भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी हलचल उस समय देखने को मिली जब मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे भारतीय बाजार में ट्रेड करने से प्रतिबंधित कर दिया।
SEBI ने आरोप लगाया कि Jane Street ने भारतीय बाजार में ग़ैरकानूनी तरीक़ों से 4843 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया। यही नहीं, SEBI ने फर्म को आदेश दिया है कि वह भारतीय बैंकों में खाता खोलकर यह राशि जमा करे और अगले तीन महीनों के भीतर अपनी सभी पोजिशन्स (स्थिति) स्क्वायर ऑफ़ करे।

Jane Street का क्या है मामला?
यह मामला अप्रैल 2024 का है, जब SEBI को Jane Street और उसकी सहायक एंटिटीज़ की ट्रेडिंग गतिविधियों में कुछ संदिग्ध पैटर्न नजर आए। जांच के दौरान SEBI को ऐसे सबूत मिले जिससे यह साबित होता है कि Jane Street ने भारतीय बाजार में मैनिपुलेटिव प्रैक्टिसेस (बाजार को कृत्रिम रूप से प्रभावित करने वाली रणनीतियां) अपनाई।
Jane Street एक हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग करने वाली अमेरिकी फर्म है। इस तरह की ट्रेडिंग में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और तेज़ गति से ऑर्डर देने वाले अल्गोरिद्म का इस्तेमाल होता है। लेकिन SEBI के मुताबिक, Jane Street ने इस टेक्नोलॉजी का ग़लत इस्तेमाल किया और भारतीय निवेशकों के खिलाफ एकतरफा मुनाफ़ा कमाया।
कैसे की गई मैनिपुलेशन?
SEBI की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, Jane Street की रणनीतियां मुख्यत: बैंक निफ्टी ऑप्शंस के इर्द-गिर्द घूम रही थीं। फर्म ने बैंक निफ्टी की एक्सपायरी वाले दिन भारी मात्रा में बैंक निफ्टी के फ्यूचर्स खरीदे, फिर कैश सेगमेंट में बैंक निफ्टी से जुड़ी कुछ कंपनियों के स्टॉक्स उठाए। उसके बाद ऑप्शंस सेगमेंट में पुट और कॉल ऑप्शंस भारी मात्रा में बेचकर पूरे बाजार को प्रभावित कर दिया।
SEBI ने अपनी 105 पन्नों की रिपोर्ट में बताया कि Jane Street ने पुट-कॉल पैरिटी जैसी जटिल रणनीतियों का इस्तेमाल किया। आमतौर पर यह रणनीतियां वैध होती हैं, लेकिन यहां इन्हें इस तरह से डिज़ाइन किया गया जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान दूसरों को और मुनाफ़ा सिर्फ इन्हें हो। SEBI का मानना है कि फर्म ने भारतीय कानूनों और नियमों की सीमाओं को पार किया।
कितना बड़ा है असर?
SEBI ने Jane Street को तीन महीने के भीतर अपनी सभी पोजिशन्स बंद करने और 4843 करोड़ रुपये भारतीय बैंक खाते में जमा करने का आदेश दिया है। इस एक्शन के बाद Jane Street से जुड़ी भारतीय एंटिटी नोवामा का स्टॉक भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई इंडेक्स और अन्य मिडकैप स्टॉक्स पर भी सुबह के सत्र में इस खबर का असर दिखा।
हालांकि बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर दीर्घकालिक नहीं होगा। बाजार में थोड़ी घबराहट रहेगी लेकिन भारतीय शेयर बाजार का दीर्घकालिक बुल रन अब भी बरक़रार है।
क्यों लिया गया इतना सख़्त एक्शन?
SEBI तब तक इस तरह का एक्शन नहीं लेता जब तक कि कोई गतिविधि नियमों की सीमा से बाहर न चली जाए। इस मामले में Jane Street की रणनीतियां इतनी बारीकी से तैयार की गई थीं कि आम निवेशकों के लिए नुकसानदेह साबित हुईं। SEBI ने साफ़ किया कि भारतीय बाजार में इस तरह की मैनिपुलेटिव प्रैक्टिसेज़ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
टेक्नोलॉजी और नियमों की पतली लकीर
विशेषज्ञों का कहना है कि आज के समय में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग का बोलबाला है, तो नियमों और मैनिपुलेशन के बीच की लकीर बेहद पतली हो गई है। वही रणनीति जो एक निवेशक के लिए जायज़ हो, बड़े संस्थानों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जाने पर नियम तोड़ने जैसी लग सकती है।
आगे क्या?
SEBI की इस कार्रवाई ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भारतीय रेगुलेटरी एजेंसियां अब तकनीक आधारित ट्रेडिंग पर भी कड़ी नजर रख रही हैं। Jane Street की गतिविधियां तो फिलहाल रुक गईं, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या इसी तरह की और भी जांचें जारी हैं?
बाजार फिलहाल इस घटना के असर से थोड़ा नर्वस दिख रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही घबराहट कम होगी, निवेशक फिर से निचले स्तरों पर खरीदारी शुरू करेंगे।
निष्कर्ष
Jane Street पर SEBI का यह एक्शन भारतीय बाजार में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही यह उन सभी विदेशी और घरेलू संस्थानों के लिए चेतावनी भी है कि बाजार की आत्मा के खिलाफ कोई भी चालाकी लंबे समय तक नहीं चल सकती।
F.A.Q.
– SEBI ने Jane Street के खिलाफ कार्रवाई क्यों की?
SEBI ने पाया कि Jane Street ने भारतीय शेयर बाजार में मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग रणनीतियों के जरिए गैरकानूनी तरीके से करीब ₹4843 करोड़ का मुनाफा कमाया। फर्म ने ऑप्शंस और बैंक निफ्टी से जुड़े फ्यूचर्स में गड़बड़ी करके बाजार को प्रभावित किया।
– Jane Street पर कौन-कौन से प्रतिबंध लगाए गए हैं?
SEBI ने Jane Street को भारतीय बाजार में ट्रेड करने से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, उसे भारतीय बैंकों में खाता खोलकर ₹4843 करोड़ जमा कराने और तीन महीनों के भीतर अपनी सभी ओपन पोजिशन्स बंद करने का आदेश दिया गया है।
– Jane Street ने किस तरह की मैनिपुलेटिव रणनीति अपनाई?
SEBI की जांच में सामने आया कि Jane Street ने बैंक निफ्टी के एक्सपायरी वाले दिन बड़े पैमाने पर फ्यूचर्स खरीदे, स्टॉक्स उठाए और ऑप्शंस में भारी बिकवाली की। यह सब इतने बड़े पैमाने पर हुआ कि बाजार के संतुलन को तोड़ दिया गया और आम निवेशकों को नुकसान हुआ।
– क्या इससे भारतीय शेयर बाजार पर कोई बड़ा असर पड़ेगा?
शॉर्ट टर्म में बाज़ार में घबराहट और कुछ स्टॉक्स में गिरावट देखी गई, खासकर नोवामा जैसे जुड़े स्टॉक्स में। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि लंबी अवधि में भारतीय बाजार की मजबूती बनी रहेगी और यह घटना बाजार के बुल रन को नहीं रोकेगी।
– क्या SEBI ऐसी और भी जांचें कर रहा है?
SEBI ने साफ संकेत दिया है कि अब वह हाई-फ्रीक्वेंसी और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग पर कड़ी निगरानी रखेगा। इसलिए, भविष्य में ऐसी और जांचें और कार्रवाइयां हो सकती हैं अगर किसी फर्म की गतिविधियां नियमों के बाहर पाई जाती हैं।
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