पिछले कई महीनों से अपने नए सीईओ की तलाश में जुटा Yes Bank फिलहाल इस प्रक्रिया को कुछ समय के लिए स्थगित कर चुका है। मौजूदा सीईओ और एमडी प्रशांत कुमार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से पहले ही 6 महीने का एक्सटेंशन मिल चुका है और वह 6 अक्टूबर 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे।
हालांकि, अगर इससे पहले नए सीईओ का चयन हो जाता है तो उन्हें रिप्लेस किया जा सकता है। लेकिन अब बैंक ने नए सीईओ की खोज रोक दी है। इसके पीछे की वजह एक बड़ी डील बताई जा रही है।

क्या है वजह?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Yes Bank और जापान की Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) के बीच हो रही करीब 13,482 करोड़ रुपये की डील को इस रोक की मुख्य वजह माना जा रहा है। मई 2025 में SMBC और Yes Bank के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत SMBC, Yes Bank में 20% हिस्सेदारी खरीदने जा रहा है। भारतीय बैंकिंग सेक्टर में यह अब तक की सबसे बड़ी क्रॉस-बॉर्डर डील मानी जा रही है।
बोर्ड के कुछ निदेशकों का मानना है कि इस डील को फाइनल करने के बाद ही नए सीईओ के चयन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए, ताकि नए निवेशक SMBC भी इस फैसले में अपनी भूमिका निभा सके।
प्रशांत कुमार संभाल रहे जिम्मेदारी
गौरतलब है कि मार्च 2020 में जब Yes Bank गंभीर संकट में था, तब RBI के निर्देश पर प्रशांत कुमार को अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया था। उन्होंने बैंक को मुश्किल दौर से उबारने में अहम भूमिका निभाई। उनका मौजूदा कार्यकाल अक्टूबर 2025 में खत्म होना है। लेकिन SMBC डील पूरी होने तक वे ही सीईओ बने रह सकते हैं।
SMBC डील क्यों अहम है?
SMBC, Sumitomo Mitsui Financial Group की सहायक कंपनी है और जापान का दूसरा सबसे बड़ा बैंकिंग समूह है। SMBC के लिए यह डील भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। इस डील के तहत SMBC ने SBI की 24% हिस्सेदारी में से 13.19% हिस्सेदारी करीब 889 करोड़ रुपये में खरीदी है। शेष 6.81% हिस्सेदारी HDFC, ICICI, Axis और अन्य बैंकों से खरीदी जाएगी। डील पूरी होने के बाद SMBC, Yes Bank का दूसरा सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बन जाएगा।
डील को फाइनल होने के लिए अब भी RBI, CCI और Yes Bank के शेयरधारकों की मंजूरी की जरूरत है। माना जा रहा है कि सितंबर 2025 तक RBI की मंजूरी मिल सकती है।
Yes Bank के लिए क्यों मायने रखती है यह डील?
2020 में गंभीर वित्तीय संकट में फंसे Yes Bank को बचाने के लिए SBI और अन्य बैंकों ने मदद की थी। अब SMBC की यह डील बैंक के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। Fitch Ratings का मानना है कि यह सौदा भारतीय बैंकिंग सेक्टर में विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोल सकता है।
भारत में फिलहाल विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी सिर्फ 3% है, जबकि सरकारी और निजी बैंकों की हिस्सेदारी क्रमश: 52% और 40% के करीब है। ऐसे में SMBC के निवेश से न केवल Yes Bank को मजबूती मिलेगी, बल्कि विदेशी निवेशकों के भरोसे में भी इज़ाफा होगा।
बोर्ड का मानना है कि SMBC के प्रतिनिधियों की राय शामिल किए बिना नए सीईओ की नियुक्ति करना रणनीतिक रूप से सही नहीं होगा। इसलिए RBI और CCI की मंजूरी के बाद डील फाइनल होते ही सीईओ चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
निष्कर्ष
Yes Bank की सीईओ की तलाश पर लगी यह रोक पूरी तरह से रणनीतिक फैसला है। फिलहाल प्रशांत कुमार ही बैंक की कमान संभाले रहेंगे। SMBC डील के फाइनल होने के बाद ही नए सीईओ पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
F.A.Q.
– Yes Bank ने नए सीईओ की तलाश क्यों रोक दी है?
Yes Bank ने SMBC के साथ हो रही 13,482 करोड़ रुपये की डील को ध्यान में रखते हुए नए सीईओ की तलाश फिलहाल स्थगित कर दी है। बोर्ड चाहता है कि SMBC इस फैसले में भी अपनी राय दे सके, इसलिए डील फाइनल होने तक यह प्रक्रिया रोकी गई है।
– SMBC कौन है और Yes Bank में कितनी हिस्सेदारी खरीदेगा?
SMBC यानी Sumitomo Mitsui Banking Corporation जापान का दूसरा सबसे बड़ा बैंकिंग समूह है। SMBC, Yes Bank में लगभग 20% हिस्सेदारी खरीदने जा रहा है।
– यह डील कब तक पूरी होने की उम्मीद है?
डील के लिए RBI, CCI और शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी है। माना जा रहा है कि सितंबर 2025 तक इनकी मंजूरी मिल सकती है और डील पूरी हो सकती है।
– प्रशांत कुमार कितने समय तक Yes Bank के सीईओ बने रहेंगे?
RBI ने प्रशांत कुमार को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया है और उनका कार्यकाल फिलहाल 6 अक्टूबर 2025 तक है। डील पूरी होने और नए सीईओ के चयन तक वे ही इस पद पर बने रह सकते हैं।
– SMBC की यह डील Yes Bank और भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए क्यों अहम है?
यह भारतीय बैंकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी क्रॉस-बॉर्डर डील मानी जा रही है। इससे Yes Bank को वित्तीय मजबूती मिलेगी और विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में अवसर बढ़ेंगे। यह डील Yes Bank के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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