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6 महीने की गिरावट के बाद अब जबरदस्त वापसी! शेयर बाजार में कमाई का मौका?

पिछले छह महीनों की निराशाजनक निकासी के बाद विदेशी निवेशक अब एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार की ओर लौटने लगे हैं। अप्रैल और मई 2025 में भारत को विदेशी निवेशकों से कुल $7.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश मिला है। यह वापसी भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इसके स्थायित्व की गवाही देता है।

अमेरिका ने अकेले अप्रैल और मई 2025 के दौरान भारत में 6.25 अरब डॉलर का निवेश किया, जिसमें से 95% से अधिक इक्विटी शेयर बाजार में लगाया गया। इससे यह साफ हो गया है कि अमेरिका अब भी भारत को एक भरोसेमंद और आकर्षक निवेश गंतव्य मानता है।

foreign investors return to indian stock market

भारतीय शेयर बाज़ार में आयरलैंड और अन्य देशों का भी भरोसा

अमेरिका के बाद सबसे बड़ा निवेश आयरलैंड से आया है, जिसने 1.27 अरब डॉलर का निवेश किया। हालांकि आयरलैंड की तरफ से कुछ निकासी भी हुई — डेप्ट और हाइब्रिड से करीब 644 मिलियन डॉलर निकाले गए, लेकिन कुल निवेश सकारात्मक रहा। इसके अलावा जर्मनी ($811 मिलियन), ऑस्ट्रेलिया ($787.69 मिलियन), जापान ($578.11 मिलियन) और स्विट्जरलैंड ($576.58 मिलियन) ने भी उल्लेखनीय निवेश किया है।

जापान भले ही AUC (एसेट्स अंडर कस्टडी) के मामले में भारत में आठवें स्थान पर है, लेकिन उसका लगातार निवेश भारत में उसके दीर्घकालिक भरोसे को दर्शाता है। वहीं, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड जैसे देश टॉप 10 AUC में शामिल नहीं हैं, फिर भी वे सक्रिय निवेशक बने हुए हैं।

कुछ देशों की हिस्सेदारी घटी

जहां एक ओर फ्रांस ($2.26 अरब डॉलर), मॉरीशस ($67 मिलियन), और नॉर्वे ($151 मिलियन) ने मई में निवेश बढ़ाया, वहीं मलेशिया, दक्षिण कोरिया, यूके और लग्जमबर्ग जैसे देशों ने मई में कोई सक्रिय निवेश नहीं दिखाया, जबकि अप्रैल में ये देश सक्रिय थे।

क्यों लौटे विदेशी निवेशक?

पिछले साल अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारत से $20 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की थी। लेकिन अप्रैल 2025 में इक्विटी में $510 मिलियन का निवेश हुआ, जबकि डेप्ट और हाइब्रिड से $2.8 अरब डॉलर की निकासी जारी रही। मई में हालात सुधरे और इक्विटी में $2.34 अरब डॉलर तथा डेप्ट-हाइब्रिड में $1.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ।

विशेषज्ञों के अनुसार विदेशी निवेशकों के भारत की ओर लौटने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:

  1. मजबूत अर्थव्यवस्था:
    भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यस्थाओं में से एक है। 2025 में भारत की GDP विकास दर 7% से ऊपर रहने का अनुमान है, जो वैश्विक मंदी के दौर में इसे एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प बनाता है।
  2. कंपनियों की मुनाफे में बढ़ोतरी:
    बैंकिंग, बुनियादी ढांचे, ऑटो और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के मुनाफे में लगातार सुधार हुआ है।
  3. स्थिर ब्याज दरें:
    भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है और महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखा है, जिससे निवेशकों को स्थिर रिटर्न की उम्मीद है।
  4. वैश्विक संकट के बीच सुरक्षित बाजार:
    अमेरिका-चीन तनाव, इजराइल-ईरान टकराव जैसी वैश्विक अस्थिरताओं के बीच भारत को एक सुरक्षित और स्थिर निवेश गंतव्य माना जा रहा है।
  5. वैश्विक ब्याज दरों में नरमी:
    अमेरिका और यूरोप के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें घटाने के संकेत से उभरते बाजारों की ओर निवेशकों का झुकाव बढ़ा है।
  6. सरकारी सुधार और पहलें:
    मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और बुनियादी ढांचे पर जोर देने जैसे सरकार के प्रयासों से दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं मजबूत हुई हैं।
  7. घरेलू निवेशकों का योगदान:
    म्यूचुअल फंड, SIP और मजबूत बैंकिंग सिस्टम के चलते घरेलू निवेशकों का भी भरोसा बना हुआ है, जिससे बाजार को स्थिरता मिल रही है।

निष्कर्ष:

विदेशी निवेशकों की भारत में वापसी न सिर्फ शेयर बाजार के लिए बल्कि समूची अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। अमेरिका और आयरलैंड जैसे विकसित देशों का भारी निवेश यह साबित करता है कि भारत एक भरोसेमंद, स्थिर और भविष्य की संभावनाओं से भरा बाजार है। यदि यह रुझान जारी रहा तो आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है।

F.A.Q.

– विदेशी निवेशकों ने अप्रैल और मई 2025 में भारत में कितना पैसा लगाया?

विदेशी निवेशकों ने अप्रैल और मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में $7.5 अरब डॉलर (लगभग ₹62,000 करोड़) से ज्यादा का निवेश किया है।

– सबसे ज्यादा निवेश किस देश ने किया है?

अमेरिका ने सबसे ज्यादा निवेश किया है – करीब $6.25 अरब डॉलर, जिसमें से 95% से ज्यादा पैसा इक्विटी मार्केट में लगाया गया है।

– भारत में विदेशी निवेश क्यों बढ़ रहा है?

भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, स्थिर ब्याज दरें, बढ़ती कंपनियों की कमाई, और वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की स्थिरता जैसी वजहों से विदेशी निवेशक भारत को फिर से पसंद कर रहे हैं।

– किन-किन देशों ने निवेश किया है भारत में?

अमेरिका और आयरलैंड के अलावा जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, मॉरीशस और नॉर्वे जैसे देशों ने भी भारत में निवेश किया है।

– क्या यह विदेशी निवेश भारतीय शेयर बाजार को फायदा पहुंचाएगा?

हां, विदेशी निवेश से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी, शेयरों की वैल्यू में इजाफा हो सकता है और नए निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा। यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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