2024 में निवेश का धमाका: भारतीय शेयर बाजार में DIIs ने कैसे रचा इतिहास?

2024 का साल भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक रहा, और इसकी सफलता के पीछे एक बड़ा हाथ घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का था। DII, जिसमें म्यूचुअल फंड्स, बैंक, और बीमा कंपनियां शामिल होती हैं, ने इस साल रिकॉर्ड तोड़ निवेश किया। आंकड़ों के अनुसार, डीआईआई ने 2024 में ₹5 लाख करोड़ से अधिक की शुद्ध खरीदारी की, जो अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।

2024 में निवेश का धमाका भारतीय शेयर बाजार में DIIs ने कैसे रचा इतिहास

2024 में DIIs की खरीदारी

2024 में बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद घरेलू निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार को स्थिरता और मजबूती दी। डीआईआई की सक्रियता और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। 2025 में भी इस रुझान के जारी रहने की संभावना है, जो शेयर बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

DII ने साल की शुरुआत से ही आक्रामक निवेश रणनीति अपनाई। जनवरी के पहले सात कारोबारी दिनों में ही ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया गया, और अगले 42 सत्रों में ₹2 लाख करोड़ और जोड़े। पूरे साल उनका निवेश पहले की तुलना में काफी ज्यादा रहा।

खुदरा निवेशकों की भागीदारी का बढ़ता महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल क्रांति और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती ने खुदरा निवेशकों को बाजार में आकर्षित किया। म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए निवेशकों की भागीदारी बढ़ी, जिससे डीआईआई के पास निवेश के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध हुई।

मजबूत रिटर्न और बाजार की बढ़त

खुदरा निवेशकों की सक्रियता ने शेयर बाजार को मजबूती दी। सेंसेक्स और निफ्टी ने 11% से अधिक रिटर्न दिया, जबकि बीएसई मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स ने क्रमशः 29% और 32% की बढ़त दर्ज की।

विदेशी निवेशकों का असर

2024 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने ₹1 लाख करोड़ से अधिक के शेयर बेचे। इसकी वजह आरबीआई की ब्याज दरों में कटौती में देरी और कंपनियों का कमजोर तिमाही प्रदर्शन रही। हालांकि, डीआईआई ने एफआईआई की बिकवाली के असर को बैलेंस कर बाजार को स्थिर बनाए रखा।

IPO में DIIs की सक्रियता

2024 में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPO) का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला। डीआईआई ने इन आईपीओ में बड़े पैमाने पर निवेश किया, जिससे बाजार को नई ऊर्जा मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में 100 से अधिक आईपीओ आने की संभावना है, जिससे कंपनियां ₹2 लाख करोड़ से अधिक पूंजी जुटा सकती हैं।

भविष्य की उम्मीदें

2025 में भी डीआईआई की खरीदारी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, साल की पहली तिमाही में अस्थिरता हो सकती है, लेकिन अप्रैल से दिसंबर के बीच बाजार में स्थिरता और सकारात्मकता बनी रहेगी। म्यूचुअल फंड्स के जरिए एसआईपी निवेश जारी रहेगा, जो बाजार में नकदी प्रवाह बनाए रखेगा।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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