क्या विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार डूबने वाला है? जानें क्या है वजह!

साल 2025 की शुरुआत ने भारतीय शेयर बाजार को हलचल में डाल दिया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी के पहले कुछ ही दिनों में 12,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। दिसंबर में थोड़े समय के लिए खरीदारी के संकेत देने के बाद, जनवरी में हुई भारी बिकवाली ने निफ्टी को करीब 2% नीचे धकेल दिया।

Is the Indian stock market going to sink due to selling by foreign investors

क्यों बेच रहे हैं विदेशी निवेशक?

विदेशी निवेशकों की इस बिकवाली के पीछे कई कारण हैं, जो न केवल भारतीय बाजार बल्कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों से भी जुड़े हैं।

1. वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक तनाव:

अमेरिका में आर्थिक अनिश्चितता और राजनीतिक बदलावों के कारण निवेशक सतर्क हो गए हैं। ऐसे समय में, वे जोखिम लेने से बचते हैं और ज्यादा सुरक्षित निवेश की तलाश में रहते हैं।

2. कमजोर कॉरपोरेट नतीजे:

दिसंबर तिमाही के बिजनेस अपडेट्स ने निवेशकों को खासा निराश किया है। लगातार तीसरी तिमाही में कंपनियों के कमजोर नतीजे यह संकेत दे रहे हैं कि आर्थिक मंदी का असर लंबे समय तक बना रह सकता है।

3. घटती एफपीआई हिस्सेदारी:

दिसंबर 2024 में विदेशी निवेशकों की बाजार हिस्सेदारी घटकर 16.1% रह गई, जो पिछले साल इसी समय 16.8% थी। यह गिरावट यह दिखाती है कि एफपीआई का भारतीय बाजार पर विश्वास कम हो रहा है।

शेयर बाज़ार में आगे की राह

1. बजट 2025 पर नजर:

अब सभी की नजर आगामी बजट पर है। यह देखना होगा कि सरकार आर्थिक सुधारों के लिए क्या कदम उठाती है और क्या ये कदम निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में कामयाब होंगे।

2. वैश्विक घटनाक्रम का प्रभाव:

अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव, विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, वैश्विक बाजारों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। यह भारतीय बाजार को भी प्रभावित कर सकता है।

3. कमजोर कॉरपोरेट नतीजों की चिंता:

यदि कंपनियों के परिणाम और कमजोर आते हैं, तो ब्रोकरेज फर्म्स अपने टारगेट्स में कटौती कर सकती हैं, जिससे बाजार में और अधिक गिरावट हो सकती है।

शेयर बाज़ार को लेकर निवेशकों की रणनीति क्या होना चाहिए

विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए घरेलू और विदेशी, दोनों निवेशकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जनवरी की यह बिकवाली शायद कुछ समय तक जारी रहे, लेकिन आगामी बजट और वैश्विक घटनाओं से स्थिति में बदलाव की उम्मीद है।

निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। बाजार भावनाओं, वैश्विक घटनाओं और आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करता है। इसलिए, सोच-समझकर और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश करना ही सही रणनीति होगी।

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  • Manoj Talukdar

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज तालुकदार है, और मैं लम्बे समय से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से जुड़े क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं। इस दौरान मैंने जो अनुभव और ज्ञान अर्जित किया है, उसे मैं आप सभी के साथ इस वेबसाइट के माध्यम से साझा करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि इस वेबसाइट के जरिए आपको निवेश से जुड़ी सही और उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकूं, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकें।

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