2 जुलाई 2025 को एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) एवं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर अपना पहला कारोबार शुरू किया। आईपीओ के दौरान दी गई ₹700–740 की कीमत-बैंड को पार करते हुए ये ₹835 पर खुला, जिससे शुरुआती दिन ही लगभग 13% की अनुकरणीय रिटर्न दर्ज की गई।

IPO विवरण: ₹12,500 करोड़ की पेशकश और जबरदस्त सब्सक्रिप्शन
एचडीबी फाइनेंशियल का कुल आईपीओ आकार ₹12,500 करोड़ रहा, जिसमें से ₹10,000 करोड़ का हिस्सा ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से HDFC बैंक ने बेचा और ₹2,500 करोड़ का नया इश्यू शामिल था। इस इश्यू को निवेशकों ने जोरदार समर्थन दिया—कुल सब्सक्रिप्शन लगभग 16.7 गुना रहा, लेकिन QIB श्रेणी में ये आंकड़ा 55 गुना तक पहुंच गया। खुदरा निवेशकों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही, जो लगभग 1.4 से 5 गुना तक रही।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹65–71 तक पहुंचा, जो पहले से ही मजबूत लिस्टिंग संकेत दे रहा था।
विश्लेषकों की राय: दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश फायदेमंद
मार्केट विश्लेषकों और ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि HDB का फंडामेंटल स्ट्रॉन्ग है। Hensex Securities के मैहेश ओझा के अनुसार, कंपनी का “फिजिटल” मॉडल और RBI द्वारा upper-layer NBFC की मान्यता, इसे लंबी अवधि में लाभकारी बनाती है।
Emkay Global ने इसे ‘BUY’ रेटिंग देते हुए जून 2026 तक ₹900 का टारगेट प्राइस जारी किया है, जो IPO मूल्य से लगभग 22% की संभावित बढ़त दिखाता है।
विशेषज्ञों की राय है कि जिन निवेशकों को अलॉटमेंट मिला है, वे इसे मध्यम से दीर्घकाल के लिए होल्ड करें क्योंकि इसका संस्थागत समर्थन और लोन पोर्टफोलियो स्थिर ग्रोथ का संकेत देता है।
संभावित जोखिम: बैंक हिस्सेदारी, एनपीए और नियामकीय अनिश्चितता
हालांकि लिस्टिंग दिन शानदार रहा, पर कुछ जोखिम भी नज़रअंदाज़ नहीं किए जा सकते। HDFC बैंक को नियामकीय कारणों से आने वाले दो वर्षों में HDB में अपनी हिस्सेदारी को 20% से कम करना होगा, जो स्टॉक पर ओवरहैंग पैदा कर सकता है।
मार्च 2025 तक सकल एनपीए 2.3% और असुरक्षित लोन 27% थे, जो क्रेडिट जोखिम को इंगित करते हैं। इसके अलावा, RBI द्वारा NBFC के लिए आने वाले नए नियम और गाइडलाइंस भी कंपनी के ऑपरेशन्स को प्रभावित कर सकते हैं।
ज़ेरोधा के नितिन कामथ ने रिटेल निवेशकों को आगाह किया है कि अनलिस्टेड शेयरों की अत्यधिक अपेक्षाएं कई बार जोखिमपूर्ण होती हैं, खासकर तब जब निवेशक उसके पीछे की वास्तविकताओं को नहीं समझते।
निष्कर्ष: मजबूत शुरुआत, लेकिन सतर्क निवेश की जरूरत
एचडीबी फाइनेंशियल की आईपीओ लिस्टिंग ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है, और इसका पहला दिन मार्केट में सफल रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मजबूत संस्थागत समर्थन, HDFC बैंक की बैकिंग, और विस्तृत लोन पोर्टफोलियो इसे दीर्घकाल में लाभदायक बना सकता है।
हालांकि, HDFC बैंक की हिस्सेदारी में संभावित कटौती और वित्तीय अस्थिरताएं निगरानी योग्य रहेंगी। यदि आप एक मध्यम से लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं, तो यह स्टॉक आपके पोर्टफोलियो में अच्छी भूमिका निभा सकता है—बशर्ते आप संभावित जोखिमों को ध्यान में रखें।
F.A.Q.
– HDB Financial का आईपीओ कब लिस्ट हुआ और किस भाव पर?
HDB Financial का आईपीओ 2 जुलाई 2025 को NSE और BSE पर ₹835 के लिस्टिंग प्राइस पर शुरू हुआ, जो ₹740 के ऊपरी बैंड से लगभग 13% अधिक है।
– HDB Financial IPO का सब्सक्रिप्शन कितना रहा?
इस आईपीओ को कुल मिलाकर 16.7 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
QIB (संस्थागत निवेशक) श्रेणी में सब्सक्रिप्शन 55 गुना
रिटेल निवेशकों की भागीदारी लगभग 1.4 से 5 गुना रही।
– क्या HDB Financial शेयर को अभी खरीदना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपने आईपीओ अलॉटमेंट में शेयर लिया है तो मध्यम से दीर्घकालीन दृष्टिकोण से इसे होल्ड करना फायदेमंद हो सकता है। अभी के भाव पर खरीदने से पहले जोखिमों का मूल्यांकन जरूरी है।
– क्या HDB Financial का शेयर ₹900 तक जा सकता है?
हाँ, Emkay Global जैसे ब्रोकरेज हाउस ने HDB के लिए ₹900 का 12 महीने का टारगेट दिया है, जो इसके फंडामेंटल्स और ग्रोथ प्रोफाइल पर आधारित है।
– HDB Financial किस ग्रुप की कंपनी है?
HDB Financial Services, HDFC Bank की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी। IPO के बाद HDFC बैंक की हिस्सेदारी घटाई जा रही है, लेकिन यह अभी भी प्रमोटर ग्रुप में शामिल है।
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