शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है। मान लीजिये बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है। शेयर बाजार में जहा 18 साल से अधिक उम्र के लोग शेयर खरीद और बेच सकते हैं वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग ही नियम है।
हमेशा से इस बात को लेकर लोगों के मन में संशय रहा है कि क्या सरकारी कर्मचारी इंट्रा डे ट्रेडिंग कर सकते हैं?
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क्या सरकारी कर्मचारी इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं
तो अब सरकारी अफसरों के लिए अच्छी खबर है, कि वे अब म्यूचुअल फंड की स्कीम और शेयरों में पहले से ज्यादा निवेश कर सकते हैं। सरकार ने इसके लिए बकायदा 27 साल पुराने नियम में बदलाव किया है।
साल 1992 के 27 साल पुराने नियम के तहत पहले ग्रुप ए और बी के अधिकारियों को एक वित्त वर्ष में शेयर, म्यूचुअल फंड और डिबेंचर में कुल ट्रांजेक्शन 50,000 रुपये से अधिक रहने पर फॉर्म भरकर सरकार को इसकी जानकारी देनी पड़ती थी। अब सरकार ने इस लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर छह गुना कर दिया है। पहले ग्रुप सी और ग्रुप डी सरकारी अफसरों के लिए यह सीमा 25,000 रुपये थी। सरकारी अफसरों की वेतन संरचना को ध्यान में रखकर सरकार ने यह फैसला किया है। इस नियम के बदलने से अब आप ये नहीं कह सकते कि क्या सरकारी कर्मचारी इंट्रा डे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
नए आदेश से लेनदेन की यह सीमा बढ़ाने के साथ साथ इसमें कहा गया है कि एक वित्त वर्ष में शेयर, सिक्योरिटीज, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड में कुल लेनदेन सरकारी अफसर की छह महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा होने पर उन्हें तय अथॉरिटी या फिर अपने वरिष्ठ अधिकारी को इसके बारे में जानकारी देनी होगी। 7वें वेतन आयोग के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी के इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया होगा।
शेयर बाजार में व्यक्तिगत ट्रांजेक्शन दो महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा होने पर अब भी सरकारी अफसर को सालाना आधार पर सरकार को अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी सरकार को देनी होगी। लेकिन, अगर शेयरों में उनका कुल लेनदेन उनकी छह महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा नहीं होता है तो उन्हें अलग से फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा।
इन नियमों में अब भी यह कहा गया है कि शेयर या दूसरे निवेश में बार-बार की खरीद या बिक्री को सट्टेबाजी माना जाएगा और कोई सरकारी कर्मचारी किसी शेयर या दूसरे निवेश में सट्टेबाजी नहीं करेगा। लेकिन, स्टॉक ब्रोकर या अधिकृत व्यक्ति के जरिए कभी-कभार सरकारी कर्मचारी को निवेश करने की इजाजत होगी। वहीँ एक्सपर्ट का कहना है कि जब सरकारी कर्मचारियों को छूट मिल रही है तो इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें? ये उन्हें जानना चाहिए। जब उनके पास जानकारी होगी तभी वो बेहतर फैसला ले पाएंगे।
अब सरकारी कर्मचारी अपने कॉर्पस का अधिकतम 50 फीसदी हिस्सा, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारी अधिकतम 75 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। इसलिए शेयर बाजार जितना ऊपर जाएगा, जितनी तेजी शेयर मार्केट में आएगी, खाताधारकों के कॉर्पस पर रिटर्न ज्यादा मिलेगा और रिटायरमेंट के बाद मैच्योरिटी अमाउंट भी ज्यादा होगा। आज की तारीख में शेयर बाज़ार से तकरीबन 7,500 कंपनियां जुड़ी हुई हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग से जुड़ी सवाल F.A.Q.
– इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें?
इसे अच्छे से समझने के लिए किसी विशेषज्ञ से मदद लें. वो अच्छे से उन्हें समझा पाएंगे कि ये क्या है।
– इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कहा पर अकाउंट खोले?
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आप Choice India पर Demat and Trading अकाउंट एकसाथ खोल सकते हो।
– क्या इंट्राडे ट्रेडिंग से हर दिन अच्छा कमाई किया जा सकता हैं?
अगर आप अच्छी तरह समझकर इंट्राडे ट्रेडिंग करते हो तो जरुर आप अच्छी रिटर्न हर दिन कमाई कर सकते हो।
उम्मीद करता हु आपको क्या सरकारी कर्मचारी इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं इस आर्टिकल की मदद से इसका जवाव आपको मिल गया होगा। अगर आपके मन में अभी भी इस आर्टिकल से जुड़ी कोई भी सवाल मन में आ रहा है तो कमेंट में बताना बिल्कुल भी ना भूले। शेयर मार्किट से जुड़ी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारीयों के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल को भी पढ़ सकते हो।
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