एक समय निवेशकों की पसंदीदा मानी जाने वाली निजी क्षेत्र की दिग्गज बैंक IndusInd बैंक आज गवर्नेंस फेल्योर, फ्रॉड, शेयर क्रैश और ब्रोकरेज डाउनग्रेड जैसी वजहों से सुर्खियों में है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बैंक एक बड़े बैंकिंग संकट की ओर बढ़ रहा है? इसकी वजह ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस मैक्वरी (Macquarie) की एक रिपोर्ट है, जिसने न सिर्फ बैंक की रेटिंग घटाई बल्कि इसका टारगेट प्राइस भी जोरदार तरीके से कम कर दिया।
मैक्वरी ने IndusInd बैंक की रेटिंग आउटपरफॉर्म से घटाकर अंडरपरफॉर्म कर दी है। इसके साथ ही लक्ष्य मूल्य भी ₹1210 से घटाकर ₹650 कर दिया गया है। यानी करीब 25% डाउनसाइड की चेतावनी। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) लगातार कमजोर हो रहा है। पहले जहां ROE का अनुमान 1.4% था, उसे अब घटाकर 1% कर दिया गया है।

IndusInd Bank पर क्यों टूटा भरोसा?
मैक्वरी की रिपोर्ट में कई चिंताजनक बातें सामने आईं। बैंक की मार्जिन घटने की आशंका जताई गई है और क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की संभावना भी दिख रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि हाल के फ्रॉड के बाद बैंक को अपना माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो कम करना पड़ेगा। इसके अलावा, नए सीईओ की नियुक्ति कब होगी यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक नया नेतृत्व नहीं आता और चीजें स्थिर नहीं होतीं, तब तक बैंक के प्रदर्शन में तेज़ी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
IndusInd Bank शेयरों में बड़ी गिरावट
11 मार्च को बैंक के शेयरों में करीब 27% तक की गिरावट दर्ज की गई। इसकी वजह बैंक का खुद यह स्वीकारना था कि उसके फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ियां हुई हैं, जिनकी वैल्यू बैंक की नेटवर्थ के 2.35% के बराबर है। इसी विवाद के बाद बैंक के सीईओ और डिप्टी सीईओ दोनों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
फिलहाल इस मामले की जांच भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) कर रहे हैं।
माइक्रोफाइनेंस में जोखिम
IndusInd बैंक की बैलेंस शीट का बड़ा हिस्सा माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से आता है। लेकिन मैक्वरी का मानना है कि इस क्षेत्र में फ्रॉड का खतरा ज्यादा है, इसलिए बैंक इसे छोटा करेगा। इसका सीधा असर बैंक की एसेट ग्रोथ और मुनाफे पर पड़ेगा।
अन्य कंपनियों पर भी नजर
मैक्वरी ने अपनी रिपोर्ट में अन्य वित्तीय कंपनियों पर भी नजर डाली। कोटक महिंद्रा बैंक को न्यूट्रल रेटिंग के साथ ₹2300 का लक्ष्य दिया गया। SBI कार्ड्स को भी न्यूट्रल रेटिंग के साथ ₹1040 का टारगेट मिला। वहीं, HDFC लाइफ को अंडरपरफॉर्म के साथ ₹720 और PB Fintech को न्यूट्रल के साथ ₹1945 का लक्ष्य दिया गया।
मैक्वरी का कहना है कि रेपो रेट में कटौती का फायदा बैंकों को कारोबारी साल 2027 से दिखना शुरू होगा। यानी जो निवेशक यह सोच रहे थे कि ब्याज दरों में कमी से बैंकिंग शेयर तुरंत चढ़ जाएंगे, उन्हें अब लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
बड़ा सबक
IndusInd बैंक का मौजूदा संकट भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा सबक है। गवर्नेंस, इंटरनल कंट्रोल्स और एथिकल लीडरशिप की अहमियत को नजरअंदाज करने का नतीजा कितना बड़ा हो सकता है, यह इस केस ने दिखा दिया।
मैक्वरी की डाउनग्रेडिंग और टारगेट में कटौती ने निवेशकों को सावधान कर दिया है कि बैंक की रिकवरी लंबी और चुनौतीपूर्ण होगी।
F.A.Q.
– IndusInd बैंक के शेयरों में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?
बैंक ने खुद स्वीकार किया कि उसके फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी हुई है, जिसकी वैल्यू बैंक की नेटवर्थ के 2.35% के बराबर थी। इसके बाद निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ और शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई।
– मैक्वरी ने बैंक की रेटिंग क्यों घटाई?
मैक्वरी का कहना है कि बैंक की रिटर्न ऑन इक्विटी कमजोर हो रही है, मार्जिन घटने और क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा, माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में फ्रॉड का खतरा बढ़ गया है और नया सीईओ अब तक नियुक्त नहीं हुआ।
– क्या बैंक की वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो चुकी है?
बैंक संकट में है, लेकिन अभी पूरी तरह डूबा नहीं है। हालांकि, मैक्वरी के मुताबिक इसकी रिकवरी लंबी और चुनौतीपूर्ण होगी। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
– क्या नए सीईओ की नियुक्ति से स्थिति सुधर सकती है?
हाँ, नया नेतृत्व आने और आंतरिक नियंत्रण मजबूत होने पर बैंक में स्थिरता आ सकती है। लेकिन यह कब होगा, फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
– क्या इस समय IndusInd बैंक में निवेश करना सही है?
अभी बैंक पर कई अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है। मैक्वरी ने फिलहाल इसे अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है और डाउनसाइड का इशारा किया है।
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