम्मीदें नहीं, बल्कि ठोस निवेश का आधार है। बीते कुछ महीनों में घरेलू और विदेशी निवेशकों ने मिलकर शेयर बाजार में लिक्विडिटी का जबरदस्त बूस्ट दिया है। जानिए कैसे और कहां से आ रहा है ये पैसा, और इसके आगे बाजार की चाल क्या हो सकती है।

DIIs और SIP से आया बंपर पैसा, हर दिन ₹2000 करोड़ का फ्लो
पिछले चार महीनों में डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने करीब ₹3.5 लाख करोड़ का भारी निवेश किया है। इसके साथ ही SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए भी खुदरा निवेशकों का भरोसा बाजार में साफ नजर आ रहा है।
हर महीने ₹26,000 करोड़ से अधिक की रकम SIP के जरिए बाजार में आ रही है, यानी औसतन रोजाना ₹2000 करोड़ से ज्यादा का कैश फ्लो बना हुआ है। यह निवेश लगातार बाजार को सपोर्ट कर रहा है और एक मजबूत बॉटम तैयार कर रहा है।
FII की वापसी से मिला ग्लोबल सपोर्ट, जून में ₹1590 करोड़ की नेट खरीदारी
एक समय था जब विदेशी निवेशक (FII) भारत से पैसा निकाल रहे थे। खासकर सितंबर 2024 में जबरदस्त बिकवाली हुई थी। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। पिछले तीन महीनों से FII लगातार खरीदी कर रहे हैं और जून महीने में उन्होंने ₹1590 करोड़ की नेट बायिंग की है।
इससे भारतीय बाजार को एक मजबूत ग्लोबल सपोर्ट मिला है। विदेशी निवेशकों की इस वापसी ने बाजार की धारणा को सकारात्मक बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाई है।
वैल्यूएशन पर चिंता, लेकिन मिड-स्मॉल कैप में अभी भी अवसर
तेजी जरूर है, लेकिन एक्सपर्ट्स अब सतर्कता की सलाह दे रहे हैं। JM Financial की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार पूरी तरह लिक्विडिटी पर निर्भर है और वैल्यूएशन अब आकर्षक स्तर पर नहीं हैं। खासकर लार्ज कैप शेयर महंगे हो चुके हैं।
हालांकि, मिड और स्मॉल कैप शेयरों में अभी भी “रीज़नेबल” वैल्यूएशन है – न बहुत महंगे, न बहुत सस्ते। Kotak AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा है कि अब निवेशकों को हाई रिटर्न्स की उम्मीद कम करनी चाहिए और 10% तक का रिटर्न ही यथार्थवादी है
स्मार्ट निवेश के लिए Diversification जरूरी, सिर्फ इक्विटी पर भरोसा नहीं
वर्तमान बाजार स्थिति में सिर्फ इक्विटी में निवेश करना एकतरफा रणनीति मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि Asset Allocation की भूमिका अब बहुत अहम हो चुकी है।
निवेशकों को गोल्ड, सिल्वर, प्लैटिनम, रियल एस्टेट, REITs, InvITs, डेब्ट म्यूचुअल फंड्स और ETFs जैसे विकल्पों को भी पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव का असर कम होगा और लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
निष्कर्ष: सोच-समझकर निवेश करें
बाजार की मौजूदा तेजी पूरी तरह लिक्विडिटी ड्रिवन है। निवेश के लिए माहौल अनुकूल जरूर है, लेकिन जोखिम भी बना हुआ है। ऐसे में जोश में नहीं, होश में निवेश करना जरूरी है। विशेषज्ञों की सलाह है कि सिर्फ शेयर बाजार में 100% पैसा लगाना समझदारी नहीं होगी। Diversification के जरिए ही स्थिर और सुरक्षित रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।
F.A.Q.
– वर्तमान में बाजार में इतनी तेजी क्यों दिख रही है?
बाजार में तेजी का मुख्य कारण है भारी मात्रा में लिक्विडिटी का आना। खासकर डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने ₹3.5 लाख करोड़ का निवेश किया है और SIP के जरिए ₹26,000 करोड़ हर महीने बाजार में आ रहे हैं। इसके साथ-साथ विदेशी निवेशकों (FIIs) की वापसी ने भी बाजार को मजबूती दी है।
– क्या अभी निवेश करना सुरक्षित है?
बाजार में अवसर जरूर हैं, लेकिन वैल्यूएशन अब सस्ते नहीं रहे। विशेषज्ञों की मानें तो मिड और स्मॉल कैप शेयरों में अभी “रीज़नेबल” वैल्यूएशन है। लेकिन बिना रिसर्च और संतुलन के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। Diversified निवेश रणनीति अपनाना बेहतर रहेगा।
– क्या अब भी SIP शुरू करना फायदेमंद होगा?
जी हां, SIP एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट टूल है। बाजार ऊपर या नीचे जाए, SIP का फायदा समय के साथ कंपाउंडिंग और एवरेजिंग के जरिए मिलता है। अगर आपके पास 5-10 साल का नजरिया है, तो SIP जारी रखना या शुरू करना सही निर्णय हो सकता है।
– सिर्फ शेयर बाजार में पैसा लगाना सही है क्या?
नहीं, विशेषज्ञों की सलाह है कि अब केवल इक्विटी में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। आपको अपना पैसा गोल्ड, रियल एस्टेट, डेब्ट फंड्स, ETFs, REITs आदि में भी लगाना चाहिए ताकि जोखिम को कम किया जा सके और रिटर्न स्थिर हो।
– अगले 1-2 सालों में रिटर्न की क्या उम्मीद की जा सकती है?
एक्सपर्ट के अनुसार, आने वाले समय में 10% के आसपास रिटर्न की उम्मीद यथार्थवादी है। हाई रिटर्न की उम्मीदों को कम करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को संतुलित और विविधतापूर्ण बनाना चाहिए।
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