आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शेयर की, जो बेहतरीन फंडामेंटल और शानदार ग्रुप से जुड़ा है — JSW Infra। अपने सेक्टर की यह दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, ठीक अडानी पोर्ट्स के बाद। लेकिन, बीते एक साल में शेयर के उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को उलझन में डाल दिया है। आइए समझते हैं इस शेयर का पूरा हाल, भविष्य के ट्रिगर्स और निवेश की रणनीति।

JSW Infra शेयर का प्रदर्शन: ऊँचाई से गिरकर फिर संभला
जुलाई 2024 में JSW Infra ने ₹360.95 का ऑल टाइम हाई बनाया था, जिसने निवेशकों को उत्साहित कर दिया। लेकिन इसके बाद तेज़ गिरावट आई और फरवरी 2025 तक यह ₹218 तक फिसल गया। हालांकि, वहां से शेयर करीब 40% तक रिकवर कर चुका है और फिलहाल अपने टॉप लेवल से लगभग 14% नीचे कारोबार कर रहा है।
कई निवेशक अब भी ₹300–₹350 की रेंज में फंसे हुए हैं और यह सोच रहे हैं कि आखिर क्यों यह शेयर पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ पा रहा है।
क्यों फंसा नजर आ रहा है JSW Infra?
शेयर पर दबाव के पीछे दो बड़े कारण बताए जाते हैं।
- टैरिफ का डर:
दुनिया भर में बढ़ते टैरिफ ने इंपोर्ट-एक्सपोर्ट को चुनौती दी है। जब वैश्विक व्यापार धीमा पड़ता है, तो पोर्ट ऑपरेटर्स के वॉल्यूम पर भी असर पड़ता है। अभी तक नतीजों में इसकी सीधी झलक नहीं दिखी है, लेकिन बाजार को डर है कि अगर टैरिफ में बढ़ोतरी जारी रही, तो भविष्य में कारोबारी प्रदर्शन पर असर हो सकता है।
- जियोपॉलिटिकल रिस्क:
मध्य पूर्व और अन्य क्षेत्रों में चल रहे युद्ध और तनाव ने माल ढुलाई में रुकावटें पैदा की हैं। कई बार शिपमेंट्स में देरी हुई है, जिससे कंपनी के शेयर में सुस्ती देखने को मिली।
भविष्य के बड़े ट्रिगर्स क्या हैं?
इन चुनौतियों के बावजूद JSW Infra के पास कई मजबूत ट्रिगर्स मौजूद हैं।
थर्ड पार्टी बिज़नेस में तेज़ी:
कंपनी अब अपने ग्रुप पर पूरी तरह निर्भर नहीं है। उसके रेवेन्यू में 49% हिस्सा थर्ड पार्टी बिज़नेस से आता है।
नवकार कॉर्प का अधिग्रहण:
JSW Infra ने हाल में नवकार कॉर्प में 70% हिस्सेदारी खरीदी है। इसके ज़रिए कंपनी ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर में कदम रखा और पनवेल व मोरबी में 283 एकड़ ज़मीन हासिल की।
कैपेसिटी डबल करने की योजना:
कंपनी की मौजूदा सालाना क्षमता 177 मिलियन टन है, जिसे 2030 तक 400 मिलियन टन करने का लक्ष्य है। यानी, अगले 4 सालों तक 13–15% की सालाना ग्रोथ की संभावना बनती है।
मजबूत वित्तीय स्थिति और निवेश की रणनीति
JSW Infra की वित्तीय स्थिति काफी सुदृढ़ है। कंपनी का मार्जिन 50–52% के बीच रहा है। इसके ऊपर कर्ज़ केवल ₹1,470 करोड़ है और डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो महज़ 0.2 है, जो इसे पोर्ट सेक्टर की सबसे कम कर्ज़दार कंपनियों में रखता है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, FY26–27 में EPS ₹7.5–9.5 रहने का अनुमान है और शेयर का टारगेट ₹370 रखा गया है। फिलहाल इसका P/E करीब 32.55 है।
तकनीकी जानकारों के मुताबिक, अगर शेयर ₹328 के ऊपर ब्रेकआउट देता है, तो ₹360 और ₹400 के स्तर देखे जा सकते हैं। वहीं, गिरावट में ₹276 पर निवेश का अच्छा मौका मिल सकता है।
निष्कर्ष: लंबे सफर के लिए तैयार?
JSW Infra की लंबी अवधि की कहानी मजबूत दिखती है। EPS ग्रोथ, क्षमता दोगुनी करने की योजना और कम कर्ज़ इसे सेक्टर में आकर्षक बनाते हैं। लेकिन निवेश से पहले टैरिफ और जियोपॉलिटिकल रिस्क पर नज़र रखना ज़रूरी है।
अगर आप इस शेयर में निवेश करना चाहते हैं, तो ₹276–₹328 की रेंज पर ध्यान दें और ₹328 के ऊपर की तेजी में बने रह सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय में यह ₹700 तक भी जा सकता है — बशर्ते आप धैर्य रख सकें।
F.A.Q.
– JSW Infra किस सेक्टर की कंपनी है और इसका मुकाबला किससे है?
JSW Infra पोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इसका सीधा मुकाबला Adani Ports से होता है।
– क्या JSW Infra पर ग्रुप का ज्यादा निर्भर होना खतरे की बात है?
अब नहीं। कंपनी के रेवेन्यू का लगभग 49% हिस्सा थर्ड पार्टी बिज़नेस से आता है, यानी यह केवल JSW ग्रुप पर निर्भर नहीं है।
– क्या वर्तमान में JSW Infra पर ज्यादा कर्ज़ है?
नहीं। कंपनी का डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो सिर्फ 0.2 है और कर्ज़ ₹1,470 करोड़ के आसपास ही है, जो पोर्ट सेक्टर में सबसे कम है।
– निवेश के लिए सही स्तर क्या हो सकते हैं?
जानकारों के मुताबिक ₹276–₹328 के बीच निवेश का अच्छा मौका हो सकता है। ₹328 के ऊपर ब्रेकआउट मिलने पर तेजी और बढ़ सकती है।
– क्या लंबे समय में JSW Infra में अच्छा रिटर्न मिल सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी की मजबूत फंडामेंटल्स, कैपेसिटी डबल करने की योजना और EPS ग्रोथ के चलते यह लंबे समय में अच्छा रिटर्न दे सकती है। कुछ रिपोर्ट्स ने ₹700 तक के लक्ष्य का अनुमान भी जताया है।
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