केंद्र में एक बार फिर से सरकार बनने के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में है। 100 दिन के एजेंडे पर काम करते हुए एक के बाद एक जबरदस्त फैसले लिए जा रहे हैं। पांच ऐसे महत्वपूर्ण फैसले कैबिनेट के जरिए लिए गए हैं, लेकिन इनमें से दो फैसले जो रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करते हुए लिए गए हैं, ये काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
इन निर्णयों का किन स्टॉक्स पर असर पड़ेगा और भविष्य में क्या संभावनाएं हो सकती हैं, आज हम इस आर्टिकल के मदद से बात करेंगे आइए जानते है:-
रिन्यूएबल सेक्टर पर सरकार का फोकस
सबसे पहले बात करते हैं रिन्यूएबल एनर्जी की, सरकार ने पहले Offshore wind प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी है। इसके तहत समुद्र में फ्लोटिंग टर्मिनल बनाए जाएंगे।
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर Offshore wind प्रोजेक्ट होते क्या हैं। देश में बिजली की खपत हर दिन एक रिकॉर्ड बना रही है और ऐसे में बिजली की सप्लाई पूरी करने के लिए अलग-अलग स्रोत की जरूरत होती है। Offshore wind Energy इनमें से एक नया स्रोत बनकर उभरा है।
समुद्र के बीचोबीच विंड टरबाइन स्थापित करना कितना मुश्किल होता है, आप सोच सकते हैं। रात में यहां पे काम नहीं कर सकते, सी लेवल बदलता रहता है, पूरी मशीनरी महंगी होती है। जमीन पर तो ट्रांसमिशन लाइंस आसानी से बिछ जाती हैं, लेकिन समुद्र में वाटरप्रूफ अंडरवाटर हाई टेंशन लाइंस बिछानी पड़ती हैं।
इस प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट ने वायबल फंडिंग गैप का ऐलान भी किया है, यानी सरकार वित्तीय तौर पर मदद करेगी। इस प्रोजेक्ट पर सरकार 7453 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
पहला गुजरात में 500 मेगावाट का प्रोजेक्ट होगा और दूसरा तमिलनाडु में। वेस्ट और ईस्ट कोस्ट में हवा पूरे साल अच्छी चलती है, इसलिए यह अहम फैसला लिया गया है। हमारे देश में करीब 7000 किलोमीटर का कोस्टल लाइन है, जहां 70000 गीगावाट का विंड पोटेंशियल मापा जा सकता है।
रिन्यूएबल सेक्टर में किन स्टॉक को होगा फ़ायदा
अब सवाल उठता है कि इस फैसले से किन स्टॉक्स पर असर देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, “गवर्नमेंट का यह डिसीजन बहुत अच्छा है और इससे आने वाले समय में पावर की दिक्कतें बहुत हद तक दूर हो जाएंगी। रिन्यूएबल एनर्जी के स्टॉक्स में SJVN, SUZLON, INOX और Adani Green पर अच्छा असर पड़ेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर सरकार का बड़ी फैसला
अब बात करते हैं दूसरे अहम फैसले की, जो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है। पोर्ट एंड शिपिंग सेक्टर के लिए पालघर के वधावन पोर्ट पर सरकार 7200 करोड़ खर्च करेगी। इसकी क्षमता 298 मिलियन टन यूनिट हो जाएगी। इसमें करीब 12 लाख रोजगार पैदा करने की क्षमता है।
इंडिया-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर मजबूत होगा और नौ कंटेनर टर्मिनल और मेगा कंटेनर पोर्ट स्थापित किए जाएंगे। इसका पहला चरण 2029 में पूरा होगा और यह पोर्ट दुनिया के टॉप 10 पोर्ट में शामिल हो सकता है।
इसके साथ ही, वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता का विस्तार भी किया जाएगा। एक नया टर्मिनल, रनवे, हाईवे और अंडरपास बनाए जाएंगे, जिस पर करीब 2870 करोड़ खर्च होंगे।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में किन स्टॉक को होगा फ़ायदा
एक्सपर्ट का कहना है की गवर्नमेंट के इस बेहतरीन फैसले से Adani Ports, Shipping Corporation of India, Essar Shipping Ltd जैसी कंपनियों को बेनिफिट मिलेगा। यह मिडिल ईस्ट कॉरिडोर को और मजबूत करेगा और हमारे ट्रेड को स्ट्रांग करेगा।
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