भारत के सबसे बड़े और सफल निवेशकों में से एक राधाकिशन दमानी को तो आप जानते ही होंगे। वही दमानी, जिनकी डीमार्ट (DMart) रिटेल चेन ने रिटेल सेक्टर में धमाका किया और उन्हें अरबपतियों की सूची में पहुँचा दिया। अब दमानी एक और सेक्टर में अपनी चुपचाप की गई बड़ी इन्वेस्टमेंट से चर्चा में आ गए हैं। यह निवेश उन्होंने किया है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में।
जैसे ही NSE का IPO लॉन्च होगा, दमानी की नेटवर्थ में ज़बरदस्त उछाल आ सकता है। तो आइए जानते हैं कि दमानी ने NSE में कितना निवेश किया है, उसकी वैल्यू कितनी है, IPO कब आ सकता है और यह IPO इतना खास क्यों माना जा रहा है।

NSE में दमानी की हिस्सेदारी
हाल ही में सामने आई शेयरहोल्डिंग डिटेल के मुताबिक, NSE में राधाकिशन दमानी की हिस्सेदारी 1.58% है। यह हिस्सेदारी करीब 3.91 करोड़ शेयरों के बराबर है। अनलिस्टेड मार्केट में फिलहाल NSE का शेयर करीब ₹2390 के आसपास ट्रेड हो रहा है। इस हिसाब से दमानी की NSE में होल्डिंग की कुल वैल्यू करीब ₹9300 करोड़ हो जाती है।
डीमार्ट के बाद NSE में किया गया यह निवेश, दमानी का दूसरा सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है। मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, दमानी का पोर्टफोलियो इस तरह है:
- DMart – ₹1.92 लाख करोड़
- NSE – ₹9300 करोड़
- Trent – ₹2788 करोड़
- VST Industries – ₹1560 करोड़
- अन्य कंपनियां – ₹5500 करोड़ के आसपास
कुल मिलाकर दमानी ने लगभग 12 कंपनियों में निवेश कर रखा है और उनका पोर्टफोलियो ₹2 लाख करोड़ से भी ज्यादा का हो गया है।
NSE का IPO क्यों खास है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और कैश इक्विटी मार्केट में इसकी लगभग 90% हिस्सेदारी है। NSE का IPO इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि यह भारत के सबसे बड़े IPOs में से एक हो सकता है।
NSE की IPO प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। SEBI से मंजूरी मिल चुकी है और उम्मीद है कि NSE इसी जुलाई में अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल कर देगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, IPO की लिस्टिंग जनवरी से मार्च 2026 के बीच हो सकती है।
एक बड़ा सवाल यह है कि क्या दमानी NSE के IPO में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे? फिलहाल इस पर कोई साफ जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन अगर दमानी केवल 10% शेयर भी बेचते हैं, तो उन्हें करीब ₹930 करोड़ की मोटी रकम मिल सकती है।
निवेशकों के लिए क्या सीख?
दमानी की इस रणनीति से निवेशकों को कई चीज़ें सीखने को मिलती हैं:
- निवेश में लंबी अवधि की सोच रखें। दमानी ने NSE में कई साल पहले निवेश किया, जब यह चर्चा में भी नहीं था।
- हमेशा हाइप से दूर रहकर मजबूत कंपनियों में भरोसा करें।
- अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश करके पोर्टफोलियो को संतुलित रखें।
- अगर सही कंपनी मिल जाए, तो प्री-IPO निवेश से शानदार रिटर्न मिल सकता है।
दमानी ने NSE जैसे मजबूत लेकिन शांत सेक्टर में चुपचाप दांव लगाया और आज उनकी होल्डिंग हज़ारों करोड़ की हो गई। अब NSE का IPO आने वाला है, जो उनके पोर्टफोलियो का एक और चमकता सितारा बन सकता है।
क्या करें निवेशक?
अगर आप भी IPO में पैसे लगाना चाहते हैं, तो NSE के IPO पर ज़रूर नज़र रखें। बाजार एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह IPO निवेशकों को शानदार रिटर्न दे सकता है। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले कंपनी को समझें, उसके बारे में पढ़ें और सोच-समझकर फैसला लें।
F.A.Q.
– NSE का IPO कब आ सकता है?
NSE का IPO फिलहाल तैयारी के अंतिम चरण में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका DRHP जुलाई 2025 में फाइल हो सकता है और IPO की लिस्टिंग जनवरी–मार्च 2026 के बीच संभव है।
– NSE में राधाकिशन दमानी की कितनी हिस्सेदारी है?
दमानी की NSE में हिस्सेदारी लगभग 1.58% है, जो करीब 3.91 करोड़ शेयरों के बराबर है।
– दमानी की NSE में की गई होल्डिंग की वैल्यू कितनी है?
अनलिस्टेड मार्केट के हिसाब से NSE में दमानी की होल्डिंग की वैल्यू लगभग ₹9300 करोड़ आंकी गई है।
– SE का IPO इतना खास क्यों माना जा रहा है?
NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और कैश इक्विटी ट्रेडिंग में इसकी लगभग 90% हिस्सेदारी है। साथ ही, इसका रेवेन्यू और मुनाफा लगातार बढ़ रहा है, इसलिए यह IPO भारत के सबसे बड़े और चर्चित IPOs में से एक होगा।
– क्या दमानी NSE के IPO में अपने शेयर बेचेंगे?
फिलहाल इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं है। लेकिन अगर दमानी केवल 10% हिस्सेदारी भी बेचते हैं, तो उन्हें करीब ₹930 करोड़ की रकम मिल सकती है।
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